02-Aug-2017 08:23 AM
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बूंद-बूंद पानी को तरसते बुंदेलखंड में अब तक हर साल सैकड़ों लोगों ने या तो खुदकुशी कर अपनी जीवनलीला खत्म कर डाली या फिर वहां से पलायन करने को मजबूर हो गए। वहां के मजदूर हों या फिर किसान सबकी हालत करीब-करीब एक जैसी ही नजर आती है। उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड के सात जिले आते हैं। लेकिन, पिछले कई वर्षों से सूखे की मार और पानी की कमी ने किसानों का जीना दूभर कर दिया है।
हालात ये हो गए थे कि पानी की किल्लत के चलते लोगों ने अपने मवेशियों को खुला छोड़ दिया था, क्यों वे लोग चारा और पानी देने में असमर्थ थे। केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों की मानें तो अकेले चित्रकूट धाम मंडल में पिछले पांच साल में एक हजार से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या की। लेकिन, अब न ही यहां के किसान खुदकुशी करने को मजबूर होंगे और न ही यहां की धरती पहले की तरह बंजर पड़ी रहेगी और उसकी वजह है बुंदेलखंड को लेकर सरकार का प्लान।
सूखे की मार से जूझ रहे बुंदेलखंड पर सरकार मेहरबान हुई है। यहां खेतों की सिंचाई और पानी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने समेत किसानों की जरूरतों को देखते हुए सरकार की तरफ से चालू वित्तीय वर्ष में 1.63 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। इसके तहत 340 किसानों का चयन कर उनके खेतों में तालाब खोदे जा रहे हैं। जिसमें 135 तालाब छोटे और 205 बड़े तालाब होंगे। छोटे तालाब को बनाने की कुल लागत करीब 1.05 लाख रुपये और बड़े तालाब के निर्माण में 11 लाख 28 हजार चार सौ रुपये का खर्च आएगा। लाभार्थी किसान को तालाब की लागत की आधी धनराशि खुद देनी होती है और आधी धनराशि शासन की ओर से दी जाती है। ये 340 तालाब सरकार को भेजे गए एक हजार तालाबों के प्रस्ताव से बिल्कुल अलग है। पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में खेत तालाब योजना के तहत हमीरपुर के किसानों के खेतों में एक हजार तालाब खोदे जाएंगे। खेतों में तालाब से भूगर्भ जलस्तर सुधार के साथ ही बारिश की बूंदों को भी सहेजा जा सकेगा ताकि किसानों को खेतों की सिंचाई के लिए किसी पर आश्रित न होना पड़े। इसके अलावा मत्स्य पालन से किसानों की आय भी बढ़ेगी।
दरअसल, किसानों की समस्याओं को देखते हुए समाजवादी पार्टी सरकार ने 2015 में बुंदेलखंड में खेत तालाब योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत भूमि संरक्षण विभाग और कृषि विभाग की ओर से किसानों का चयन कर उनके खेतों में तालाब बनवाए जाते हैं। प्रथम वर्ष जिले को पचास तालाबों का लक्ष्य दिया गया था। अब जिले में एक हजार किसानों को लाभ देने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। बजट आते ही हमीरपुर के किसानों को इसका लाभ दिया जाएगा। भूमि संरक्षण अधिकारी राम कुमार माथुर ने बताया कि जिले में अधिक से अधिक किसानों को लाभ देने की योजना बनाई गई है। इससे किसान अपनी फसलों की सिंचाई के साथ ही उस तालाब में मत्स्य पालन भी कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि शासन को एक हजार तालाब बनवाने का प्रस्ताव भेजा गया है। बजट आते ही किसानों का चयन किया जाएगा। जो किसान अपने खेतों में तालाब बनवाना चाहते हैं, उनको इसका लाभ दिया जाएगा। जाहिर है इस तरह की योजना सही मायने में लागू होती है तो इससे न सिर्फ सूखे बुंदेलखंड में पानी की समस्या खत्म होगी, बल्कि वहां पर लगातार खुदकुशी को मजबूर किसानों को भी एक बड़ा सहारा मिलेगा।
मिशन अंत्योदय से गरीबी मुक्त होगा बुंदेलखंड
अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो अक्टूबर 2019 तक बुंदेलखण्ड के गांव गरीबी से मुक्त हो जाएंगे। केंद्र व प्रदेश सरकार ने एक खास लक्ष्य के तहत बुंदेलखण्ड के लगभग 530 गांवों को गरीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। शासन से इसके लिए निर्देश भी जारी हो चुके हैं। 30 जुलाई तक इस मिशन के तहत चिन्हित गांवों की सूची हर हाल में उपलब्ध करा दी जाएगी, जिससे योजना को आगे बढ़ाया जा सके। बुन्देलखण्ड के चित्रकूटधाम व झांसी मण्डल के गांव इस योजना में शामिल होंगे। मिशन अंत्योदय भारत सरकार की इस योजना के तहत अब बुंदेलखण्ड के गांवों को गरीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। बुंदेलखण्ड के चित्रकूटधाम व झांसी मंडल के लगभग 530 गांवों को इस योजना के तहत चयनित किया जाएगा। इन दोनों मण्डलों के मण्डलायुक्त जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारियों को शासन की तरफ से सूचना भी दे दी गई है कि अपने-अपने जनपदों के चयनित गांवों की सूची प्रेषित करते हुए अवगत कराएं।
-धर्मेंद्र सिंह कथूरिया