कमलराज से निपटेंगे कमलनाथ
01-Apr-2017 10:01 AM 1234798
दरअसल लगातार एक के बाद एक राज्य हाथ से निकलते देख कांग्रेस का नेतृत्व इन दिनों बहुत चिंताग्रस्त है और अब अगले वर्ष जिन राज्यों में चुनाव होना है, वहां के नेतृत्व को लेकर अभी से उधेड़बुन शुरू हो गई है और चंद दिनों में यहां का फैसला हो जाएगा। समझा जा रहा है कि मध्यप्रदेश कांग्रेस की कमान कमलनाथ के हाथ आना लगभग तय हो गया है और दूसरे दावेदार ज्योतिरादित्य सिंधिया संभवत एआईसीसी में ले लिए जाएंगे, क्योंकि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी उन्हें अपने साथ रखना चाहते हैं। यह खबर आते ही प्रदेश में कमलनाथ के समर्थकों की सक्रियता बढऩे लगी है। मध्यप्रदेश एक समय कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था, लेकिन पिछले 13 सालों से प्रदेश में कांग्रेस मुक्त मध्यप्रदेश का माहौल दिख रहा है। ऐसे में कांग्रेस आलाकमान किसी भी स्थिति में मप्र में वापसी चाहता है। क्योंकि देश की राजनीति में माना जाता है कि मप्र में जिसकी सत्ता होती है वह देशभर में मजबूत हो जाता है। शायद यही वजह है कि कांग्रेस आलाकमान मध्यप्रदेश को लेकर संजीदा नजर आ रहा है। इसकी वजह यह भी है कि कांग्रेस 2012 से 2017 के बीच पांच सालों में 27 से ज्यादा राज्यों में चुनाव हार चुकी है। बहरहाल अगले वर्ष जिन राज्यों में चुनाव होना है, उसमें मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ प्रमुख है, यह राज्य पिछले 15 सालों से लगातार कांग्रेस के हाथ से निकलते जा रहे हैं। इस बार यदि कांग्रेस की सरकार यहां नहीं बनी तो यहां परमानेंट कमल राज हो जाएगा। मप्र में कमलराज को हटाने के लिए और पंजाराज लाने के लिए कांग्रेस कमल के मुकाबले कमलनाथ को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष प्रोजेक्ट करना चाहती है। हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया भी बराबर के दावेदार हैं, लेकिन कांग्रेस की राजनीति में महासचिव की भूमिका निभा रहे दिग्विजय सिंह को इस पद पर अपने बड़े भाई कमलनाथ ज्यादा फीट लग रहे हैं। इसलिए दिग्गी की लाबिंग कमलनाथ के पक्ष मेें है, हालांकि ऊपरी तौर पर तो दिग्विजय साफ कहते हैं कि अब प्रदेश की राजनीति में उनकी कोई रुचि नहीं है। अलबत्ता इसके लिए उन्होंने अपने पूर्व सांसद छोटे भाई लक्ष्मणसिंह और विधायक पुत्र जयवर्धन सिंह को तैयार कर लिया है। कांग्रेस सूत्रों की माने तो दिग्गी पर्दे के पीछे से कमलनाथ की पूरी मदद करेंगे, जबकि सामने से चाचा भतीजे की जोड़ी उनके साथ रहेगी। यदि सब कुछ ठीक रहा तो कमलनाथ अप्रैल अंत अथवा मई के पहले सप्ताह में प्रदेश कांग्रेस की कमान संभाल सकते हैं और ऐसी सूरत में लक्ष्मणसिंह इंचार्ज महासचिव या उपाध्यक्ष के रूप में उनके साथ हो सकते हैं। बहरहाल कांग्रेस चौथी बार हार से बचने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंकने के मूड में है। कांग्रेस के प्रत्याशियों को फायनेंशियल सपोर्ट करने के लिए कमलनाथ एक  बड़ा नाम माना जा रहा है। वे  इसके पहले भी अपने समर्थकों का वित्त पोषण करते रहे हैं, लेकिन जब प्रदेश कांग्रेस की कमान प्रत्यक्ष तौर पर उनके हाथ में आ जाएगी तो  वे सारे प्रत्याशियों के लिए वित्त पोषण का काम करेंगे, ऐसा माना जा रहा है। यदि कमलनाथ प्रदेश की बागडोर संभालने के लिए कांग्रेस द्वारा भेजे जाते हैं तो उस सूरत में सिंधिया अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में लिए जा सकते हैं। अब देखना यह है कि कांग्रेस क्या कदम उठाती है। कहीं संकट मोचक तो नहीं बनेंगे संकट कांग्रेस के संकट मोचक के रूप में विख्यात दिग्विजय सिंह अब पार्टी के लिए संकट बनते जा रहे हैं। गोवा में सत्ता हाथ में आने के बाद जिस तरह कांग्रेस ने उसे हाथ से जाने दिया उससे दिग्विजय सिंह को अब कांग्रेस का सबसे बड़ा संकट कहा जाने लगा है। इसी बीच दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ का नाम सामने आने के बाद यह कहकर सनसनी फैला दी है कि अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया प्रदेश का नेतृत्व करते हैं तो अच्छा होगा। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि दिग्विजय कमलनाथ के लिए संकट न बन जाए। -भोपाल से अरविंद नारद
FIRST NAME LAST NAME MOBILE with Country Code EMAIL
SUBJECT/QUESTION/MESSAGE
© 2025 - All Rights Reserved - Akshnews | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^