16-Feb-2017 07:51 AM
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मप्र में भाजपा 13 वर्ष से सत्ता में है। सत्ता सुख ने मंत्रियों की कार्यकर्ता और जनता दोनों से दूरियां बढ़ा दी है। इस कारण आगामी चुनावों में पार्टी संकट में पड़ सकती है। इसको देखते हुए संगठन, संघ और सरकार ने निर्णय लिया है कि रोजाना कोई न कोई मंत्री प्रदेश भाजपा कार्यालय में अपनी चौपाल लगाए। हालांकि पहले भी बार-बार ये शिकायत आती रही है कि मंत्री कार्यकर्ताओं से नहीं मिलते हैं। अब सरकार के चुनावी मोड में आने के बाद कार्यकर्ताओं की नाराजगी से दिक्कतें बढ़ती जाएगी।
ज्ञातव्य है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर दिल्ली भाजपा कार्यालय में केंद्रीय मंत्री बैठने लगे हैं, लेकिन प्रदेश के मंत्री लगातार निर्देशों के बावजूद भाजपा दफ्तर नहीं आ रहे हैं। संघ-संगठन भी कार्यकर्ता और जनता से बढ़ती दूरी की शिकायतों पर मंत्रियों को चेता चुका है। अब मंत्रियों को कार्यालय में बैठने का व्हिप जारी होने जा रहा है। रोजाना एक मंत्री के दफ्तर में मौजूद रहने की सूची खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तैयार करवा रहे हैं। संगठन मंत्रियों से मिले फीडबैक के बाद यह निर्णय लिया गया है।
मंत्रियों के भाजपा दफ्तर में बैठने की व्यवस्था तत्कालीन मुख्यमंत्री उमा भारती ने शुरू की थी। मंत्री के साथ भाजपा पदाधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। मंत्री कार्यकर्ताओं की समस्याओं को सुनने के बाद निदान करते थे और पदाधिकारी फॉलोअप। तत्कालीन कार्यालय मंत्री जसवंत सिंह हाडा और प्रदेश मंत्री अरविंद भदौरिया निराकरण होने तक काम देखते थे। भाजपा में ऐसी व्यवस्था की शुरूआत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी। एनडीए की सरकार में वाजपेयी ने इसे सहयोग कार्यक्रम का नाम दिया था। फिलहाल दिल्ली में यह व्यवस्था फिर शुरू हो चुकी है। साथ ही चंडीगढ़, राजस्थान और छत्तीसगढ़ समेत भाजपा शासित राज्यों में भी ये व्यवस्था बनाई गई है। भाजपा में ऐसी व्यवस्था की शुरूआत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी। एनडीए की सरकार में वाजपेयी ने इसे सहयोग कार्यक्रम का नाम दिया था। फिलहाल दिल्ली में यह व्यवस्था फिर शुरू हो चुकी है। साथ ही चंडीगढ़, राजस्थान और छत्तीसगढ़ समेत भाजपा शासित राज्यों में भी ये व्यवस्था बनाई गई है।
पीएम को गरीबों के मसीहा के तौर पर पेश करें
उधर भाजपा ने अपने सांसदों से कहा है कि वह जनता के बीच पीएम नरेंद्र मोदी को गरीबों के मसीहा के रूप में पेश करें। यूनियन मिनिस्टर एम वेंकैया नायडू ने संसदीय दल की मीटिंग में पार्टी के सांसदों से कहा कि वे सरकार की उपलब्धियों और राष्ट्रपति द्वारा संसद के ज्वाइंट सेशन को संबोधित करते हुए पेश किए गए सरकार के नजरिए को आम आदमी तक लेकर जाएं। मीटिंग में पीएम और पार्टी के कई सीनियर लीडर्स मौजूद थे।
नायडू ने कहा बजट और सरकार की सभी पॉलिसी गरीबों और समाज के कमजोर तबके को ध्यान में रखकर बनी हैं। उन्होंने कहा, पीएम नरेंद्र मोदी गरीबों के मसीहा हैं। आप इस मैसेज को हर घर तक लेकर जाएं।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व भी पार्टी के सांसदों को निर्देश दिए गए थे कि वे केंद्र सरकार की योजनाओं के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को जनता के बीच चमकाएं। इसके पीछे पार्टी की मंसा यह है कि जिस तरह 2014 में मोदी के चेहरे को आगे करके भाजपा ने लोकसभा चुनाव जीता था उसी तर्ज पर प्रधानमंत्री को जनता के बीच महिमा मंडित किया जाए ताकि आगामी चुनाव में भाजपा को जीतने के लिए कोई खास मशक्कत न करनी पड़े।
-भोपाल से अजयधीर