जिनके घर शौचालय, उन्हीं से गेहूं खरीदेगी सरकार
02-Feb-2017 10:14 AM 1235060
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना साकार करने के लिए प्रशासन किस-किस तरह के तरीके अपना रहा है इसका एक नजारा श्योपुर जिले में देखने को मिला। यहां खाने के लिए मोहताज लोगों पर शौचालय बनाने का दबाव बनाया जा रहा है। स्वयं कलेक्टर अभिजीत अग्रवाल का गांव-गांव जाकर लोगों को शौचालय बनाने की समझाइश और हिदायत दोनों दे रहे हैं। शौचालय न बनवाने वालों का राशन बंद करने की चेतावनी दी जा रही है, बिजली, पानी काटने की धमकी दी जा रही है। बावजूद इसके लोग शौचालय नहीं बनवा रहे हैं।  श्योपुर शहर में ही 1300 से अधिक परिवार ऐसे हैं, जिनके घरों में खुले शौचालय बने है। उधर कलेक्टर ने फरमान जारी किया है कि  जिन किसानों के घरों में शौचालय नहीं और जो खुले में शौच करने जाते हैं, ऐसे किसानों से सरकार गेहूं नहीं खरीदेगी। समर्थन मूल्य पर मध्यप्रदेश सरकार उन्हीं किसानों का गेहूं खरीदेगी जिनके घर में शौचालय होगा। समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के रजिस्ट्रेशन करवाते समय ही किसान को घर में शौचालय होने का प्रमाणीकरण देना होगा, तभी उसका पंजीयन होगा। यह पूरी कवायद हर घर में शौचालय बनाने की मुहिम के तहत की जा रही है। हर घर में शौचालय बनें इसके लिए सरकार और प्रशासन हर संभव प्रयास कर रही है। जिनके घरों में शौचालय नहीं है, उनको राशन, बिजली और पानी बंद करने की चेतावनी खुद कलेक्टर अभिजीत अग्रवाल दे रहे हैं। इसी के अगले चरण में समर्थन मूल्य खरीदी को चुना गया है। समर्थन मूल्य पर जिले के 28 हजार से ज्यादा किसान गेहूं बेचते हैं। इनमें से अधिकांश किसानों के घरों में शौचालय नहीं है। इसीलिए खाद्य आपूर्ति विभाग ने तय किया है कि इस बार उन किसानों का गेहूं नहीं खरीदा जाएगा, जिनके घर में शौचालय नहीं बने। ऐसे किसानों को व्यापारियों को औने-पौने दामों पर अपना अनाज बेचना पड़ेगा। जिले में 34 खरीद केन्द्र बनाए गए हैं, जहां समर्थन मूल्य पर खरीदी होनी है। इन्हींं 34 सेंटरों पर समर्थन मूल्य खरीदी का पंजीयन किया जा रहा है। पंजीयन करते समय किसानों से घर में शौचालय होने का प्रमाणीकरण लिया जाएगा। यह प्रमाणीकरण ग्राम पंचायत द्वारा सत्यापित होगा। जो किसान घर में शौचालय होने का प्रमाणीकरण देंगे उन्हीं के मोबाइल पर गेहूं बेचने का मैसेज आएगा। जिला आपूर्ति अधिकारी सूरजपाल सिंह कुशवाह कहते हैं कि जिन किसानों के घर में शौचालय होंगे, उन्हीं का पंजीयन किया जाएगा। किसानों को पंजीयन कराने के लिए शौचालय का प्रमाणीकरण देना होगा। जिनके घरों में शौचालय नहीं उनके गेहूं समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदे जाएंगे। यह आदेश भोपाल से भी आ चुके हैं। उधर कलेक्टर अभिजीत अग्रवाल का कहना है कि लोगों के सहयोग से जिले को पूरी तरह से ओडीएफ किया जा रहा है। नगरपालिका क्षेत्र में रहने वाले सभी लोगों को अपने घर में शौचालय बनवाने होंगे। उधर स्थानीय लोगों का कहना है कि जिनके घर में शौचालय नहीं उनके राशन को बंद करने की कार्रवाई की जा रही है। जिन्होंने शौचालय नहीं बनाए ऐसे लोगों का सार्वजनिक तौर पर अपमान कर रहे हैं। दूसरी तरफ सरकारी कार्यालयों में शौचालय बनाने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिले के 289 आंगनबाड़ी व उप आंगनबाड़ी केन्द्र हैं, इनमें शौचालय सुविधा नहीं है। स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात तो की जाती है, लेकिन शाला पूर्व शिक्षा देने वाले आंगनबाड़ी केन्द्रों में मूलभूत सुविधा के नाम पर बिजली पानी तक मुहैया नहीं है। ऐसे में प्रशासन को सबसे पहले वहां शौचालय पानी और बिजली की व्यवस्था करना चाहिए। कलेक्टर के फरमान से अधिकारी सांसत में शौचालय बनवाने के फरमान से आमजन ही नहीं नगर पालिका के अधिकारी भी सांसत में हैं। दरअसल शत-प्रतिशत घरों में शौचालय नहीं बनने पर मुख्य नगर पालिका अधिकारी की वेतनवृद्धि रोकी जा सकती है। इसलिए अधिकारी कलेक्टर के आदेश का कड़ाई से पालन करवाने में जुटे हुए हैं ताकि उन पर गाज न गिरे। नगरोदय अभियान दल ने 1528 उन परिवारों से शौचालय बनाने के लिए आवेदन भरवाए है, जिनके घरों में खुले शौचालय है। इसके बावजूद ऐसे परिवार बड़ी संख्या में है, जिनके घरों में खुले शौचालय है और उन्होंने दल से जानकारी छिपा ली है। ऐसे परिवारो में बाजारों में रहने वाले अमीर भी शामिल है। उसके बावजूद भी चिन्हित लोगों ने शौचालय नहीं बनवाए है। ऐसे में सीएमओ आरसी अहिरवार ने उनकी सूची कलेक्टर अभिजीत अग्रवाल को सौंपने का निर्णय लिया है। -विकास दुबे
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