02-Feb-2017 09:20 AM
1234839
छत्तीसगढ़ में पिछले 13 साल से भ्रष्टाचार की आगोश में डूबे अफसरों की अब खैर नहीं है। सरकार के साथ ही अब अदालत ने भी दागी अफसरों को बाहर का रास्ता दिखाने की हरी झण्डी दे दी है। इससे उम्मीद जताई जा रही है कि अब कई दागी अफसरों की कुर्सी का जाना इस नए साल में तय हो गया है। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने 26 दागदार अफसरों की सूची शपथ पत्र के साथ सौंप दी है। शपथ पत्र में आरोप के साथ-साथ कार्रवाई का विवरण भी दिया गया है।
ज्ञातव्य है कि हाल ही में कोर्ट ने राज्य सरकार को इस बात का निर्देश दिया था कि दागी अफसरों पर तय वक्त पर कार्रवाई करें। दागी अफसरों में कई आईएएस-आईपीएस व आईएफएस के अलावा राज्य प्रशासन सेवा के भी अफसर भी शामिल हैं। समाजसेवी राजकुमार मिश्रा की याचिका पर हाईकोर्ट ने ये फैसला लिया था। जिन अफसरों का हलफनामा दिया गया है, उन पर गंभीर अनियमितिता के आरोप लगे हैं। 26 अफसरों में 6 ऐसे भी अफसर भी हैं, जो रिटायर हो चुके हैं।
राज्य मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार हलफनामे में पी राघवन पर फूड पार्क में अनियमितता के मामले में कार्रवाई विचाराधीन है। एमएस मूर्ति पर अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम निर्माण में अनियमितता के आरोप में कार्रवाई विचाराधीन है। टी राधाकृष्णन समकक्षता में की गयी अनियमितता मामले पर जांच लंबित है। ओमेगा यूनाइस टोप्पो विवादित जमीन पर कब्जे का आदेश पारित मामले पर जांच लंबित है। आलोक अवस्थी कवर पेज कागज खरीदी में गड़बड़ी मामले में जांच लंबित है। बीके धुर्वे वीआईपी वाहन अधिग्रहण भुगतान में गड़बड़ी मामले में जांच लंबित है। टामन सिंह सोनवानी पर मनरेगा भुगतान में गड़बड़ी मामले में जांच अभी तक लंबित है। एसएन राठौर को जिम्मेदारी में लापरवाही मामले में आरोप पत्र जारी किया जा चुका है। आरके देवांगन बाराद्वार थाने रोजनामाचा फाडऩे के मामले में कार्रवाई पूरी हो चुकी है। एएम जूरी पर पत्नी के रहते युवती से अवैध संबंध मामले में जांच अभी विचाराधीन है। मयंक श्रीवास्तव कांग्रेस के परिवर्तन यात्रा में लापरवाही मामले में जांच विचाराधीन है। एससी अग्रवाल स्टेशनरी खरीदी में गड़बड़ी जिसमें रिपोर्ट जांच के बाद शासन को भेजी जा चुकी है। राकेश चतुर्वेदी रायपुर डीएफओ रहते आरा मशीन स्वीकृति मामले में रिपोर्ट पेश की जा चुकी है। एससी राहटगांवकर पर भंडार क्रय नियम का उल्लंघन मामले में जांच पूरी हो चुकी है। हेमंत कुमार पांडेय पर उदंती वन मंडल में आरा मशीन की अनुमति मामले में जांच पूरी हो चुकी है। बीएस लकड़ा पर कांकेर में पदस्थ रहते स्थापना में गड़बड़ी मामले में जांच जारी है। पीसीएल अग्रवाल पर अमरकंटक में अवैध कटाई मामले में जांच जारी है। बीएस धु्रव अंबिकापुर में पदस्थापना के दौरान गड़बड़ी मामले में जांच जारी है। सीएस तिवारी पर कवर्धा में पोस्टिंग के दौरान गड़बड़ी मामले में जांच पूरी हो चुकी है। आरके तिवारी पर खैरागढ़ में पदस्थापना के दौरान गड़बड़ी मामले में प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जा चुका है। एम गोविंद राव पर नारायणपुर में पोस्टिंग के दौरान गड़बड़ी जिसमें जांच में विलंब अभी है। एसके पैकरा पर कवर्धा में पोस्टिंग के दौरान गड़बड़ी जिसमें जांच पूरी हो चुकी है। एसपी रजक मनेंद्रगढ़ में पदस्थापना के दौरान गड़बड़ी जिसकी जांच में अभी देरी है। बीपी सिंह पर मनरेगा में गड़बड़ी मामले में जांच जारी है। जीआर चुरेंद्र पर राजिम में नियम खिलाफ कार्रवाई मामले में जांच जारी है।
अब कोर्ट के निर्देश के बाद सरकार ने भी दागी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की पूरी तैयारी शुरू कर दी है। इससे प्रदेश की नौकरशाही में हड़कम्प मचा हुआ है। वहीं कुछ अफसरों का कहना है कि सरकार जहां
अपने चहेते कुछ अफसरों को निशाना बना रही हैं वहीं कई दागदार अफसर अभी भी जांच से दूर हैं।
दागी अफसरों की लम्बी सूची, कार्रवाई महज खानापूर्ति
उधर कांग्रेस का आरोप है कि प्रदेश में दागी अफसरों की लम्बी सूची है जो प्रदेश के मुख्यमंत्री रमन सिंह के कार्यकाल में सबसे ज्यादा आर्थिक नियमितता एवं घोटाले करने के आरोपों से घिरे हुए है। दरअसल अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारी आईएएस, आईपीएस, आईएफएस, आईआरएस और भारतीय विदेश सेवा के दागी अफसरों की जांच अब छह महीने में पूरी करनी होगी। कार्मिक विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार जांच अधिकारी को नियुक्ति से छह महीने में जांच रिपोर्ट सौंपना अनिवार्य कर दिया गया है। यही नहीं, जांच अधिकारी अगर समय सीमा में जांच पूरी नहीं करते हैं तो उन्हें इसका कारण बताना होगा। डीओपीटी के आदेश के बाद छत्तीसगढ़ के एक दर्जन अफसरों पर तलवार लटक गई है। डीओपीटी के आदेश के अनुसार जांच अधिकारी द्वारा एक समय में छह महीने से अधिक की अतिरिक्त समय सीमा नहीं दी जा सकती है। दोषी अधिकारी को आरोपों पर अपनी बात कहने के लिए 30 दिन की समय सीमा तय की गई है। इसे बढ़ाया नहीं जाएगा। छत्तीसगढ़ में अखिल भारतीय सेवाओं के अफसरों के खिलाफ वर्षों से दर्जनों मामले लंबित हैं। राज्य एंटी करप्शन ब्यूरो और राज्य आर्थिक अपराध अनवेषण ब्यूरो में ही 23 आईएएस और 6 आईएफएस के खिलाफ 2013 से ही गंभीर मामले लंबित हैं। लोकायोग में 20 आईएएस तथा 2 आईएफएस के खिलाफ मामले पंजीबद्ध हैं।
-रायपुर से टीपी सिंह के साथ संजय शुक्ला