15-May-2013 06:32 AM
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क्रिकेट के बाद अब नामी औद्योगिक घरानों ने फुटबॉल के साथ जुडऩे की तैयारी कर ली है। आल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (एआईएफएफ) की कॉरपोरेट घरानों को आई-लीग से जोडऩे की महत्वाकांक्षी

योजना में दिल्ली डेयरडेविल्स का मालिकाना हक रखने वाले जीएमआर ग्रुप, जिंदल ग्रुप, डोडसाल जैसे ग्रुपों ने रुचि दिखाई है। फेडरेशन ने फैसला किया है कि अगले सत्र से इन कॉरपोरेट घरानों की दो से तीन टीमें आई लीग में उतरेंगी। इसके लिए लीग में टीम की संख्या 14 से 16 करने का भी निर्णय लिया जा चुका है।
सूत्रों की मानें तो फेडरेशन की ओर से हाल ही में निकाले गए टेंडर में छह कॉरपोरेट घरानों ने अब तक रुचि दिखाई है। हालांकि अभी आवेदन की अंतिम तिथि में समय है जिसके चलते फेडरेशन अधिकारियों को उम्मीद है कि कुछ अन्य घराने भी रुचि दिखा सकते हैं। अभी तक आवेदन करने वालों में एक लीजिंग कंपनी, स्पोर्ट्स सिटी बनाने वाला एक ग्रुप और केरल का ईगल्स क्लब शामिल है। फेडरेशन की इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए दो दौर की बात भी हो चुकी है। कॉरपोरेट घरानों के साथ अंतिम बैठक इसी माह दुबई में हुई है। घरानों को आश्वासन दिया गया है कि उनकी टीमों को तीन सालों तक एÓ डिवीजन से रेलीगेट नहीं होना पड़ेगा। इसके बदले उन्हें अकादमियों, यूथ डेवलपमेंट पर कुछ राशि खर्च करनी होगी। साथ ही तीन करोड़ रुपये साल के देने होंगे। हालांकि इस शर्त को घराने कितना मानेंगे यह बाद में ही साफ होगा। फेडरेशन का कहना है कि लीग में इन घरानों की जो भी टीमें उतरेंगी वह उन शहरों के नाम पर होंगी, जिनकी टीमों का फुटबॉल में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। हालांकि ईस्ट बंगाल, मोहन बागान, डेंपो, चर्चिल जैसे क्लबों ने घरानों की टीमों को रेलीगेट नहीं करने का अपना विरोध फेडरेशन के समक्ष दर्ज करा दिया है। लेकिन फेडरेशन अब तक अपनी बात अड़ी है।