नि:शुल्क पैथालॉजी से मरीजों को राहत
04-Feb-2013 07:59 AM 1234819

मध्यप्रदेश में सरदार वल्लभ भाई दवा वितरण योजना के तहत निशुल्क दवाए तो प्रदान की ही जा रही है। अब लगभग 51 बीमारियों की निशुल्क पैथालॉजी जांच के चलते गरीब तथा निम्न तबके के अस्वस्थ व्यक्तियों को भी राहत मिली है।
निशुल्क पैथालॉजी जांच एक ऐसी पहल है जो मरीजों के लिए वरदान साबित हो सकती है। पैथालॉजी जांच के नाम पर चिकित्सा जगत में जिस तरह से धांधली की जाती रही है वह किसी से छिपी नहीं है। डॉक्टरों द्वारा मरीजों के हित को एक तरफ कर केवल अपने लाभ के लिए कई बार अनावश्यक जांचें करवा ली जाती हैं। जिनकी कोई उपयोगिता नहीं होती। इस प्रकार गरीब मरीजों को भी अपनी आर्थिक हैसियत से अधिक खर्च करना पड़ता है। मध्यप्रदेश सरकार ने इस आवश्यकता को पहचाने हुए सभी सरकारी चिकित्सालयों में निशुल्क पैथालॉजी जांच योजना प्रारंभ कर दी है। मध्यप्रदेश का स्वास्थ्य विभाग इस योजना को कुशलता से अंजाम दे रहा है। लगभग 51 तरह के टेस्ट अब नि:शुल्क किए जा रहे हैं। फिलहाल एमआरआई और सीटी स्कैन जैसे टेस्ट निशुल्क उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन सरकार ने आश्वासन दिया है कि शीघ्र ही इस तरह के टेस्ट भी गरीब मरीजों और अन्य हितग्राहियों को निशुल्क उपलब्ध हो सकें इसके लिए प्रयास जारी हैं। पैथालॉजी व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए दीनदयाल अंत्योदय योजना में आउट सोर्सिंग भी की जा रही है। प्रारंभिक तौर पर सरकार इस योजना में 45 करोड़ रुपए खर्च करने वाली है। जो जांचें नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी उनमें प्रमुख रूप से 51 जांचें शामिल हैं। इससे रोगियों को समय पर उपचार मिल सकेगा और जांच के लिए वे दर-दर भटकते नजर नहीं आएंगे। पैथालॉजी सेवा उपलब्ध होने से प्रदेश में स्वास्थ्य की स्थिति भी गुणात्मक रूप से सुधर सकेगी तथा सटीक उपचार मिल सकेगा। बहुत से छोटे और ग्रामीण क्षेत्रों में अभी इन सुविधाओं के अभाव में मरीजों को कई बार गंभीर परिणाम भी भुगतने पड़ते थे, लेकिन अब यह सुनिश्चित हो सकेगा कि उनकी बीमारी गंभीर रुख अख्तियार करे इसके पहले ही उन्हें समुचित उपचार मिल जाए। इस बीच प्रदेश सरकार द्वारा प्रारंभ की गई सरदार वल्लभ भाई पटेल नि:शुल्क औषधि योजना के सकारात्मक प्रभाव सारे प्रदेश से दृष्टिगोचर होने लगे हैं। प्रदेशभर में सैंकड़ों औषधि वितरण केंद्रों के माध्यम से लगभग 147 प्रकार की जैनरिक दवाओं का नि:शुल्क वितरण किया जा रहा है और यह दवाएं सभी केंद्रों में उपलब्ध होने के कारण अब गरीब मरीजों को इलाज के लिए दर-दर की ठोकरें नहीं खानी पड़ती हैं। हाल ही में वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान सीधी कलेक्टर ने सरकार की इस योजना की तहे दिल से प्रशंसा करते हुए यह जानकारी दी थी कि सीधी शहर से लगे इलाके में एक सरकारी अस्पताल के सामने की दवा की दो दुकानें अब बंद हो चुकी हैं। इसका कारण यह है कि निशुल्क दवा मिलने के कारण मरीजों ने इन दुकानों से दवा खरीदने से तौबा कर ली है। कलेक्टर महोदय ने यह भी बताया कि अब इन दोनों दुकानों के मालिक ने दवाओं की बजाए मोबाइल का स्टोर खोल लिया है। प्रदेश में दवा विक्रेताओं ने कतिपय डॉक्टरों की मिलीभगत से औषधि को एक बड़े व्यवसाय के रूप में तब्दील कर दिया था।
अनुमान है कि लगभग 8 हजार करोड़ रुपए की दवाएं प्रतिवर्ष प्रदेश में विभिन्न मेडिकल स्टोर द्वारा बेची जा रही थी, किंतु सरदार वल्लभ भाई पटेल औषधि वितरण योजना के बाद अब यह आंकड़ा निश्चित रूप से घट जाएगा। मध्यप्रदेश में ग्रामीण स्वास्थ्य की दृष्टि से भी अभूतपूर्व काम किया जा रहा है। प्रदेश में 46 हजार 197 ग्रामीण स्वास्थ्य समितियां गठित की जा चुकी हैं। संजीवनी 108 योजना का विस्तार सभी जिलों में किया जा चुका है। इस योजना में 5 सौ अतिरिक्त एंबुलेंस उपलब्ध करवाई गई हैं। उम्मीद यह भी है कि इस वर्ष मार्च के अंत तक 36 जिलों में डायलिसिस केंद्र स्थापित कर दिए जाएंगे। बाकी जिलों में द्वितीय चरण में किए जाएंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि सरदार वल्लभ भाई पटेल निशुल्क औषधि वितरण योजना गरीबों के कल्याण की महत्वपूर्ण योजना है। यह सराहनीय है कि प्रदेश में इसका व्यवस्थित संचालन पूर्ण पारदर्शिता से किया जा रहा है। दीनदयाल अंत्योदय उपचार योजना में भी मध्यप्रदेश सरकार में अनुसूचित जाति और जनजाति के गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वाले परिवारों को निशुल्क उपचार की व्यवस्था करवाने के साथ-साथ कमजोर वर्ग के रोगियों को आर्थिक सहायता देने की पहल भी की है।
प्रदेश में मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान का बजट बढ़ाकर लगभग 50 करोड़ कर दिया गया है। इससे महंगे उपचार तक भी गरीबों और जरुरतमंदों की पहुंच बन गई है। मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना में छोटे बच्चों के दिल के आपरेशन के महंगे उपचार की व्यवस्था अब सरकार द्वारा की जाती है। इससे प्रदेश के वंचित तबके में स्वास्थ्य का लाभ पहुंच रहा है और अब इसमें निशुल्क पैथालॉजी सुविधा उपलब्ध होने से मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सेवा से पूरी तरह से जुड़ चुका है। द्वितीय चरण में एमआरआई, सीटी स्कैन जांच के लिए प्रत्येक जिले में कुछ पैथालॉजी सेंटर अनुबंधित किए जाएंगे जहां गरीब मरीजों की निशुल्क जांच हो सकेगी। इससे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में गुणात्मक सुधार आना अवश्यंभावी है।

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