02-Nov-2016 07:16 AM
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अच्छी नीति और नीयत हो तो विकास में आने वाली सारी बाधाएं अपने आप दूर होती जाती हैं। इसी नीति और नीयत के अभाव में एयर इंडिया घाटे में चली गई थी। लेकिन जबसे एयर इंडिया की कमान अश्विनी लोहानी को मिली है इस विमानन कंपनी की दशा ही बदल गई है। आज एयर इंडिया न केवल फायदे में है बल्कि अब तो कंपनी ने आम आदमी के लिए भी सेवाएं शुरू करने की योजना बना डाली है। 21 अक्टूबर को एयर इंडिया ने 2500 रुपये में 500 किलोमीटर का हवाई सफर एक या आधे घंटे में कराने वाली उड़ान रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम लांच की है। उड़े देश का आम नागरिकÓ के पूरे नाम वाली इस स्कीम की उड़ाने अगले साल जनवरी से शुरू होने की संभावना है।
उड़ान को लांच करते हुए नागरिक विमानन मंत्री पी अशोक गजपति राजू ने कहा कि उड़ान के तहत फिक्स्ड विंग विमानों में न्यूनतम 9 तथा अधिकतम 40 सीटें, जबकि हेलीकॉप्टर 5 से लेकर 13 तक सीटें 2500 रुपये के रियायती किराये पर उपलब्ध होंगी। बाकी सीटें बाजार आधारित सामान्य किराये पर उपलब्ध कराई जाएंगी। उड़ानÓ रूटों पर हर सप्ताह न्यूनतम तीन तथा अधिकतम सात उड़ाने भरनी होंगी। एयरलाइनों की लागत घटे और लाभ बढ़े, इसके लिए एक रूटों की नेटवर्किंग को बढ़ावा दिया जाएगा। फिक्स्ड विंग विमान इस दूरी को एक घंटे में, जबकि हेलीकाप्टर आधे घंटे में पूरा करेंगे। इससे अधिक दूरी और समय के सफर के लिए अधिक किराया देना होगा। विमानन मंत्रालय विभिन्न रूटों, दूरियों और समय के अनुसार किराये की उपयुक्त दरें तय करने में जुटा है। विश्व में अपने किस्म की इस पहली स्कीम में भाग लेने वाली एयरलाइनों को सरकार वित्तीय प्रोत्साहन देने के साथ घाटे की भरपाई भी करेगी। एयरलाइनों को उत्पाद शुल्क व सर्विस टैक्स में रियायत के अलावा गैर-आरसीएस रूटों पर उड़ान सीटों को ट्रेड करने तथा अपनी सुविधा के अनुसार उड़ान रूटों की कोड शेयरिंग की अनुमति दी जाएगी।
राज्य सरकारें भी एटीएफ पर वैट को घटाकर 1 प्रतिशत या इससे भी कम करेंगी। साथ ही एयरलाइनों को मुफ्त में बिजली, पानी, सुरक्षा और अग्नि सुरक्षा सेवाएं प्रदान करेंगी। एयरपोर्ट आपरेटरों से भी उड़ान एयरलाइनों से लैंडिंग, पार्किंग, टर्मिनल नेविगेशन लैंडिंग के रियायती शुल्क वसूलने को कहा गया है। एयरलाइनों के घाटे की भरपाई के लिए सरकार रीजनल कनेक्टिविटी फंड बनाएगी। इसके लिए सामान्य उड़ानों पर प्रति यात्री शुल्क लगाया जाएगा। विमानन सचिव राजीव नयन चौबे के अनुसार यह शुल्क बहुत कम होगा। ताकि गैर-उड़ान यात्रियों पर ज्यादा बोझ न पड़े।
उड़ानÓ के तहत एयरलाइंस 151 किलोमीटर या इससे ज्यादा दूरी के मार्गों (रूट) पर हवाई सेवा शुरू कर सकते हैं। इसमें रूट का कम से कम एक छोर अब तक सप्ताह में सात से कम (अंडरसर्वड) या शून्य उड़ान वाला (अनसर्वड) हवाई अड्डा होना चाहिये। कई खंडों में अलग-अलग दूरियों के लिए अधिकतम किराया अलग-अलग तय किया गया है। 151 से 175 किलोमीटर के लिए अधिकतम किराया 1,420 रूपए तय किया गया है। एक घंटे की यात्रा को दूरी में बदलकर 500 किलोमीटर किया गया है। 476 किलोमीटर से 525 किलोमीटर तक का अधिकतम किराया 2,500 रुपये रखा गया है। इसी तरह से
776 किलोमीटर या इससे अधिक की दूरी
के लिए अधिकतम किराया 3,500 रुपये
रखा गया है। निश्चित रूप से एयर इंडिया की इस स्कीम से आम आदमी को भी हवाई
जहाज में बैठने को मिलेगा। साथ ही विमानन कंपनी की लोकप्रियता भी बढ़ेगी। निश्चित रूप से इस योजना के पीछे अश्विनी लोहानी की सूत्र-बूझ है।
उड़ान की विशेषताएं
उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) बाजार तंत्र पर आधारित होगी। विमान में कम से कम 9 सीटें और अधिकतम 40 सीटें हो सकती हैं। विमान की 50 फीसदी सीटें उड़ान किराये के तहत रिजर्व होंगी जिसका किराया 2500 रुपये होगा और बांकि 50 फीसदी सीटें बाजार आधारित मूल्य के अनुसार होंगी। इस समय देश में 394 विमान सेवाओं से वंचित एयरपोर्ट हैं, वहीं 16 एयरपोर्ट ऐसे हैं जहां सेवाएं कम हैं। उद्देश्य घरेलू विमानन क्षेत्र को प्रोत्साहन देना है, जो यात्रियों की संख्या के लिहाज से 20 प्रतिशत वृद्धि दर्ज कर रहा है। योजना के बारे में नगर विमानन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने बताया, यह अपने आप में पहली वैश्विक योजना है.... हम ऐसा कर रहे हैं जो पहले कभी नहीं हुआ है। इस योजना के तहत एक घंटे की उड़ानों के लिए किराया 2,500 रुपये (टैक्स सहित) होगा। इस स्कीम से देश में विमानन कंपनियों को होने वाले घाटे से भी निजात मिलेगी।
-विकास दुबे