17-Dec-2016 06:58 AM
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को हाईटेक मोड पर लाने की कवायद में जुटे हुए हैं। इसके लिए वे अमेरिका, जर्मनी और चीन की नकल कर रहे हैं, लेकिन स्थिति यह है कि मौसम में आए जरा से बदलाव से हमारी यात्रा थम सी जा रही है। यानी इस सीजन के पहले कोहरे में ही हमारी प्रगति की पोल खुल गई। रेल, बस के साथ ही हवाई जहाज के पहिए भी थम गए। कोहरे के कोहराम ने लोगों को भी बेहाल कर दिया। लेकिन लोगों की बेहाली का कुछ विमानन कंपनियों ने जमकर फायदा उठाया।
जानकारी के अनुसार कोहरे के दौरान जो भी फ्लाइट्स उड़ी उसमें यात्रियों से 20 से 50 प्रतिशत तक अधिक किराया वसूला गया। ऐसा करने वालों में जेट एयरवेज सबसे आगे रही। अब जिन लोगों को अपनी यात्रा जरूरी थी उन्होंने इतना भुगतान कर यात्रा की। जबकि देशभर में कई ऐसे मामले देखने को मिले कि लोगों के पास हवाई जहाज के टिकट होने पर भी बसों से यात्रा करनी पड़ी। एक तरफ केंद्र सरकार और उड्डयन मंत्रालय गरीबों को भी सस्ती हवाई यात्रा कराने की योजना पर काम कर रहा है और दूसरी तरफ इस तरह की लूट मची हुई है।
दरअसल मौसम के मिजाज में बदलाव का सीधा असर फ्लाइट्स के किराए पर पड़ रहा है। कोहरे के कारण अधिकतर फ्लाइट्स बंद रही। लेकिन अब मौसम खुलते ही मुंबई और बंगलूरू के साथ ही अन्य जगहों की विमान सेवाओं के किराए में उछाल आया है। आलम यह है कि कंपनियां लोगों की मजबूरी का जमकर फायदा उठा रही हैं और लोग उनको मुंह मांगा किराया दे रहे हैं। कोहरे ने एक तरफ देशभर में कोहराम मचा रखा है वहीं दूसरी तरफ विमानन कंपनियां इसका फायदा उठाने में जुट गई हैं। आलम यह है कि कोहरे की आड़ में इंडियन एयरलाइंस इस बार यात्रियों का दीवाला निकाल रही हैं। कोहरे के कारण कई दिनों तक अपनी यात्रा टालने वाले लोगों को अब जल्द से जल्द अपने गंतव्य तक जाना है। परेशान लोगों की इस बेबसी का फायदा इंडियन एयरलाइंस उठा रही है। ऐसा लग हा है जैसे अपने वर्षों के घाटे को पूरा करने के लिए इंडियन एयरलाइंस ने यही मौका चुना हो।
लोगों की बेबसी का आलम यह है कि वे दोगुना किराया देने को भी तैयार हैं। विमानन कंपनियों उन जगहों के लिए जहां पर डिमांड ज्यादा है किराए में अनाप-शनाप की बढ़ोतरी कर दी है। मसलन दिल्ली से लखनऊ के लिए ही हवाई किराया 26 से 27 हजार तक पहुंच चुका हैं। यानी हिंदुस्तानियों की मजबूरी का फायदा उठाकर कंपनियां उनका दिवाला निकाल रही है। वहीं इंडियन एयरलाइंस ने भी इस मौके का फायदा उठाना शुरू कर दिया है। दिल्ली-लखनऊ के जिस रूट पर आमतौर पर ढ़ाई से तीन हजार का टिकट मिलता है, वहां का हवाई किराया 26 से 27 हजार रुपये तक पहुंच गया है। जेट एयरवेज जहां 27,841 ले रहा है तो वहीं एयरइंडिया का किराया 26,429 तक पहुंच गया है। इसी तरह भोपाल-दिल्ली की हवाई यात्रा के लिए 15 हजार रुपए तक लिए जा रहे हैं। जिस तरह मौसम की आड़ में यात्रियों को लूटा जा रहा है उससे उड्डयन विभाग की कार्यप्रणली पर भी सवाल उठने लगे हैं। बेबस यात्री परेशानी के साथ ही विमानन कंपनियों के लूट के शिकार हो रहे हैं, लेकिन उनकी समस्या और परेशानी को कोई देखने वाला नहीं है।
ज्यादा किराया लेकिन सुविधा कम
इधर, कोहरे के कारण ट्रेनों की मनमानी भी लोगों को भारी पड़ रही है। रेल अधिकारियों का कहना है कि 3,4,5 दिसंबर को रोजाना करीब 250 से 300 ट्रेनें घंटों की देरी से चलीं वहीं रोजाना करीब 20 ट्रेनें रद्द हुईं। अब धीरे-धीरे रेल यातायात पटरी पर आ रहा है। लेकिन इन सबके विपरीत आज भी ट्रेनों के देरी से चलने के कारण लोग परेशान हो रहे हैं। आलम यह है कि शताब्दी और राजधानी ट्रेनें भी पैसेंजर ट्रेनों की तरह चल रही हैं। इन ट्रेनों से यात्रा करने वाले यात्रियों को सपना दिखाया गया था कि अगर उनका टिकट कन्फर्म नहीं होता है तो उन्हें हवाई जहाज से यात्रा कराई जाएगी, लेकिन इस देश में न तो ट्रेन लोगों को राहत दे पा रही है और न ही हवाई जहाज। ट्रेनों में लोगों को पहले डायनेमिक फेयर और अब फ्लेक्सी फेयर के नाम पर लूटा जा रहा है। यात्रियों को उचित समय और सुविधायुक्त यात्रा के नाम पर किराया तो खूब वसूला जा रहा है, लेकिन सुविधाओं का पता नहीं है। ऐसे में यात्री भगवान भरोसे यात्रा कर रहे हैं।
-ऋतेन्द्र माथुर