जोगी पैंतरे से खलबली
22-Jul-2017 07:21 AM 1234810
कभी मैकेनिकल इंजीनियर, कभी आईपीएस-आईएएस, कभी राज्यसभा और लोकसभा सांसद तो कभी मुख्यमंत्री की संक्षिप्त लेकिन विवादास्पद पारी खेल चुके जोगी एक दुर्घटना का शिकार होने के बाद से व्हील चेयर पर हैं, लेकिन पूरी जिजीविषा के साथ राजनीति के मैदान में डटे हुए हैं। विधायकों की खरीद-फरोख्त, अंतागढ़ उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी मंतूराम पवार को मैदान से हटाने में बदनामी झेल चुके जोगी इन दिनों आरएसएस की तर्ज पर गांव-गांव में दस्तक दे रहे हैं। यही नहीं जोगी ने जनता के सामने शपथ पत्र का एक ऐसा फंडा रखा है जिसने भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों में खलबली मचा दी है। जोगी का दावा है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में वे कुछ ऐसा कमाल दिखाएंगे जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की होगी। जोगी का दावा सच होगा या गलत अभी इस पर कोई मुकम्मल राय कायम करना थोड़ी जल्दबाजी होगी, लेकिन एक साल पहले बनी उनकी नई नवेली पार्टी जनता कांग्रेस (जे) की गतिविधियों को देखकर लगता है कि इस बार चुनावी समर में राष्ट्रीय दल कांग्रेस और भाजपा को दुविधा की तंग गलियों से गुजरना पड़ सकता है। राजनीति के जानकारों की मानें तो छत्तीसगढ़ में एक बार फिर वर्ष 2003 जैसी स्थिति बन सकती है। जानकार कहते हैं कि अगर जोगी की पार्टी प्रदेश की सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ती है, तो कांग्रेस के परंपरागत वोटों पर फर्क पड़ सकता है। वहीं प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल का कहना है, जोगी पिछले दो चुनाव में कांग्रेस में रहकर भाजपा को फायदा पहुंचाते रहे हैं। अब जबकि वे पार्टी में नहीं हैं तो जनता के बीच यह संदेश चला गया है कि जोगी ने भाजपा के लिए ही बी टीम गठित की है, लेकिन सरकार की जनविरोधी नीतियों से आजिज आ चुकी जनता इस बार विकल्प के तौर पर कांग्रेस का ही चयन करने वाली है। राजनीतिक विशलेषकों को यह चिंता सताए जा रही है कि क्या  जोगी 2018 का चुनाव अपनी पार्टी के बैनर तले लड़ पाएंगे। वह इसलिए की एक घर और एक छत के नीचे रहने के बावजूद जोगी की पत्नी रेणु जोगी ने कांग्रेस से नाता नहीं तोड़ा है, इसलिए समय-असमय यह कयास लगाया जाता है कि देर-सबेर सोनिया या राहुल गांधी के कहने पर वे कांग्रेस में वापस आ सकते हैं, मगर जोगी इससे इनकार करते हैं। वे कहते हैं, मैं गांधी परिवार की इज़्जत करता हूं, इसलिए उनके सुख और दुख में तो शरीक हो सकता हूं लेकिन अपनी राजनीतिक असहमति के चलते पार्टी में वापस लौटना असंभव है। बहरहाल राजनीति के गलियारों में यह चर्चा तैर रही है कि जोगी कांग्रेस में लौटेंगे तो क्या होगा? यदि कांग्रेस में उनकी वापसी नहीं हुई और वे कुछ सीटों पर सफलता हासिल कर लेते हैं, तब क्या होगा? क्या वे कांग्रेस के साथ गठबंधन करेंगे या फिर भाजपा के साथ? अगर उनकी पार्टी सिर्फ वोटकटवा पार्टी बनकर ही रह गई, तब क्या उनका राजनीतिक करियर खत्म हो जाएगा। जोड़-जुगाड़ और राजनीतिक तिकड़मबाजी के लिए सुर्खियों में रहने वाले जोगी के पैंतरे का सभी को इंतजार है। शपथ पत्र के फंडे से सब हैरान जोगी का कहना है कि उनकी पार्टी प्रदेश की जनता के लिए जो कुछ भी करना चाहेगी, उसे वे एक शपथ पत्र में देंगे। उनका दावा है कि उनकी पार्टी ने बूथ स्तर पर 10 लाख कार्यकर्ता तैयार कर लिए हैं, जो घर-घर जाकर दस्तक देंगे और यह बताएंगे कि जोगी की सरकार बनी तो जनता को क्या फायदा होगा। बहरहाल उनके शपथ पत्र के नए फंडे से कांग्रेस और भाजपा में खलबली मच गई है। जोगी कहते हैं, अगर मैंने किसानों से वादा किया कि उन्हें धान का समर्थन मूल्य 25 सौ रुपये दिया जाएगा, तो मैं इसे हर हाल में पूरा करूंगा। शपथ पत्र से मुकरने का मतलब है कि जनता मुझ पर केस दर्ज करा सकती है। झूठा शपथ पत्र देने के एवज में दो साल की सजा भी हो सकती है। -रायपुर से टीपी सिंह के साथ संजय शुक्ला
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