प्रशिक्षण से मिशन 2018 की ओर
03-Jan-2017 07:23 AM 1234771
मप्र देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जहां सालभर चुनावी माहौल नजर आता है। कभी उपचुनाव, कभी निकाय चुनाव, कभी पंचायत चुनाव तो कभी भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण वर्ग चुनावी माहौल को जीवित किए रहते हैं। इसी कड़ी में अभी हाल ही में प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर में भाजपा की सरकार और संगठन  का चार दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग सादगी, शुचिता और नेताओं-कार्यकर्ताओं को अनुशाासन की सीख देने के साथ समाप्त हुआ है। इस प्रशिक्षण वर्ग में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भाजपा संगठन और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने माना कि सरकार की कार्यप्रणाली से जनता ही नहीं भाजपा के कार्यकर्ता भी संतुष्ट नहीं हैं। यानी चार दिनों के चिंतन मनन का लब्बोलुआब यही रहा कि भाजपा नेता अपनी जड़ से जुड़े रहे न कि लगातार जीत के लिये सिद्धांतों से समझौता करते फिरे। पार्टी राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल ने तो सरकारी मशीनरी पर यह कहकर सवाल खड़े कर दिए कि तीन बार से   सत्ता में रहने के बाद भी भाजपा कार्यकर्ताओं को घूस देनी पड़ रही है। उन्होंने सुझाव भी दिए कि सरकार ऐसे कार्य करे जिससे लोगों की जीवनशैली में बदलाव आये। दरअसल, प्रदेश में पिछले तीन बार के विधानसभा चुनाव के पूर्व बनने वाली परिस्थितियां इस बार भिन्न हैं तब केन्द्र में कांग्रेस गठबंधन की सरकार होती थी और प्रदेश भाजपा के नेता केन्द्र सरकार को कोसकर भाजपा के लिये वोट मांगते थे लेकिन अब केन्द्र में भी भाजपा की सरकार है और पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक भी भाजपा की सरकार है। ऐसे में भाजपा के जनप्रतिनिधियों, विधायक, सांसद और मंत्रियों की कार्यशैली पर पार्टी की साख निर्भर हो जाती है। यही कारण है कि पार्टी, संघ के निर्देश पर बीच-बीच में इस तरह के प्रशिक्षण शिविर एवं चिन्तन बैठक आयोजित करती रहती है। हालांकि इन बैठकों और शिविरों में जहां पार्टी नेताओं को मर्यादा, नैतिकता और सुशासन की समझाइश दी जाती है वहीं एक न एक वाक्या ऐेसा हो जाता है जो सुर्खियों में आ जाता है। मसलन पिछले महीने भोपाल में संघ भाजपा की समन्वय बैठक में जहां अफसरशाही का मुद्दा बैठक से बाहर आकर चर्चा का विषय बन गया था तो इंदौर प्रशिक्षण शिविर से श्योपुर के कार्यकर्ता का यह कहना कि बगैर पैसे दिये कोई काम नहीं होता पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया। यही कारण है कि इंदौर में चार दिन के 15 सत्रों में पार्टी सदस्यों को विचार, संस्कार, कार्य विधि और पार्टी की रीति नीति के बारे में वक्ताओं ने गहराई से अपने विचार रखे। खुद मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान सरकार के कई मंत्रियों और संगठन के पदाधिकारियों की कार्यप्रणाली से नाराज दिखे। उन्होंने उद्धाटन समारोह में कहा कि सरकार के कई मंत्री रुतबा झाड़ते हैं, वे प्रभार के जिलों में नहीं जा रहे हैं। मंत्री पद सुविधा का उपभोग करने के लिए नहीं है। मंत्री खुद को जनता से बड़ा न मानें और न ही उनसे कटकर रहें। पार्टी के पदाधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी