02-Feb-2017 10:35 AM
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मप्र में आगामी विधानसभा चुनाव में अभी करीब दो साल का वक्त बाकी है, लेकिन मैदान में चुनावी रंगत नजर आने लगी है। जहां एक ओर राजनीतिक पार्टियां चुनावी तैयारी में जुट गई हैं, वहीं दूसरी ओर नेता पुत्रों की ब्रांडिंग शुरू हो गई है। इनदिनों हर मौके-बेमौके सोशल मीडिया और चौक-चौराहों पर नेता पुत्रों की सक्रियता नजर आने लगी है। इनमें से कुछ वे चेहरे हैं जो पिछले कई सालों से सक्रिय हैं और भारतीय युवा मोर्चा के माध्यम से अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी करने की जुगाड़ में हैं। वहीं कुछ चेहरे ऐसे हैं जिनका नाम पहली बार चर्चा में आया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मनाही के बावजूद उत्तरप्रदेश में भाजपा ने जिस तरह नेता पुत्रों और परिजनों को टिकट बांटा है उससे मप्र के युवराजों को भी उम्मीद जगी है कि आगामी विधानसभा चुनाव में उनके नाम की भी लॉटरी लग सकती है। इसलिए युवराजों ने अपनी सक्रियता और तेज कर दी है। भले ही वंशवाद को लेकर भाजपा हमेशा कांग्रेस को निशाना बनाती है, लेकिन अब भाजपा में भी परिवारवाद और वंशवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री से लेकर पूर्व मंत्रियों और पूर्व मुख्यमंत्रियों तक के बच्चों ने अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है। इनमें से कुछ ने तो पढ़ाई ही इस तरह से की है कि उन्हें आगे चलकर राजनीति में उतरना है। कुछ नेता तो अपनी जगह बना चुके हैं, लेकिन कुछ अभी भी संघर्ष कर रहे हैं। इक्का-दुक्का सफलता हाथ लगी और फिर वे संघर्ष के रास्ते पर चल रहे हैं।
मप्र में पहली बार ऐसा दृश्य देखने को मिल रहा है कि विधानसभा चुनाव से सालों पहले हाईप्रोफाइल नेताओं के पुत्र और उनके अन्य रिश्तेदार राजनीतिक परवाज भरने की तैयारी कर रहे हैं। सत्तारुढ़ भाजपा और 13 सालों से सत्ता से दूर खड़ी मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के कई नेताओं के पुत्रों की सियासी और सामाजिक गतिविधियों में एकदम इजाफा होने लगा है। नई पीढ़ी में राजनीतिक दस्तक देने वालों में मुख्यमंत्री के बेटे कातिर्केय के अलावा कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय, राज्य के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव और वित मंत्री जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह के बेटे देवेन्द्र प्रताप सिंह तोमर रामूÓ, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा के बेटे तुष्मुल झा और प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा के बेटे सुकर्ण मिश्रा, गौरीशंकर शेजवार के पुत्र मुदित शेजवार, गौरीशंकर बिसेन की पुत्री मौसम बिसेन हिरनखेड़े, पारस जैन के बेटे संदेश जैन, कुसुम मेहदलेे के भतीजे पार्थ मेहदले, पीडब्ल्यूडी मंत्री रामपाल सिंह के बेटे दुर्गेश राजपूत, उद्यानिकी मंत्री सूर्यप्रकाश मीणा के बेटे देवेश राजनीतिक मैदान में उतरने की पूरी तैयारी कर चुके हैं।
सोशल मीडिया पर इन दिनों भाजपा के दिग्गज नेताओं के बेटों की जबरदस्त ब्रांडिंग की जा रही है। इस समूची कवायद को इन नेतापुत्रों के लिए सोशल प्लेटफॉर्म को मजबूत किए जाने से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल इसके पीछे असल वजह इन युवा चेहरों की धमाकेदार पॉलिटिकल एंट्री के लिए माहौल तैयार करने की एक मुहिम माना जा रहा है, वहीं इसी बहाने इनके समर्थक अपने लिए भी सियासी जमीन तैयार करने की संभावनाएं तलाशने में जुटे हैं।
