01-Apr-2017 09:35 AM
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छत्तीसगढ़ मेें जिन शराब दुकानों की नीलामी नहीं होगी उन्हें सरकार द्वारा संचालित किया जाएगा। ताकि राजस्व का नुकसान नहीं हो। इसके लिए तमिलनाडु की तर्ज पर सार्वजानिक उपक्रम बनाया जा रहा है। इसके लिए छग आबकारी अध्यादेश 2017 का अनुमोदन किया गया। छत्तीसगढ़ में सरकारी शराब दुकानों के लिए 5066 कर्मचारियों की व्यवस्था करने का ठेका तीन कंपनियों को दिया गया है।
आबकारी मंत्री अमर अग्रवाल ने विधानसभा में नई आबकारी नीति की जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेशभर में शराबबंदी के लिए जारी धरने-प्रदर्शन के बीच सरकार ने अब तय किया है कि सरकारी शराब दुकानें चलाने अस्थायी कर्मचारी प्लेसमेंट एजेंसियों से, तो अफसर दूसरे विभागों से प्रतिनियुक्ति पर आएंगे। सरकार ने हाल ही में यह फैसला लिया है कि जिन दुकानों की नीलामी नहीं होगी उन्हें सरकार खुद चलाएगी। उन्होंने बताया कि दुकानों को शराब बेचने का टारगेट नहीं दिया जाएगा।
प्रदेश की 712 शराब दुकानों के लिए 5066 कर्मचारियों के पदों की मंजूरी सरकार ने दी है। अब इनकी भर्ती करने के लिए प्लेसमेंट एजेंसियों को ठेका दिया है। दुकान के लिए आवेदन प्रतिनियुक्ति पर रखे गए जीएम करेंगे। लाइसेंस अथॉरिटी माध्यम से लाइसेंस जारी किए जाएंगे। दुकानों की निगरानी सीसीटीवी कैमरे लगाकर होगी। भविष्य में इन्हें इंटरनेट से जोड़ा जाएगा, ताकि ऑनलाइन मॉनिटरिंग हो सके। डिस्टलरियों में दो साल पहले ही कैमरे लगाए जा चुके हैं। मंत्री ने बताया कि हर दुकान में पहले की तरह रजिस्टर में रिकॉर्ड दर्ज होगा। नई आबकारी नीति में प्रावधान है कि जो दुकानें आपत्तिजनक स्थान पर हैं, उनका स्थान बदला जाएगा। आबकारी सलाहकार समिति की बैठक में मौजूदा जिन दुकानों के स्थान बदलने का प्रस्ताव है, उनके लिए नई जगह का चयन स्थानीय लोगों व जनप्रतिनिधियों के साथ तय किया जाएगा। मंत्री अग्रवाल के मुताबिक बार, रेस्टोरेंट बार, होटल बार, शॉपिंग मॉल रेस्टोरेंट बार सहित अन्य के लिए अभी कोई नीति तय नहीं है। इसके लिए अलग से आदेश जारी किए जाएंगे।
शराब बेचेने में आमदनी बेशुमार होती है। इसको देखते हुए तमाम विरोधों के बाद सरकार ने कंपनी तय की तो नौकरी के लिए धक्के खा रहे बेरोजगार युवाओं की कतारें भी लंबी लग गई। आवेदन करने वालों में 12वीं, पीजीडीसीए और स्नातक के साथ एलएलबी कर चुके युवा शामिल हैं और अब इनकी लिस्टिंग की जा रही है। छग रिटेल कॉरपोरेशन कंपनी की ओर से की जा रही भर्ती में शराब बेचने वाले सेल्समैन के लिए योग्यता 12वीं पास तय की गई है। बिक्री की जानकारी कंप्यूटर में दर्ज करने वालों को स्नातक व पीजीडीसीए उत्तीर्ण होना आवश्यक है। इन भर्तियों को लेकर कतार में लगे बेरोजगार उत्साहित दिखाई दिए और आवेदन के साथ यह उम्मीद कर रहे थे कि एक बार उनकी नौकरी लग जाए, पक्का तो वे करवा ही लेंगे। छत्तीसगढ़ शासन के आबकारी आयुक्त अशोक अग्रवाल ने बताया कि तीन प्लेसमेंट कंपनियों दिल्ली की लीगल हंटर, पुणे की सुमित और भोपाल की प्राइम वन के माध्यम से ही कर्मचारी रखे जाएंगे।
संविदा पर हो रही इस भर्ती में वेतन 15 हजार दिया जा रहा है तो बेरोजगार इसे विकल्प के रूप में देख रहे हैं। बेरोजगार युवाओं का कहना है कि उन्हें आजीविका के लिए यह काम भी मंजूर है, कम से कम घर में सुनना तो नहीं पड़ेगा कि मुफ्त की रोटी तोड़ते हो। कुछ का यहां तक कहना है कि अमीरों के लिए तो शराब की गंगा बह जाती है। वहीं, दुकानों से शराब ले जाने वाले अधिकतर गरीब और मध्यमवर्गीय रहते हैं। हम तो ऐसे लोगों को शराब बेचकर जनसेवा ही तो करेंगे।
जानकारी के मुताबिक दुकानों में शराब की बिक्री और राजस्व आय को ध्यान में रखकर कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी। जिन दुकानों में बिक्री कम है वहां तीन और जिस दुकान में बिक्री ज्यादा है, वहां लगभग 5 कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। इसमें कम से कम एक कंप्यूटर ऑपरेटर की भर्ती भी की जाएगी। इसके बाद जो लोग बचेंगे वो सेल्समैन व स्टाफ प्रभारी समेत अन्य जरूरी कर्मचारी होंगे। कर्मचारियों को जहां 10 से 15 हजार रुपए तक वेतन मिलेगा, वहीं इनका बकायदा ईपीएफ कटेगा। साथ ही ईएसआई की सुविधा भी मिलेगी। प्रदेश सरकार ने इस बार शराब का ठेका पूरी तरह से समाप्त करके खुद शराब बेचने का फैसला किया है।
-रायपुर से टीपी सिंह के साथ संजय शुक्ला