व्यायाम से कंट्रोल होगा ब्लड प्रैशर
16-May-2013 08:00 AM 1234859

हाई ब्लडप्रेशर एक गंभीर समस्या है। अनियमित खान-पान, गैस, अनिद्रा और नमक के अधिक सेवन से यह बीमारी पैदा हो जाती है। उच्च रक्तचाप के रोगी को एल्कोहल का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि एल्कोहल हृदयगति को बढ़ाता है। हाई ब्लड प्रैशर यानी उच्च  रक्तचाप शरीर के कई अंगों को नुकसान पहुंचाता है जैसे- दिमाग, आंख, दिल, गुर्दा और शरीर की धमनियां। अगर हाई ब्लड प्रैशर की समस्या है तो आपको हार्ट-अटैक, नस फटने और किडनी फेल होने की ज्यादा संभावना होती है। हाई ब्लड प्रैशर के रोगी को नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए। नियमित व्यायाम रक्त-संचार को स्थिर करता है और हार्ट-अटैक की संभावना को कम करता है।
बीपीके लिए योग
शीतली व्यायाम: उच्च  रक्तचाप के रोगी को सबसे पहले अनुलोम-विलोम का अभ्यास करना चाहिए। उसके बाद सुखासन (आराम की मुद्रा) में बैठकर जीभ को बाहर निकालकर नलीनुमा बनाइए और मुंह से सांस को आराम से अंदर खींचिए। सांस अंदर खींचने के बाद जीभ अंदर करके मुंह बंद करें और फिर नाक से धीरे-धीरे सांस बाहर निकालें। शुरुआत में यह क्रिया 5 बार कीजिए उसके बाद इसे बढ़ाकर 50-60 कर  दीजिए।
अंग संचालन : इसे सूक्ष्म व्यायाम भी कहा जाता है जिसका बहुत महत्व है। इस क्रिया का पूरी तरह से अभ्यास कर लेने के बाद ही योगासन करना चाहिए। अंग संचालन के अंतर्गत आंख, गर्दन, कंधे, हाथ-पैर, घुटने, एडी-पंजे, कूल्हों आदि अंगों की एक्सरसाइज की जाती है। जैसे कि पैरों की अंगुलियों को मोडना-खोलना, पंजे को आगे-पीछे करना, गोल-गोल घुमाना, कलाई मोडना, कंधों को घुमाना, गर्दन को क्लॉकवाइज-एंटीक्लाकवाइज घुमाना और मु_ियों को कसकर बांधना-खोलना आदि किया जाता है। इस क्रिया को सीखकर प्रतिदिन 10-10 बार रोज करें।
ध्यान : सिद्धासन में बैठकर बांए हाथ को अपनी गोद में रखें। हथेली ऊपर की ओर रखकर दाएं हाथ को बाएं हाथ पर रखें। ध्यान रहे हथेली ऊपर की ओर ही रहनी चाहिए। उसके बाद दोनों हाथों के अंगूंठों के अगले भाग को आपस में मिला दीजिए। फिर आखों को बंदकर सांस को अंदर-बाहर कीजिए। इससे दिमाग और मन को शांति मिलती है।
शवासन : यह बहुत ही आसान क्रिया है। इसको करने के लिए पीठ की साइड में लेट जाएं। पूरे शरीर और मांसपेशियों को एकदम ढीला छोड़ दीजिए। चेहरे पर से तनाव को एकदम से हटा दीजिए। उसके बाद धीरे-धीरे गहरी और लंबी सांस लेते हुए नींद लेने जैसा महसूस करें। इस क्रिया का अभ्यास प्रतिदिन 10 मिनट तक कीजिए।
प्राणायाम : प्राणायाम सांस की गति और रक्त  संचार को सामान्य करता है। दिल का सांस और रक्त संचार से गहरा संबंध होता है। उच्च रक्तचाप के रोगी को नाडीशोधन प्राणायाम और उज्जकयी प्राणायाम (इससे ब्लड प्रेशर कम होता है) करना चाहिए। प्राणायाम को 2-5 मिनट तक करना चाहिए।
योगा तनाव को कम करके रक्तसंचार को सामान्य करने का सबसे कारगर तरीका है। उच्च रक्तचाप के रोगी को व्यायाम के अलावा भी कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। ऐसा कोई भी काम नहीं करना चाहिए जिससे कि दिल की धड़कन तेज हो। इसके अलावा समय पर सोना-उठना, आराम दायक व साफ बिस्तर, सोने वाले स्थान पर शांति आदि का ख्याल रखना चाहिए।

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