01-Apr-2017 10:07 AM
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मप्र में लगातार चौथी बार सरकार बनाने के लिए भाजपा अभी से जमीनी तैयारी में जुट गई है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जहां पार्टी और उसके नेताओं की जमीनी हकीकत की निगरानी कर रहा है वहीं भाजपा और सरकार लगातार विधायकों को प्रोत्साहित कर रही है। कभी फटकार तो कभी पुचकार की नीति के साथ पार्टी और सरकार ने अपने विधायकों को संदेश दे दिया है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में उसी को टिकट दिया जाएगा जो पार्टी के पैमाने पर खरा उतरेगा।
ज्ञातव्य है कि पहले संघ और फिर संगठन ने कई मंत्रियों और आधे से अधिक विधायकों की रिपोर्ट को संतोषजनक नहीं पाया था। इसको लेकर अभी हाल ही में मुख्यमंत्री निवास पर भाजपा विधायक दल की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधायकों को साफ-साफ शब्दों में संदेश दिया कि प्रदेश में विकास सरकार का एक मात्र लक्ष्य है। विकास के दम पर ही हम प्रदेश में चौथी बार सरकार बनाएंगे। इसलिए सरकार की रिपोर्ट पर जो खरा उतरेगा उसी को आगामी चुनाव में टिकट दिया जाएगा।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान की उपस्थिति में हुई विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा की कई क्षेत्रों में विकास कार्य अधूरे हैं। इसलिए आप सभी अपने-अपने क्षेत्र में सक्रियता बढ़ाए और बेहतर काम करें ताकि टिकट काटने की नौबत न आए। उन्होंने एमएलए को संकेत दिए कि सर्वे टिकट का आधार बनेगा।
मुख्यमंत्री ने मंत्रियों और विधायकों से कहा की आप सभी जानते हैं कि आप लोगों ने कितना काम किया है। इसलिए अपने कामों का आंकलन स्वयं करें और यदि लगता है कि क्षेत्र में सक्रियता कम है तो उसे बढ़ाए। इसका लाभ आपको ही मिलेगा। मुख्यमंत्री ने विधायकों से बजट में जो राशि उनके क्षेत्र को मिली है, उसका विकास कार्यों में अधिक से अधिक उपयोग हो और राशि लैप्स न हो यह देखना विधायक की जिम्मेदारी है। उन्होंने विधायकों से कहा कि वे अभी से चुनाव की तैयारियों में जुट जाएं। मुख्यमंत्री ने अटेर और बांधवगढ़ विधानसभा उपचुनावों को लेकर कहा कि विधायक इन चुनावों में भी अपनी भागीदारी रखें। दोनों चुनाव हमें हर हाल में जीतना है।
भाजपा सूत्रों की माने तो भाजपा केवल जिताऊ उम्मीदवारों पर दांव लगाएगी जो बिकाऊ न हों, इसके लिए भाजपा ने कुछ मानक तय किए हैं। इन मानकों में विधानसभा के कार्यकाल के साथ-साथ लोकसभा चुनाव और उपचुनाव की भूमिका भी देखी जाएगी। जिसके आधार पर उन्हें टिकट दिया या छीना जाएगा। इसी प्रकार पुराने जीत या हार के मानक भी आंकड़े के रूप में प्रत्याशियों की छवि को प्रभावित करेंगे इसमें कोई दो राय नहीं है। संघ के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ प्रदेश प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष की रिपोर्टों पर भी आलाकमान निर्णय करेगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में चौथी बार सत्ता में काबिज होने जनता का मन मोहने में लगे हुए हैं। वहीं भाजपा के विधायकों की कराई गई मैदानी सर्वे रिपोर्ट तथा रायशुमारी में आए प्रतिकूल परिणामों को लेकर भाजपा के सत्ता और संगठन में हड़कंप मच गया है। ग्वालियर चंबल संभाग, विंध्य क्षेत्र तथा बुंदेलखंड अंचल के भाजपा विधायकों की रिपोर्ट बहुत कमजोर उजागर हुई है। जिस कारण भाजपा हाईकमान ने यह दृढ़ निश्चय कर लिया है कि बहुत से वर्तमान विधायकों और मंत्रियों के टिकट काटे जायेंगे। जीतने की संभावना और परफारमेंस के आधार पर विधायकों को टिकट देने का भाजपा का यह फैसला कहीं पार्टी का खेल ही न बिगाड़ दे, इन विधायकों की परफारमेंस भले न अच्छी रही हो, लेकिन ये विधायक बागी बन कर या किसी अन्य दल से टिकट लेकर भाजपा के खेल को बिगाड़ सकते हैं।
पार्टी करा रही हर एक विधायक का सर्वे
संघ की सर्वे रिपोर्ट में पार्टी के कई मंत्रियों और विधायकों की परफार्मेंस खराब है। इसलिए भाजपा संगठन और सरकार बार-बार अपने विधायकों को सचेत कर रहे हैं। इस बैठक में भी मुख्यमंत्री ने विधायकों को बताया कि आप लोगों की आपके क्षेत्र में क्या स्थिति है, विकास कार्य कहां तक पहुंचे हैं, जनता के मन में विधायक और पार्टी के लिए क्या मत है इन सभी को लेकर पार्टी सर्वे करा रही है और जल्द ही विधायकों के साथ वन टू वन कर वे इसकी रिपोर्ट उनके सामने रखेंगे। उन्होंने विधायकों से कहा कि वे चाहते हैं कि सभी विधायक अगली बार भी चुनाव लड़े। उन्होंने कहा कि अभी आपके पास सवा साल का समय है, अपने काम को और गति दें। बताते हैं कि बैठक में हर विधायक ने सहमति जताई कि वे अब अपने क्षेत्र में और अधिक सक्रिय हो जाएंगे। एक विधायक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि प्रदेश के अधिकांश भाजपा विधायकों की रिपोर्ट संतोषजनक नहीं है।
-सुनील सिंह