उन्होंने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि जब तक पद नहीं मिला था, तब तक नंदू भैया के आगे-पीछे घूमते थे। पद मिलने के बाद लेटरपैड से झांकी दिखाने का मौका नहीं छोड़ रहे हैं। मंत्री जनता से जुड़े रहे और पार्टी पदाधिकारी कुशाभाऊ ठाकरे की तरह निष्ठा और ईमानदारी से काम करें। हमें ईमानदार कार्यकर्ताओं की जरूरत है। उधर भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी अपनी ही परीक्षा में शत प्रतिशत नहीं ला पाई। इस प्रशिक्षण शिविर के लिए भाजपा ने तय किया था कि पूरे प्रदेश में एक लाख कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करेंगे, लेकिन प्रदेश स्तर के प्रशिक्षण शिविर के समाप्त होने के बाद भाजपा 85,000 कार्यकर्ताओं को ही प्रशिक्षित कर पाई है। यह भी इस बात का संकेत है कि अपनी ही सरकार से भाजपा कार्यकर्ताओं का मोहभंग होता जा रहा है। निश्चित रूप से यह सरकार और भाजपा संगठन के लिए चिंता का विषय है। कार्यकर्ताओं ने प्रशिक्षण शिविर से ली ये 9 सीख -     संघ है हमारा पॉवर हाउस, लेकिन भाजपा नहीं चलती संघ से। -     प्रदेश कार्यसमिति के सदस्यों का पद और कद छोटा नहीं है। पद पर पहुंचकर भी कार्यकर्ता रहें। -     पार्टी को जो सम्मान मिल रहा है, वह कार्यकर्ता आधारित कार्य पद्धति का परिणाम है। -    भारतीयता की खोज के साथ एकात्मवाद को लेकर जनसंघ की हुई थी स्थापना। -     कार्यकर्ता सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाएं। -     सुशासन के 7 बिंदु हैं। जवाबदेही, पारदर्शिता, कानून का राज, प्रतिसाद, न्याय तत्व, कार्यक्षमता और प्रतिभागात्मकता। -     सहकारिता समाज की आर्थिक उन्नति का द्वार है। -     हमारा काम सिर्फ सरकारें चलाना नहीं, सर्वांगीण उत्थान करना है। -     घर-घर जाकर अपने कार्य व्यवहार से सामाजिक बराबरी के लिए प्रयत्न करें। अंदर अनुशासन, बाहर हो गया विवाद भाजपा के प्रशिक्षण वर्ग में नेताओं को अनुशासन का पाठ एयर कंडिशन हॉल में सिखा रहे थे, वहीं बाहर व्यवस्था में लगे भाजपा नेताओं के बीच विवाद हो गया। आपस में एक-दूसरे को देख लेने की धमकी तक दे दी गई। दरअसल भाजपा के प्रशिक्षण वर्ग के अंतिम दिन लोकसभा अध्यक्ष और सांसद सुमित्रा महाजन के प्रतिनिधि राजेश अग्रवाल और अन्नू पटेल अम्बर गार्डन में हॉल के बाहर थे। यहां दोनों में किसी बात पर विवाद हो गया। सबके सामने ही जमकर तू-तू-मैं-मैं होती रही। इस दौरान बात बढ़ती गई और दोनों एक-दूसरे को देख लेने की धमकी तक देने लगे। इसी बीच वहां मौजूद भाजपा के अन्य नेताओं ने दोनों को अलग कर वहां से रवाना किया। शिविर ने साफ कर दिया कि प्रदेश भाजपा में सब ठीक नहीं है। शिविर में प्रदेश भाजपा ने जिन वक्ताओं को आने का कहा था, उनमें से संघ से जुड़े कई लोग दूर रहे। प्रदेश भाजपा ने घोषणा की थी कि प्रशिक्षण शिविर में एक सत्र भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और संघ के पूर्व प्रवक्ता राममाधव रहेंगे, लेकिन उन्हें बाद में बुलाने की बात कही गई और अंतिम दिन भी वे नहीं पहुंचे। भाजपा के नेता व्यस्तता के चलते उनके नहीं आने की बात कहते रहे हैं। -इंदौर से विशाल गर्ग
FIRST NAME LAST NAME MOBILE with Country Code EMAIL
SUBJECT/QUESTION/MESSAGE
© 2025 - All Rights Reserved - Akshnews | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^