02-Nov-2016 09:07 AM
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किसी को लतिया देना, हमारी महान सभ्यता की गौरवशाली परम्परा है, आमतौर पर या तो हम किसी को लतियाते है या खुद लतियाये जाते हैं, यह हमारे जीवन का निरंतर क्रम है!
हम हमेशा चाहते है कि जिसने कभी भूतकाल में हमसे ये सद्व्यवहार किया हो, मौका मिलते ही उसका कर्जा सूद समेत लौटा सकें! लतियाने के लिये किसी भी आदमी का पृष्ठ भाग सबसे अधिक उपयुक्त स्थान होता है, दरअसल उसकी आत्मसम्मान ग्रंथी वही अवस्थित हुआ करती है, और यदि आप किसी को लतियाना तय कर ही चुके हैं तो फिर सामने वाले के पु_ो पर पदप्रहार करते वक्त किसी भी प्रकार का लिहाज करना ठीक नहीं! किसी को लतियाना, फिर उसे चींचीं करते हुये, पु_ो को सहलाते हुये देखना परमानंद है!
वैसे किसी को लतिया देने के लिये हमारे पास कोई वाजिब कारण हो ही ये कतई जरूरी नहीं है, ये तो मन की मौज भर भी हो सकती है, पेट भरा है हमारा, करने को कुछ खास है नहीं, सामने कोई लाचार दिख गया है तो यह कार्य मात्र मनोरंजन के प्रयोजन से भी किया जा सकता है!
लतियाया गया आदमी यदि कमजोर है तो वो ऐसे व्यवहार से चौंकता नहीं, या तो उसे इसकी आदत होती है, या वह आपसे ऐसा ही कुछ किये जाने की उम्मीद लेकर आया होता है! ऐसे लोगों को लतियाना कोई खास मजेदार नहीं होता, बहुत बार इस पुनीत कार्य के बाद उस पर दया करने की इच्छा भी हो सकती है आपकी, जो कि घाटे का सौदा होती ही है, शातिर लोग तो खुद ही ऐसा माहौल बना देते है कि आप उन्हें लात मारे बिना रह ना सके और बाद मे वे पांव पकड़ कर अपनी बात मनवा लें!
हालांकि लतियाते वक्त ज्यादा सोचा विचारा नहीं जाता फिर भी यदि सामने वाला बंदा आपसे हर लिहाज से कमजोर हो और निकट भविष्य में भी उसके कमजोर ही बने रहने की उम्मीद हो तो ठीक रहता है, होता ये है कि जिस आदमी को लतिया दिये जाने का अभ्यास नहीं होता, वो इसका थोड़ा बहुत बुरा मान जाता है, उसका बुरा मानना जरूरी भी है, वरना लतिया देने का सारा मजा ही किरकिरा हो जाता है जब भी ऐसा मौका मिले किसी को अकेले मे मत लतियाईये, जंगल मे मोर नाचेगा तो कौन देखेगा? यह काम सार्वजनिक रूप से सम्पादित कीजिये, आपकी शोहरत में चार चांद लगेंगे इससे!
यदि आप एक साथ पच्चीसों को लतिया सकते है तो यकीनन आप बड़े आदमी है, आपकी इज्जत तो बढऩी ही है इससे, आपका लतियाना, सामने वाले को भी इज्जत शोहरत बख्श सकता है, आप ऐसा करके अपनी औकात का भी अंदाजा लगा सकते हैं, आपके पद प्रहार के बाद सामने वाला यदि आपके प्रति और अधिक आदर भाव से भर उठे तो इसका मतलब यही है कि आप पर्याप्त सामथ्र्यवान, इज्जतदार आदमी है!
यदि आप ऐसा नहीं करते तो अब करके देखिये, अच्छा लगता है!
-मुकेश नेमा