20-Jan-2017 09:15 AM
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कांग्रेस आलाकमान 2018 में हर हाल में मप्र में सत्ता हासिल करना चाहता है। लेकिन प्रदेश के दिग्गज नेता अपनी ढपली अपना राग अलाप रहे हैं। इसको देखते हुए आलाकमान ने वरिष्ठ नेताओं और पदाधिकारियों पर पहरा बिठा दिया है। इनकी निगरानी में लगे जासूसों को हर माह वरिष्ठ नेताओं और पदाधिकारियों की रिपोर्ट आलाकमान को भेजनी है। इस रिपोर्ट में यह दर्शाया जाएगा कि नेता और पदाधिकारी पार्टी हित में क्या कर रहे हैं।
दरअसल मप्र के चुनाव में लगातार मिल रही हार के बाद कांग्रेस आलाकमान ने अपने नेताओं पर नकेल कसनी शुरू की है। इसके लिए नेताओं को अपने-अपने क्षेत्र में सक्रिय होने को कहा है। लेकिन कोई भी नेता आलाकमान की बात नहीं मान रहा है। हालांकि आलाकमान को सभी यह रिपोर्ट भेज रहे हैं कि वे निरंतर सक्रिय हैं। ऐसे में अब आलाकमान ने अपने स्तर पर नेताओं की रिपोर्ट तैयार करने का बीड़ा उठाया है। इसके लिए अब डेढ़ दर्जन से अधिक जासूस तैनात किए गए हैं। ये अन्य राज्यों से हैं। यही नहीं घर बैठे नेताओं को भी सक्रिय करने की जिम्मेदारी इन जासूसों पर है।
प्रदेश प्रभारी मोहन प्रकाश कहते हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी जमीनीस्तर से शुरू हो गई है। पार्टी के सभी नेताओं और पदाधिकारियों को सक्रिय होने का निर्देश दे दिया गया है। प्रदेश सरकार के खिलाफ माहौल है। जनता सरकार की कार्यप्रणाली से नाखुश है। मंत्री और भाजपा नेता बेखौफ हैं। अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रताडि़त किया जा रहा है। ईमानदार अफसरों को नीचा दिखाया जा रहा है। ऐसे में कांग्रेस सबके साथ खड़ी है। वह कहते हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत तय है और सरकार हमारी बनेगी।
उधर नोटबंदी लागू होने के बाद कांग्रेस का फोकस अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी है। प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव का आरोप है कि नोटबंदी के बाद आमजन लगातार परेशान हैं। प्रधानमंत्री ने 50 दिन का वक्त मांगा था, लेकिन इसके बाद भी स्थिति नहीं सुधरी। कांग्रेस लगातार आंदोलनकर जनता को राहत दिलाने की मांग कर रही है। वह कहते हैं कि प्रदेश सरकार का कुशासन सामने आ गया है। कटनी में जिस तरह जनता सरकार और मंत्री के खिलाफ आंदोलित है उससे साफ हो गया है कि भाजपा के खिलाफ जनता में आक्रोश है। वहीं सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का मानना है कि अगर कांग्रेसी एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरे तो भाजपा का बोरिया बिस्तर बंधना तय है। लेकिन एकता कैसे होगी इस पर सब मौन है।
उधर तीन नगरीय निकाय चुनाव के शनिवार को घोषित परिणामों में कांग्रेस की करारी हार के बाद एक बार फिर प्रदेश कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की मांग उठी है। प्रदेश कांग्रेस के पूर्व महामंत्री गोविंद गोयल ने कहा है कि अब समय आ गया है कि जब कांग्रेस के तीनों बड़े नेताओं दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश कांग्रेस के विभिन्न मोर्चे संभालने होंगे। उन्होंने कहा कि इसमें दिग्विजय की संगठन, कमलनाथ की प्रशासकीय व सिंधिया की लोकप्रियता का उपयोग करने पर 2018 के चुनाव में कांग्रेस के लिए दो तिहाई से अधिक बहुमत पाना मुश्किल नहीं होगा।
प्रदेश कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष मानक अग्रवाल ने अरुण यादव के विरुद्ध मोर्चा खोलते हुए कहा कि अब समय आ गया है जब नेतृत्व परिवर्तन किया जाए अन्यथा वर्तमान नेतृत्व के सहारे चुनाव जीतना संभव नहीं है। सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी के विदेश से आने के बाद इस मामले पर प्रदेश कांग्रेस के असंतुष्ट नेता राहुल गांधी से चर्चा कर प्रभारी महासचिव मोहन प्रकाश, अरुण यादव की तथ्यों के साथ शिकायत प्रस्तुत की जाएगी।
उन्होंने कहा कि जनता मध्यप्रदेश में भाजपा से नाराज है किंतु प्रदेश कांग्रेस कमजोर नेतृत्व के चलते कांग्रेस के पक्ष में मतदान नहीं कर रही है। सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी के विदेश से आने के बाद इस मामले पर प्रदेश कांग्रेस के असंतुष्ट नेता राहुल गांधी से चर्चा कर सकते हैं जिसमें प्रभारी महासचिव मोहन प्रकाश, अरुण यादव के विषय में तथ्यों के साथ शिकायत प्रस्तुत की जाएगी। यादव विरोधी इस अभियान में मालवा क्षेत्र के तीन पूर्व सांसद भी एकजुट हो चुके हैं। वहीं, प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव अकबर बेग ने भी नेतृत्व परिवर्तन की मांग उठाते हुए पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा है।
कांग्रेस में कौन बनेगा मुख्यमंत्री की लड़ाई
2018 में प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का चेहरा कौन होगा, कौन मुख्यमंत्री पद का दावेदार होगा? इस मुद्दे पर बड़े नेताओं के बीच जंग छिड़ी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया या कमलनाथ जब भी प्रदेश का दौरा करते हैं मामला तूल पकड़ लेता है। हालांकि राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा का कहना है कि चेहरा कौन होगा, इसके लिए सर्वसम्मति व एकजुटता जरूरी है। कांग्रेस में एकजुटता को लेकर बयानबाजी और कलह सार्वजनिक हो गई है, लेकिन प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष अरुण यादव इससे इंकार करते हैं। यादव का दावा है कि कांग्रेस के सारे नेता एकजुट हैं। वे कहते हैं कि इस तरह की अफवाहें भाजपा फैला रही है। तन्खा पार्टी में एकजुटता को बड़ी चुनौती मानते हैं। वे कहते हैं कि जैसे राज्यसभा चुनाव में सभी लोग एकजुट हो गए थे, वैसे ही आने वाले विधानसभा चुनावों में बड़े नेता एकजुट हो जाएंगे।
-भोपाल से अरविंद नारद