18-Oct-2016 09:14 AM
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उत्तर प्रदेश की सरकारी लैबों में अभी तक 19201 व्यक्तियों के रक्त का परीक्षण कराया जा चुका है, इनमें से 7269 लोगों में डेंगू होने की पुष्टि हुई है। जबकि इस घातक ज्वर से 13 लोगों की मुत्यु हो चुकी है। उत्तर प्रदेश सरकार डेंगू मामले में हाई कोर्ट से मिली फटकार के बाद हरकत में आ गई है। मुख्य सचिव के निर्देशों के बाद रविवार को सार्वजनिक अवकाश होने के बाद भी प्रदेश के समस्त चिकित्सालायों में डेंगू तथा बुखार से पीडि़त मरीजों के उपचार के लिए ओपीडी खुली रही।
प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण अरूण कुमार सिन्हा ने बताया कि आगामी अवकाश के दिनों में भी राज्य के समस्त चिकित्सालयों की ओपीडी में डेंगू और बुखार से पीडि़त मरीजों का नियमित रूप से इलाज किया जाएगा। सिन्हा ने बताया कि यूपी के समस्त मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं सार्वजिनक अवकाश के दिनों में मरीजों का समुचित उपचार किया जाए। अवकाश दिवसों में सरकारी अस्पतालों की ओपीडी का समय से संचालन सुनिश्चित हो, ताकि अस्पतालों में आने वाले डेंगू तथा बुखार से पीडि़त मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा न हो सके। इसके अलावा बुखार से पीडि़त मरीजों की जांच भी प्राथमिकता से कराई जाए।
अरूण कुमार सिन्हा ने बताया कि प्रदेश की सरकारी लैबों में अभी तक 19201 व्यक्तियों के रक्त का परीक्षण कराया जा चुका है, इनमें से 7269 लोगों में डेंगू होने की पुष्टि हुई है। जबकि इस घातक ज्वर से 13 लोगों की मुत्यु हो चुकी है। उन्होंने बताया कि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों तथा जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि निजी अस्पतालों में छापेमारी कर डेंगू से पीडि़त मरीजों की वास्तविक जानकारी प्राप्त की जाए और अवैध रूप से संचालित अस्पतालों को तत्काल बंद कराया जाए। इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही प्रकाश में आने पर संबंधित अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा।
सिन्हा ने निर्देश दिए कि अवकाश दिवसों में अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सकों एवं अन्य आवश्यक कर्मियों की उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए। विशेष परिस्थितियों को छोड़कर किसी भी कर्मी को छुट्टी न दी जाए। अस्पतालों में दवाइयों की कमी नहीं होनी चाहिए। बुखार से पीडि़त मरीजों के इलाज में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को खासतौर से यह भी निर्देश दिए हैं कि अवकाश दिवसों में अस्पतालों का औचक निरीक्षण करें और चिकित्सा व्यवस्था को चाक-चैबंद बनाये रखने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।
डेंगू के प्रकोप के चलते उत्तर प्रदेश सरकार ने चिकित्सकों की छुट्टियां रद्द करने के बाद नगर निकायों के कर्मचारियों की भी छुट्टियां रद्द कर दी हैं। एक अधिकारी ने बताया कि ऐसा स्वच्छता अभियान में तेजी लाने और डेंगू फैलने से रोकने के लिए फॉगिंग कराने के मद्देनजर किया गया है। मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने सरकारी अस्पतालों में फीवर हेल्थ डेस्कÓ स्थापित करने और इन्हें मरीजों का सही मार्गदर्शन कर मुफ्त में इलाज करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने डेंगू प्रभावित स्थानीय इलाकों की पहचान करने और हर सप्ताह अनिवार्य रूप से तीन से चार बार लार्वा रोधी स्प्रे और फॉगिंग करने के लिए कहा है। बताया गया है कि नगर निगम अधिनियम के तहत 2000 लोगों को पानी की साफ-सफाई नहीं करने पर चेतावनी जारी की है।
लखनऊ में डेंगू के चलते 200 लोगों की मौत
कहा जा रहा है कि डेंगू के चलते राज्य की राजधानी लखनऊ में ही 200 लोगों की मौत हो चुकी है और मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने डेंगू की रोकथाम में लापरवाही के चलते उत्तर प्रदेश सरकार को लताड़ लगाई थी, जिसके बाद सरकार ने वेक्टर जनित बीमारी के कारण किसी की भी मौत नहीं होने का दावा किया। इसके बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने डेंगू से हुई मौतों के मामले में सरकार से सही आंकड़े पेश करने के संबंध में नोटिस जारी किया है। डेंगू के खतरे से निपटने के लिए केंद्र सरकार द्वारा भेजी गई 23 करोड़ की राशि खर्च नहीं करने पर उत्तर प्रदेश सरकार अदालत की छानबीन के दायरे में आ गई है।ी हैं, जो कि सपा की ओर कुछ सशंकित हो चले है।
-लखनऊ से मधु आलोक निगम