हाल ये है कि पिछले कुछ दिनों से फेसबुक हो या व्हाट्सएप, सभी जगह कद्दावर भाजपा नेताओं के पुत्रों को जन्मदिन की बधाईयों का तांता लगा रहा। इनमें सबसे ज्यादा जोर रहा केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह के बेटे देवेन्द्र प्रताप सिंह तोमर रामूÓ का। साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा के बेटे तुष्मुल झा और प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा के बेटे सुकर्ण मिश्रा के जन्मदिन को लेकर भी सोशल मीडिया पर बधाइयों का सिलसिला जमकर छाया रहा। इस बीच नेता पुत्रों के जन्मदिन को लेकर इस बार होर्डिंग वारÓ काफी कुछ ठंडा रहा। दरअसल युवा नेता भी अब सयाने होने लगे हैं सो बिना जेब ढीली किए सोशल मीडिया पर तो इन्होंने खूब दम दिखाया, लेकिन पहले की तरह होर्डिंगबाजी और मीडिया में विज्ञापनों को लेकर इनका जोश नजर नहीं आया। वहीं कुछ लोग इसे नोटबंदी के असर से भी जोड़कर देख रहे हैं।
नेता पुत्रों के जन्मदिन के बहाने अपनी राजनीति चमकाने वालों में ऐसे लोग काफी आगे रहे जो इनकी ब्रांडिंग की आड़ में भारतीय जनता युवा मोर्चा के पदाधिकारी बनने की दौड़ में शामिल हैं। बता दें कि जल्द युवा मोर्चा की प्रदेश कार्यकारिणी का गठन होना है। इसके अलावा मोर्चा की जिला टीम के भी नए सिरे से गठन किए जाने के आसार हैं।
बताया जाता है की भाजपा सरकार के कुछ मंत्रियों ने सियासी विरासत अपने बच्चों को सौंपने की तैयारी कर ली है। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में वे पिता के क्षेत्रों से टिकट के दावेदार हो सकते हैं। वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार ने घोषणा भी कर दी कि पिछला चुनाव उनका आखिरी चुनाव था। ऐसे में यह संभावना बढ़ गई है कि उनके पुत्र मुदित अपने पिता की विरासत संभालेंगे। मुदित पिछले कुछ साल से सांची के सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक कार्यक्रमों में सक्रिय नजर आ रहे हैं। कई बार मंत्री शेजवार सार्वजनिक मंच से घोषणा कर चुके हैं कि उनकी जगह मुदित चुनाव लड़ेंगे। मुदित कहते हैं कि अगर पार्टी चाहेगी तो चुनाव लड़ सकता हूं।
उद्यानिकी मंत्री सूर्यप्रकाश मीणा के बेटे देवेश बीटेक कर चुके हैं। पिछले विधानसभा चुनाव के समय उन्हें पहली बार राजनीतिक गलियारों में देखा गया। कुछ समय तक राजनीति से दूर होने के बाद अब फिर पूरी तरह क्षेत्र में सक्रिय हो गए हैं। 27 साल के देवेश कहते हैं- जिस तरह पिताजी शून्य से शुरूआत कर शिखर तक पहुंचे, उसी तरह मैं भी राजनीति में मुकाम हासिल करना चाहता हूं। चुनाव के बारे में ज्यादा कुछ सोचा नहीं है। राजनीति में समीकरण अहम होते हैं। पीडब्ल्यूडी मंत्री रामपाल सिंह के बेटे दुर्गेश राजपूत पिता के विधानसभा क्षेत्र सिलवानी में अक्सर देखे जा रहे हैं। चर्चा है कि रामपाल बेटे को इसी सीट से चुनाव लड़ा सकते हैं। जिस तरह से रायसेन जिले के दो धुर विरोधी मंत्रियों (शेजवार और रामपाल) के बीच नजदीकियां बढ़ी हैं, उसमें भी बेटों को चुनावी मैदान में स्थापित करने का मोह दिखता है। 34 वर्षीय दुर्गेश कहते हैं पिता के व्यस्त होने पर आयोजनों में मैं ही शिरकत करता हूं।
