20-Jan-2017 07:36 AM
1234760
मप्र में अब कोई भी व्यक्ति आवासहीन नहीं रहेगा। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर प्रदेश सरकार योजना बना रही है। इसके तहत मप्र में आर्थिक रूप से कमजोर और निम्न आय वर्ग के आवासहीन और जिनके पास आवासीय जमीन भी नहीं है, उनके लिए सरकार आवास गारंटी कानून लाएगी। कानून के दायरे में आने वालों को किफायती दर पर आवास या प्लॉट दिया जाएगा। कानून इसी साल लागू हो सकता है। इसके लिए नगरीय विकास विभाग ने कानून का मसौदा तैयार कर लिया है।
इस योजना के लागू होते ही मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा जहां आवास गारंटी योजना शुरू होगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर शुरू होने जा रही इस योजना का लाभ मध्यप्रदेश के मूल निवासियों (राज्य शासन की भेद परिवर्तन की परिभाषा के तहत) को इसका लाभ मिल पाएगा। इस योजना के तहत आवासों का आवंटन दो तरह से किया जाएगा। एक आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए और दूसरा निम्न आय वर्ग के लिए। आर्थिक रूप से कमजोर आय वर्ग वालों के लिए 30 वर्गमीटर में निर्मित तीन लाख रुपए की लागत से बना आवास दिया जाएगा। वहीं निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए 45 वर्गमीटर में 6 लाख रुपए की लागत से निर्मित आवास दिए जाएंगे।
इस योजना का क्रियान्वयन ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायतों के माध्यम से तथा शहरी क्षेत्र में नगर निगम या नगर पालिका के माध्यम से किया जाएगा। इस योजना का प्राधिकृत अधिकारी डिप्टी कलेक्टर होगा। इस योजना के लिए पात्र हितग्राहियों की तलाश की जाएगी। इसके लिए समितियां बनाई जाएंगी। ये समितियां पात्र व्यक्तियों का पंजीयन करेंगी। पात्र परिवार मेंं पति-पत्नी और 25 साल से कम आयु के बच्चे शामिल रहेंगे। अगर परिवार में कोई विधवा या तलाकशुदा है तो उसे भी पात्र माना जाएगा। पात्र परिवार से सस्ती दर पर मकान या प्लॉट के लिए पात्रता के दस्तावेज लिए जाएंगे। ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इसके मसौदे को पूर्व मुख्य सचिव एंटोनी डिसा की अध्यक्षता वाली वरिष्ठ सचिव समिति ने मंजूरी दे दी थी।
ज्ञातव्य है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक सभी आवासहीनों को आवास देने की घोषणा की है। इसके मद्देनजर सभी राज्य सरकारें योजनाएं बना रहीं हैं, पर मध्यप्रदेश ने सबसे पहले मध्यप्रदेश आवास गारंटी कानून बना लिया है। इसमें 2022 तक केंद्र और राज्य सरकार की आवासीय योजनाओं के तहत मकान दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की शुरू से मंशा रही है कि प्रदेश में हर व्यक्ति का अपना मकान हो। इसलिए प्रदेश में केंद्र और राज्य सरकार की तमाम आवास योजनाएं संचालित हैं। हर साल पात्र हितग्राहियों को आवास मुहैया कराए जाते हैं। लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर और निम्न आय वर्ग के व्यक्तियों के लिए सरकार ने यह पहल की है। इस योजना से अब शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों किनारे झोपड़े और कनात लगाकर रहने वालों को पक्के मकान मिलेंगे। सरकार की इस पहल को अभी से सराहा जा रहा है। निश्चित रूप से मप्र आवास गारंटी योजना अन्य राज्यों के लिए मिसाल बनेगी।
दो लाख परिवारों को मिलेगा फायदा
इस योजना के तहत पात्र हितग्राहियों की खोज ग्राम उदय और नगर उदय अभियान के दौरान की जाएगी। इस अभियान के तहत दौरे पर जाने वाले अधिकारी इस बात की पड़ताल करेंगे कि उक्त क्षेत्र में कितने आवासहीन लोग हैं। साथ ही आवासों का वितरण भी इस अभियान के दौरान किया जाएगा। जानकारों का कहना है कि प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आवासहीन परिवारों की संख्या दो लाख के करीब है। इसमें भी लगभग 65 हजार परिवार ग्रामीण क्षेत्रों में झोपड़े या अन्य किसी व्यवस्था से रह रहे हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इस कानून का सबसे ज्यादा फायदा भोपाल और इंदौर जैसे शहरों में मिलेगा। यहां आज भी कई परिवार ऐसे हैं, जिनके अपने आवास या प्लॉट नहीं है। एक सर्वे में ग्रामीण क्षेत्रों में कानून के दायरे में आने वालों की संख्या 76 हजार और शहरी क्षेत्र में सवा लाख के आसपास आंकी गई थी। बताया जा रहा है कि जनगणना 2011 और सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर पात्र व्यक्तियों की पहचान की जाएगी। इनका बाकायदा सत्यापन भी करवाया जाएगा।
मुख्य संवाददाता