देश में सबसे सस्ती सोलर एनर्जी बनेगी रीवा में
16-Feb-2017 08:40 AM 1234782
मप्र में इन दिनों विंध्य क्षेत्र तरक्की की राह पर है। इसके लिए प्रदेश सरकार लगातार काम कर रही है। और सरकार के इस प्रयास में विश्व का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा प्लांट तथा व्हाइट टाइगर सफारी चार-चांद लगा रहे हैं। इसी दिशा में अब मप्र सोलर एनर्जी को लेकर रिकॉर्ड बनाने जा रहा है। रीवा में 750 मेगावाट का सोलर प्लांट जो दुनिया में अब तक का सबसे बड़ा प्लांट है उससे प्रदेश को सस्ती बिजली करीब 2.97 रुपए प्रति यूनिट से मिलेगी। राजस्थान में अभी सबसे कम दाम पर सोलर बिजली 4.34 के रिकार्ड दाम पर बिक रही है। ज्ञातव्य है कि करीब छह दशक तक उपेक्षित विंध्य आज विकास के जिस मुकाम की ओर आगे बढ़ रहा है उसमें प्रदेश के उद्योगमंत्री राजेंद्र शुक्ल की महती भूमिका है। उन्हीं के प्रयासों से रीवा में सोलर प्लांट स्थापित हो रहा है और व्हाइट टाइगर सफारी बनी है। इस दिशा में एक और गौरव हासिल होने जा रहा है। यानी रीवा के सोलर प्लांट से सबसे सस्ती बिजली मिलेगी। रीवा के इस अल्ट्रा सोलर प्लांट से बिजली बेचने विश्व भर के 20 बिजली उत्पादकों ने 32 घंटे से ज्यादा वक्त से बोली लगाते रहे। बोली 3.59 रुपए प्रति यूनिट से शुरू हुई थी। आखिर में महिन्द्रा रिनेवल एनर्जी ने सबसे कम 2.97 रुपए पर बोली खत्म की। पांच साल पहले तक सरकार 11 रुपए से ज्यादा महंगी बिजली खरीदती थी। रीवा में 2023 में अल्ट्रा सोलर प्लांट शुरू होगा। इसमें 750 मेगावाट बिजली पैदा होगी। 100 मेगावाट प्रदेश से दिल्ली मेट्रों को बेची जाएगी। शेष 650 मेगावाट बिजली प्रदेश में जलेगी। 25 साल तक तय दाम पर उत्पादक से बिजली कंपनी बिजली लेगी। यानी सस्ती बिजली से जनता को आने वाले दिनों में सस्ती बिजली मिल सकती है। रीवा के अल्ट्रा मेगा प्लांट के लिए सोलर एनर्जी कार्पोरेशन ऑफ इंडिया और मप्र ऊर्जा विकास निगम का संयुक्त रूप से लगवा रहा है। विभाग से जमीन, पानी और जरूरी संसाधन उपलब्ध करवाएगा। विश्व की सबसे बड़ी 750 मेगावाट क्षमता की सौर उर्जा परियोजना से प्रदेश को प्रतिवर्ष 14,000 करोड़ रूपये और दिल्ली मेट्रो को 100 करोड़ रुपये की बचत होगी। प्रदेश के उद्योग मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने बताया कि इस परियोजना से न केवल सस्ती बिजली मिलेगी बल्कि परियोजना निर्माण अवधि में 13 हजार 500 श्रमिकों को रोजगार मिलेगा। परियोजना के शुरू होने के बाद 750 श्रमिकों को रोजगार प्राप्त होगा। 50 मेगावाट बिजली नवंबर 2017 से उत्पादन शुरू होगा। डेढ़ साल में रीवा के अल्ट्रा सोलर प्लांट से 750 मेगावाट बिजली पैदा होगी। यह प्लांट 1560 हेक्टेयर जमीन में लगेगा। विश्व मंच पर छाई व्हाइट टाइगर सफारी आज रीवा विश्व के सबसे बड़े सोलर प्लांट और व्हाइट टाइगर सफारी के कारण विश्वमंच पर छाया हुआ है। शुक्ल कहते हैं कि विन्ध्यवासियों की आकांक्षाओं को जिस संवेदना के साथ सरकार ने समझा है, वैसा अब तक किसी ने नहीं। दुनिया विन्ध्य को सफेद शेरों की प्रसूता भूमि के रूप में जानता है। यह गौरव पिछले 40 वर्षों से हमसे छिना हुआ था। यहां सफेद शेर नहीं थे। यहां के लोगों की भावनाओं के समझते हुए वर्ष 2007 में पहल की गई कि यहां के विश्वस्तरीय व्हाइट टाइगर सफारी, जू, ब्रार्डिंग एण्ड रेस्क्यू सेंटर बनाया जाए। आज विश्व के प्रथम व्हाइट टाइगर सफारी आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। शुक्ल कहते हैं कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की परिकल्पना है कि इस सफारी को विश्व के महत्वपूर्ण वन्यजीव पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जाए। हम इस दिशा में आगे बढ़ रहे है। हमारी परिकल्पना है कि रीवा की खूबसूरत नदी का विकास, साबरमती नदी का भांति हो। इसकी जगमगाहट से पर्यटकों को लंदन की टेम्स नदी की याद आए। विकास इसी दिशा की ओर बढ़ रहा है। बुनियादी अधोसंरचना के साथ-साथ पर्यटन व संस्कृति का भी विकास जरूरी हो रहा है। -कुमार राजेंद्र
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