अबकी बार दो सौ पार
02-Aug-2017 09:30 AM 1234833
जून माह से पहले तक मप्र भाजपा इस बात को लेकर पूरी तरह आश्वस्त थी कि प्रदेश में लगातार चौथी बार उसकी सरकार बनने जा रही है, लेकिन किसान आंदोलन के बाद स्थिति बदली नजर आ रही है। ऐसे में पार्टी ने पदाधिकारियों से लेकर कार्यकर्ताओं तक को संदेश दिया है कि अबकी बार 200 सीटों से अधिक जीतना है। इसलिए सभी आज से ही इस अभियान में जुट जाए। इसके लिए विगत दिनों राजधानी भोपाल में आयोजित प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में इसका खाका तैयार किया गया। 200 के पार जाने के लिए पार्टी किस तरह काम करेगी इस पर विचार विमर्श किया गया। बिहार में जदयू के साथ सरकार बनाने के बाद भाजपा नेताओं के हौंसले और बुलंद हैं।  प्रभारी विनय सहस्रबुद्धे का कहना है कि हम 2018 से विक्रम विजय की ओर आगे बढ़ेंगे। हमें 2018 की परीक्षा मेें छाती चौड़ी करने का पर्याप्त अवसर है। 9 अगस्त को क्रांति दिवस अथवा भारत छोड़ों आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ है, इसलिए 9 से 15 अगस्त तक देशभक्ति के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। हमारा जो विजयपथ आरंभ हुआ है, वह 2018 से विक्रम विजय की ओर बढ़ेगा। शिवराज के नेतृत्व में फिर से विजय पताका फहराई जाएगी। वहीं प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमारसिंह चौहान का कहना है कि  समर्थन मूल्य पर  प्याज, तुअर, मूंग उड़द खरीदने का साहस मुख्यमंत्री ने दिखाया है, यह कोई छोटी-मोटी बात नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के हित में प्रदेश में जितना काम हुआ है वह दुनिया में कहीं नहीं हुआ है। आज देश के सर्वोच्च चारों पदों पर हमारे कार्यकर्ता दिखेंगे, इससे ज्यादा आनंद का विषय और क्या  हो सकता है। किसान आंदोलन और नरोत्तम मिश्रा प्रकरण के बाद बैकफुट पर नजर आ रही भाजपा अब दमदारी से फ्रंटफुट पर आ गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी लगातार चौथी पारी के लिए ताल ठोक दी है। उनका कहना है कि कांग्रेस के लोगों के पास कोई मुद्दा ही नहीं बचा है। उन्होंने सरकार द्वारा किए जा रहे कामों को गिनाया और कहा कि कांग्रेस को जब कुछ नहीं सूझा तो उसने मंदसौर गोलीकांड के दिवंगतों के परिवारवालों को एक करोड़ देने पर सवाल उठाया और कहा कि एक करोड़ देने का क्या पैमाना है। मैं कहना चाहता हूं कि जिसके परिवार में कोई मरता है, उनके प्रति संवेदना होना चाहिए और संवेदनाओं का कोई मूल्य नहीं होता है। वहीं पार्टी के अन्य नेताओं ने भी हर मंच पर अपना दम दिखाना शुरू कर दिया है। उधर पार्टी का हौंसला बढ़ाने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह अगले महीने तीन दिन के प्रदेश प्रवास पर आएंगे। दरअसल भाजपा जिस तरह से एक के बाद एक कार्यक्रम घोषित करते जा रही है, उससे उसके आम कार्यकर्ता थक गए हैं। यहां तक कि नेता से लेकर विधायक भी अब बार-बार होने वाले कार्यक्रम से परेशान होने लगे हैं, लेकिन अनुशासनहीनता के डर से वे अपनी बात जाहिर तौर पर कह नहीं पाते। एक कार्यक्रम निपटता नहीं कि दूसरे कार्यक्रम की सूचना आ जाती है। कई बार तो कार्यकर्ता कह चुके हैं कि इसके अलावा और भी काम है कि नहीं। ऐसे लोगों में हौंसला भरने के लिए शाह प्रदेश आ रहे हैं। उधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी अब लगातार कार्यकर्ताओं के संपर्क में रहेंगे। सम्पतिया उइके जाएंगी राज्यसभा मध्यप्रदेश में एक सीट पर होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अंतत: महाकोशल की आदिवासी नेता सम्पतिया उइके के नाम को हरी झंडी दे दी। संगठन में अपने कामों की वजह से सम्पतिया उइके सीएम शिवराज सिंह चौहान की पहली पसंद थी और उन्होंने ही उनका नाम आगे बढ़ाया था। राज्यसभा की दौड़ में तीन दिन तक पहले नंबर पर माने जा रहे पूर्व संगठन महामंत्री माखन सिंह को सीएम ने फोन पर सारी स्थितियों से अवगत कराते हुए सॉरी कह दिया। राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी कौन होगा, इसकी स्क्रिप्ट भाजपा की 22 जुलाई को होने वाली प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के दौरान ही लिखी जाने लगी थी। इस दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच हुई चर्चा में इंदौर जिला पंचायत की अध्यक्ष कविता पाटीदार, माखन सिंह और मंडला की जिला पंचायत अध्यक्ष सम्पत्तिया उइके का नाम प्रमुखता से उभरे थे। - रजनीकांत पारे
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