02-Aug-2017 10:10 AM
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मप्र में खेती को लाभ का धंधा बनाने और 2022 तक हर किसान की आय दोगुना करने की दिशा में काम कर रही प्रदेश सरकार ने फसल गिरदावरी के लिए मोबाइल एप शुरू किया है। ऐप की मदद से किसानों को न केवल उनकी फसल का उचित मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी, बल्कि वे अपनी कई समस्याओं का हल इस ऐप के जरिए आसानी से पा सकेंगे। यह ऐप खेती-किसानी के क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी के बेहतर इस्तेमाल में महत्वपूर्ण साबित होगा। साथ ही, किसानों को फसल बीमा का फायदा पहुंचाने, प्राकृतिक आपदा की स्थिति में नुकसान की भरपाई ओर बैंक ऋण लेने में मददगार होगा। राजस्व विभाग का यह क्रांतिकारी कदम भविष्य में बदलाव लाएगा। पारंपरिक बस्ते से मुक्ति मिलेगी।
मोबाइल एप के माध्यम से पटवारी ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की फसलों की गिरदावरी करेंगे। गिरदावरी से तात्पर्य किसानों द्वारा बोई गई फसल का रिकार्ड पटवारी द्वारा रखा जाएगा। वह उसे अपने खसरे में दर्ज करते हैं लेकिन अब शासन मोबाइल तकनीक के माध्यम से न सिर्फ फसलों का रिकार्ड रखेगी बल्कि किसान स्वयं अपनी फसलों के रिकार्ड को ऑनलाइन भी देख सकेंगे। इसके लिए सरकार 11,500 पटवारियों को प्रशिक्षण दिया है। विगत दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस प्रशिक्षण का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने किसानों को उन्नत और समृद्धशाली बनाने के लिए प्रेरित किया। साथ ही इस नई तकनीक का उपयोग करने के लिए पटवारियों को टेबलेट मुहैया कराने की बात भी कही है। इस दौरान पटवारियों ने एप के संबंध में कई तरह के सुझाव भी दिए।
इस एप के माध्यम से किसान का नाम, मोबाइल नंबर, बोई गई फसल, फसल का क्षेत्रफल व आधार कार्ड नंबर मोबाइल की एप्लीकेशन में दर्ज किया जाएगा। इसके बाद किसान के मोबाइल नंबर पर फीड की गई जानकारी के साथ एक ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) मैसेज के माध्यम से पहुंचेगा। पटवारी द्वारा दर्ज की गई जानकारी को किसान मैसेज में देख पाएगा। यदि यह जानकारी सही हो तो किसान ओटीपी नंबर पटवारी को बताएगा। इस नंबर के बाद ही किसान की जानकारी पोर्टल पर अपलोड हो पाएगा। यदि जानकारी त्रुटिपूर्ण है तो किसान पटवारी से बात कर इसे संशोधित भी करवा सकते हैं। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले पटवारी अब तहसील के अन्य पटवारियों को इस संबंध में प्रशिक्षित करेंगे।
जानकारी के अनुसार पुराने ढर्रे के बजाय एप के माध्यम से पारदर्शिता बढ़ेगी। दर्ज की गई जानकारी स्वयं किसान तस्दीक कर पाएंगे। इसके साथ ही सरकार को भी प्रदेश के प्रत्येक क्षेत्र में बोए गए रकबे और उसे उत्पादन की जानकारी तत्काल मिल सकेगी। इस जानकारी के आधार पर सरकार फसलों के विपणन को लेकर उचित कदम सही समय पर उठा पाएगी। किसानों के लिए योजना भी इसी आधार पर तय की जा सकेगी। आधिकारिक जानकारी के अनुसार फसल गिरदावरी प्रति वर्ष की जाने वाली एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो वर्ष में दो बार खरीफ एवं रबी सीजन की बुवाई के बाद की जाती है तथा भू-अभिलेखों में दर्ज की जाती है। इसके माध्यम से किसानों को फसलों की बोवाई, वृक्षारोपण आदि जानकारी मोबाइल पर उपलब्ध होगी। इस मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से पटवारियों को उनके गांव के सभी भू-स्वामियों के सभी खसरों की जानकारी प्राप्त हो सकेगी तथा उनके द्वारा कृषक से संपर्क कर लगाई गई फसल की जानकारी गांव से ही भरी जा सकेगी।
- विशाल गर्ग