आईएएस अवार्ड लिए बिछने लगी बिसात
20-Jan-2017 09:56 AM 1234805
मप्र में नए साल की शुरूआत के साथ ही आईएएस अवार्ड के लिए बिसात बिछने लगी है। राज्य प्रशासनिक सेवा के करीब डेढ़ दर्जन अफसरों को पदोन्नत कर आईएएस बनाया जाएगा। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इसके लिए कार्यवाही शुरू हो गई है। लगता है कि वित्तीय वर्ष समाप्त होने के पहले ही राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर भारतीय प्रशासनिक अफसर कहलाने लगेंगे। पदों की गणना लगभग पूरी हो चुकी है। पिछले वर्ष इस सेवा के 18 पद रिक्त हुए हैं और 7 पद रिव्यू कैडर में मध्यप्रदेश को नए मिले हैं। इसको मिलाकर 25 अफसर आईएएस बन पाएंगे।  1992, 93 और 94 बैच के राज्य प्रशासनिक सेवा के डेढ़ दर्जन से अधिक अफसर कतार में हैं वहीं धर्मेंद्र सिंह भी इस बार दांव मार लेंगे। उनके ऊपर चल रही विभागीय जांच समाप्त हो चुकी है परन्तु ललित दाहिमा लगता है इस बार भी आईएएस नहीं बन पाएंगे। अगर देखा जाए तो 25 पदों के अलावा 2 पद इन दोनों अधिकारियों के लिए छोड़े हुए हैं। 27 पदों की दौड़ में इन अफसरों के अलावा गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के कितने अफसर दांव खेल पाते हैं। यह कहना अभी कठिन होगा। पर यह तय है कि राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों की डीपीसी के बाद बचे हुए पदों पर गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर दबाव बनाकर पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी अपने लिए डीपीसी कराएंगे। वहीं राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों को यह नागवार गुजर रहा है कि हमारी सेवाओं में इनका क्या अधिकार है। उन्होंने भी अपने कागज फेकना शुरू कर दिया है। इन रिक्त होने वाले पदों के हिसाब से पदोन्नति का प्रस्ताव इस माह के अंत तक तैयार कर लिया जाएगा। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। कोशिश ये है कि राज्य प्रशासनिक सेवा और राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों की डीपीसी पिछली बार की तरह एक साथ हो जाए। इसके लिए विभाग ने तय किया है कि केंद्र सरकार से मंजूरी मिलते ही पदोन्नति के योग्य अधिकारियों की सूची बनाकर केंद्र सरकार को भेज दी जाएगी। इसके मद्देनजर अधिकारियों के रिकॉर्ड दुरुस्त करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 17 में 17 अफसर होंगे रिटायर 2017 में भारतीय प्रशासनिक सेवा के 17 अफसर रिटायर होंगे। इनमें से मुख्य सीएम के प्रमुख सचिव एसके मिश्रा, राकेश श्रीवास्तव, वीरेंद्र कुमार बाथम यह तीनों अफसर गैर राज्य प्रशासनिक कोटे से आए थे और तीनों ही उद्योग विभाग के अधिकारी थे। वहीं सीमा शर्मा, रवीन्द्र पस्तोर, जीपी श्रीवास्तव जैसे अधिकारी सेवानिवृत्त होंगे। राज्य पुलिस सेवा के दस अफसरों को भी मिलेगी पदोन्नति गृह विभाग ने राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों से भी तेज चलकर अपना कार्य शुरू कर दिया है। राज्य पुलिस सेवा से दस अधिकारी आईपीएस कैडर में पदोन्नति को लेकर विभाग ने अपना प्रस्ताव भी बना लिया है। अब उसे मंत्रालय के माध्यम से भारत सरकार को भेजना रह गया है। इस वर्ष 1995 बैच के 10 अधिकारियों को आईपीएस अवार्ड मिल जाएगा। वहीं 1995 बैच के मनोज श्रीवास्तव को भी इस बार आईपीएस अवार्ड मिल सकता है। क्योंकि उनकी वेतनवृद्धि का दंड प्रभाव समाप्त हो चुका है इस आशय का न्यायालयीन निर्णय आ चुका है। शैलेंद्र श्रीवास्तव होंगे डीजी वहीं इस वर्ष 1992 बैच के आदर्श कटियार और श्रीनिवास राव एडीजी हो जाएंगे। गत वर्ष इस बैच के राजेश गुप्ता और पंकज श्रीवास्तव एडीजी बने थे। वहीं इस साल 9 आईपीएस सेवा निवृत्त भी होंगे। वहीं सरबजीत सिंह के जुलाई माह में सेवानिवृत्त होने के बाद 1986 बैच के शैलेंद्र श्रीवास्तव डायरेक्टर जनरल बन जाएंगे। पुलिस के भरोसे नहीं रहें, अन्य वित्तीय एजेंसियां भी करें कार्रवाई प्रदेश में वित्तीय अपराध रोकने के लिए सरकार सक्रिय नजर आ रही है। इसी कड़ी में विगत दिनों राज्य स्तरीय समन्वयक समिति की बैठक आयोजित की गई। वैसे तो यह बैठक मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होती है, लेकिन इस बार अपर मुख्य सचिव वित्त एपी श्रीवास्तव की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में बैठक में एसीएस होम केके सिंह, आईजी ईओडब्ल्यू जयदीप प्रसाद के अलावा सेवी, आरओसी व रिजर्व बैंक के अधिकारी मौजूद थे। इस अवसर पर एसीएस वित्त ने कहा कि पुलिस की कार्रवाई पर सीमित नहीं रहे, वित्तीय गड़बडिय़ों के खिलाफ कार्रवाई करने वाली अन्य एजेंसियां भी कार्रवाई करें। एसीएस ने कहा कि सबसे ज्यादा वित्तीय गड़बडिय़ां चिटफंड कंपनियों की ओर से की जा रही हैं। इन पर लगाम लगाना जरूरी है। एसीएस ने कहा कि पुलिस को जो मामले दिए जा रहे हैं, उनकी पूरी जानकारी जुटाई जाए और फिर प्रकरण पुलिस को सौंपे जाएं। -कुमार राजेंद्र
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