15-May-2013 06:20 AM
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कहने को भले ही नर्मदा के पानी ने गुजरात में हरियाली पैदा कर दी है लेकिन सच पूछा जाए तो कुछ हिस्सों तक ही यह खुशहाली पहुंच पाई है। गुजरात के अधिकांश क्षेत्र अभी भी ऐसे हैं जहां पीने के

पानी से लेकर दैनिक उपयोग के पानी की भारी किल्लत है और किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गुजरात के 10 जिलों के 4 हजार गांवों को जब सरकार ने ही आंशिक रूप से सूखा प्रभावित मान लिया तो गुजरात में पानी को लेकर किए गए दावों की पोल खुल गई। इनमें से कुछ गांव तो ऐसे हैं जो साल-दर-साल पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं, लेकिन वहां पानी दूर-दूर तक दिखाई नहीं देता। सौराष्ट्र में जलस्तर इतना नीचे पहुंच गया है कि महिलाओं को दिन में कई किलोमीटर तपती धूप में पानी लाने जाना पड़ता है। अमरेली जिले के कुछ गांवों में तो लोगों को यह तक स्मरण नहीं है कि आखिरी बार पानी नल से कब भरा था क्योंकि नल का पानी असंभव हो चुका है। कुओं का पानी सूख गया है और बोरवेल में बमुश्किल 5-10 मिनट पानी मिल पाता है जमीन के पानी का स्तर भी बहुत नीचे जा चुका है आलम यह है कि बहुत से गांवों में लोग अपनी बेटियों का विवाह नहीं करते क्योंकि बेटियों को पानी के लिए भटकना पड़ता है। बहुत से गांव ऐसे हैं जहां हजारों मवेशियों को लेकर लोगों ने सुरक्षित इलाकों की तरफ पलाशन करने में भलाई समझी है। हालांकि सरकार ने पानी की किल्लत दूर करने के लिए मही परियोजना प्रारंभ की थी पर इस परियोजना में पाइप लाइन भर बिछी और उन पाइपों के अंदर पानी का नामो-निशान नहीं है। सरकार का कहना है कि इन पाइपों को सब स्टेशन से जोडऩे पर स्वच्छ पानी मिलने लगेगा पर वह स्वच्छ पानी कब मिलेगा यह कहना असंभव है।
मोदी का जादू खत्म
कर्नाटक में जिन सीटों पर बेंगलोर, मंगलूर और बेलगाम में नरेंद्र मोदी ने तीन जन सभाओं को संबोधित किया था वहां भारतीय जनता पार्टी बुरी तरह हारी। इससे पता चलता है कि फिलहाल नरेंद्र मोदी गुजरात तक ही सीमित है। गुजरात के बाहर उनका जादू चल नहीं पा रहा है हालांकि मोदी इस बात से बिलकुल बेफिक्र हैं और गुजरात से बाहर भी उनके समर्थक मोदी की गतिविधियों को अपने तरीके से अंजाम दे रहे हैं। हाल ही में बिहार, बीजेपी के कुछ कार्यकर्ताओं ने मोदी को प्रधानमंत्री बनाने संबंधी पोस्टर सारे राज्यभर में चिपकवाए और मोदी समर्थक प्रचार सामग्री भी वहां वितरित की। गुजरात भाजपा ऐसे किसी भी अभियान से इनकार करती है साथ ही उसने यह भी कहां है कि बिहार में मोदी समर्थक अभियान की फंडिंग गुजरात से नहीं हो रही है तो फिर यह फंडिंग कहा से हो रही है यह प्रश्न पूछा जा रहा है। खासकर राजनाथ सिंह द्वारा प्रधानमंत्री पद को लेकर किसी भी प्रकार के बयान से दूर रहने की नसीहत देने के बावजूद मोदी समर्थकों का यह अभियान चौंकाने वाला है।
नरेंद्र मोदी मात्र 235 रुपए में
भले ही कर्नाटक में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू न चला हो लेकिन उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करने की मुहिम अब टी-शर्ट और कॉमिक बुक्स तक पहुंच गई है। भाजपा के यूवा वर्ग के एक पूर्व कार्यकर्ता ने एक पॉपुलर सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट के जरिए एक टी-शर्ट बेचना शुरू किया है जिसमें भारत के राष्ट्रीय झंडे पर मोदी की तस्वीर छपी है। इस टी-शर्ट पर लिखा है, इंडिया फस्र्ट इज माइ डेफिनिशन ऑफ सेक्युलेरिज्म मोदी मंत्रा। इसकी कीमत 235 रुपए रखी गई है। मोदी की टी-शर्ट को इंटरनेट के जरिए बेचने वाले दिल्ली के राइट ंिवग ग्रुप भगत सिंह क्रांति सेना (बीएसकेएस) से जुड़े तजिंदर पाल ंिसह बग्गा ने इस मुहिम को मोदीफाइंग इंडियाÓ का नाम दिया है।
अम्बार्डी में भी मिलेगी एशियाई शेरों की झलक
गुजरात सरकार ने पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए अम्बार्डी को विकसित किया जा रहा है वहीं यहां पर्यटकों को एशियाई शेरों की झलक देखने को मिलेगी। इस क्षेत्र को साल के अंत तक खोल दिया जाएगा। इन शेरों को देखने की इच्छा लिए गुजरात आने वाले पर्यटक अब देवालिया पार्क के अलावा गिर अभयारण्य के पूर्वी छोर पर स्थित अमरेली जिले के अम्बार्डी में भी इनका दीदार कर सकेंगे। सासन गिर में पर्यटकों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर राज्य सरकार ने अम्बार्डी को भी जूनागढ जिले के देवालिया उद्यान की तर्ज पर विकसित करने का निर्णय लिया है। गुजरात के मुख्य वन्यजीव संरक्षक सी एन पांडे ने कहा कि अमरेली जिले में धारी के निकट अम्बार्डी को देवालिया उद्यान की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है जिसमें छह से आठ शेर होंगे। उन्होंने कहा कि यह नदी के निकट एक खूबसूरत जगह है। इसे विकसित करने का काम जारी है। इसे केंद्र और राज्य सरकार की आर्थिक मदद से 400 हेक्टेयर के क्षेत्र में विकसित किया जाएगा।