वरुण का हनी ट्रैप
02-Nov-2016 08:10 AM 1234816
निया के तमाम देश अपने दुश्मन का राज जानने के लिए नए-नए हथकंडे आजमाते रहते हैं क्योंकि लड़ाई सिर्फ सरहद पर ही नहीं होती, दुश्मन के घर में सेंध लगाकर अहम जानकारी जुटा लेना भी लड़ाई का अहम हिस्सा होता है। एक बार दुश्मन देश से जुड़ा कोई अहम दस्तावेज या खुफिया जानकारी हाथ लग जाए तो उसके खिलाफ रणनीति बनाना बेहद आसान हो जाता है और ये काम एक महिला जासूस से बेहतर कौन कर सकता है? इस बार भाजपा नेता वरुण गांधी पर आरोप लगे हैं कि हनी ट्रैप के जरिए उन्हें पहले फंसाया गया और फिर उन्होंने कई डिफेंस सीक्रेट्स लीक कर दिए। गौरतलब है कि इस बात का खुलास स्वराज अभियान के नेता प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव ने किया था। अमेरिकी नागरिक एलन ने कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे अपने पत्र में यह आरोप लगाया था कि रक्षा सलाहकार समिति से जुड़े वरुण गांधी को हनीट्रैप में फंसाकर ब्लैकमेल किया गया। हालांकि वरुण गांधी इससे साफ मना किया हैं। देश की जनता को संबोधित अपने पत्र में वरुण गांधी ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि यह उनकी छवि खराब करने की साजिश है। वरुण ने कहा है कि वह किसी एडमंड एलन को नहीं जानते और दोनों की कभी भी मुलाकात नहीं हुई। वरूण गांधी ने बयान देते हुए कहा है कि अगर इस मामले मे 1 प्रतिशत भी सच्चाई निकलती है तो वह राजनीति छोड़ देंगे लेकिन वरुण गांधी के साथ ही एक बार फिर से हनी ट्रैप का मुद्दा गर्मा गया है। भारत में इससे पहले भी हनी ट्रैपिंग के मामले चर्चा में रहे हैं। जुलाई 2016 मे  दिल्ली में भी हनी ट्रैप का एक मामला सामने आया था जिसमें लड़की ने सोशल साइट के जरिए पहले एक लड़के से दोस्ती की फिर उसे हनी ट्रेप में फंसा कर रूपए की मांग करने लगी। युवक की शिकायत पर जब दिल्ली पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की तो एक पूरा का पूरा गैंग पकड़ में आया जिसमें लड़कियां सोशल साइट्स के जरिए पहले तो लड़कों को अपने प्यार के जाल में फंसाती थी फिर उनसे जरूरी जानकारी और पैसा लेती थीं। 30 दिसंबर 2015 को इंडियन एयरफोर्स के एक एयरक्राफ्ट मैंन को भारतीय खुफिया एजेंसी हनी ट्रैप का शिकार बताया था। भठिंडा एयरफोर्स स्टेशन पर तैनात एक वायु सैनिक रंजीत को फेसबुक पर एक दामिनी नाम की अंजान महिला ने फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज कर अपने जाल मे फंसाया था। महिला ने रंजीत से बेस से जुड़ी कई जानकारियां हासिल की थीं। जिसके कुछ समय बाद ही पंजाब के एक एयरफोर्स स्टेशन पर आतंकियों ने हमला बोल दिया था। हनी ट्रैप का ऐसा ही एक मामला मुंबई में हुआ था जहां खुद को समाज सेविका कहने वाली सविता शिंदे ने अपने एक साथी से मिलकर एक कंस्ट्रक्शन व्यवसाई को 25 करोड़ लोन दिलाने का लालच दिया था। साल 2013 से 2016 के बीच उसने अपने पति और दूसरों के अकाउंट में 16 करोड़ ट्रान्सफर करवाए और जब उसे लगा कि उसकी पोल खुल सकती है तब एक दिन अचानक ही वह लापता हो गई थी। जुलाई 2012 में भारतीय सेना के अफसर के बांग्लादेशी महिला के साथ ऑनलाइन चैट के कुछ रिकॉर्ड मिले थे। भारतीय सेना के 82वीं बख्तरबंद रेजिमेंट में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर राजस्थान में तैनात अधिकारी से शीबा नाम की जिस महिला ने संपर्क साधने की कोशिश की थी उसके संबंध पाकिस्तान के खुफिया एजेंसी आईएसआई से होने की बात सामने आई थी। हालांकि सेना द्वारा की गई जांच में अधिकारी को बाद में क्लीन चिट दे दी गई थी। हनी ट्रैप के मामले में पुरुष ही नहीं महिलाएं भी शिकार हो चुकी हैं। माधुरी गुप्ता नामक महिला अधिकारी जो कि पाकिस्तान में भारतीय दूतावास में प्रेस एंड इनफार्मेशन विंग में सेकंड सेक्रेटरी के पद पर कार्यरत थी। उसके संबंध आईएसआई के अफसर मुद्दसर राणा से होने की बात सामने आई थी। मामले की जानकारी होने के बाद भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ ने उन्हें तुरंत भारत बुलाकर गिरफ्तार कर लिया था। क्या है हनी ट्रैप इसके जरिए किसी महिला जासूस को जिम्मेदारी दी जाती है कि वह सरकारी अधिकारियों को अपने प्यार के जाल में फंसाए और फिर उनसे कई अहम राज हासिल करे। कई मामलों में महिला सिर्फ लच्छेदार बातों का ही सहारा नहीं लेती बल्कि अपने शिकार का इस्तेमाल कर अधिकारियों को ब्लैकमेल भी करती है। अगर शिकार की कोई आपत्तिजनक तस्वीर या खास बातचीत की कोई डिटेल हाथ लग जाए तो उसे जगजाहिर करने की धमकी भी दी जाती है। बदनाम होने के डर से वो शख्स अहम से अहम राज भी उगल देता है। हनी ट्रैप आज से नहीं बल्कि पिछले कई सदियों से चलन में हैं। अक्सर दुनिया के कई देश अपने दुश्मनों के राज जानने के लिए हनी ट्रैप का सहारा लेते आए हैं। जर्मनी, रूस और फ्रांस जैसे देश जहां अक्सर इस माध्यम का प्रयोग करते आए हैं तो अब भारत में भी पाकिस्तान की इंटेलिजेंस एजेंसी इस ट्रेंड को बढ़ावा देने में लगी हुई है। हनी ट्रैप में शामिल महिला कई अहम तरह के डॉक्यूमेंट्स को हासिल कर लेती है। वह ऑफिसर्स को ब्लैकमेल भी करती है। -बिंदु माथुर
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