जब इन पर राजनीति में वंशवाद और परिवारवाद का आरोप लगता है तो उनका सीधा-सा तर्क होता है कि जब डॉक्टर का बेटा डॉक्टर और उद्योगपति का बेटा बन सकता है तो राजनेता क्यों नहीं? भाजपा और कांग्रेस के सियासी घराने अपने-अपने वारिसों को तैयार कराने में लगे हैं। प्रदेश में दिग्गज नेताओं, मुख्यमंत्री, मंत्री से लेकर विधायक और पार्षद ही नहीं पूर्व विधायक भी अपने-अपने बेटे-बेटियों और अन्य रिश्तेदारों को राजनीति का पाठ पढ़ा रहे हैं। उनके यह संबंधी प्रभाव वाले क्षेत्रों में तो सक्रिय है ही उनके निर्णयों और प्रशासनिक क्षेत्रों में भी पूरा दखल रखते हैं। जिससे जमीन तक उनकी अपनी पहचान है। जिनकी दम पर वे नेक्स्ट जनरेशन का दावा करते हैं।
भाजपा
देवेंद्र सिंह तोमर नरेंद्र सिंह तोमर
अक्षय राजे भंसाली यशोधरा राजे सिंधिया
मंदार और मिलिंद महाजन सुमित्रा महाजन
सिद्धार्थ मलैया जयंत मलैया
अभिषेक भार्गव गोपाल भार्गव
आकाश विजयवर्गीय कैलाश विजयवर्गीय
राजेंद्र कृष्ण रामकृष्ण कुसमारिया
मुदित शेजवार गौरीशंकर शैजवार
सोनू चावला कैलाश चावला
राजकुमार जटिया सत्यनारायण जटिया
जितेंद्र थावर चंद
संदीप पटेल कमल पटेल
कांग्रेस
आदित्य विक्रम सिंह पूर्व सांसद लक्ष्मण सिंह
विक्रांत भूरिया प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया
नकुल नाथ केंद्रीय मंत्री कमलनाथ
अजीत बोरासी सांसद प्रेमचंद गुड्डू
पवन वर्मा सांसद सज्जन सिंह वर्मा
नितिन चतुर्वेदी सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी
पिंटू जोशी पूर्व मंत्री महेश जोशी
गिन्नी सिंह पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह
सुरेंद्र बघेल पूर्व मंत्री प्रताप सिंह बघेल
राज तिवारी सुंदरलाल तिवारी
वीरेंद्र तिवारी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष
श्रीनिवास तिवारी का नाती
नेवी जैन पूर्व सांसद डाल चंद जैन
यशोवर्द्धन चौबे विधायक अरुणोदय चौबे
ये बना चुके हैं अपनी जगह
स्व. माधवराव सिंधिया के पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया, स्व. अर्जुन सिंह के पुत्र अजय सिंह , स्व. सुभाष यादव के पुत्र अरुण यादव, श्रवण पटेल के पुत्र डा. निशिथ पटेल, सत्येंद्र पाठक के पुत्र संजय पाठक, कैलाश जोशी के पुत्र दीपक जोशी, कैलाश सारंग के पुत्र विश्वास सारंग, श्रीनिवास तिवारी के बेटे सुंदरलाल तिवारी, गोविंद नारायण सिंह के पुत्र ध्रुवनारायण सिंह और हर्ष सिंह, लक्ष्मीनारायण शर्मा के पुत्र शैलेंद्र शर्मा, पे्रम चंद वर्मा के पुत्र राजेंद्र वर्मा, प्रकाश सोनकर के पुत्र सावन, राघवजी की बेटी ज्योति शाह, दिलीप भटेरे के बेटे रमेश भटेरे, वीरेंद्र कुमार सखलेचा के बेटे ओमप्रकाश सखलेचा, स्व. प्रेम सिंह के बेटे राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, रामेश्वर पटेल के बेटे सत्यनारायण पटेल, पूर्व विधायक गजराज सिंह सिकरवार के बेटे सत्यपाल सिंह सिकरवार, पूर्व मंत्री स्व. लिखीराम कांवरे की पुत्री हिना कावरे, पूर्व मंत्री इंद्रजीत पटेल के पुत्र कमलेश पटेल, प्रेमनारायण ठाकुर के पुत्र उत्तम ठाकुर, सुंदरलाल पटवा के भतीजे सुरेंद्र पटवा, बाबूलाल गौर की बहू कृष्णा गौर, रंजना बघेल के पति मुकाम सिंह किराड़, उमा भारती के भाई स्वामी लोधी, विजय शाह की पत्नी भावना शाह, स्व. लक्ष्मण सिंह गौड की पत्नी मालिनी गौड, गौरीशंकर बिसेन की पत्नी रेखा बिसेन, विजय शाह के भाई संजय शाह, विक्रम वर्मा की पत्नी नीना वर्मा, स्व. जमुना देवी के भतीजे उमंग सिंघार, कमलनाथ की पत्नी अलका नाथ, महेश जोशी के भतीजे अश्विनी जोशी और स्व. राजेंद्र दादू की पुत्री मंजू दादू।
-सुनील सिंह