सर्जिकल स्ट्राइक चुनावी टॉनिक
18-Oct-2016 08:57 AM 1234817
पाकिस्तान के खिलाफ सेना द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक भाजपा के लिए यूपी, पंजाब, गुजरात में चुनावी टॉनिक साबित हो सकता है। क्योंकि इन तीनों राज्यों में बेपटरी हो रही भाजपा पटरी पर वापस आती दिख रही है। जानकारों को कहना है कि अगर इन चुनावों में भाजपा को सर्जिकल स्ट्राइक का फायदा होता है तो 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए इससे भी बड़ा कोई मुद्दा आ सकता है। यही कारण है की राष्ट्रीय स्वयं सेवक के साथ ही भाजपा के नेता और केद्र सरकार के मंत्री भी सर्जिकल स्ट्राइक का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दे रहे हैं। पाक अधिकृत कश्मीर में भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद देश में उठ रही भावनाओं का सियासी फायदा उठाने की कोशिशें होती नजर आ रही हैं। यूपी में अगले साल चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में भाजपा सेना के सर्जिकल स्ट्राइक को चुनावी हथियार बनाती दिख रही है। भाजपा ने सर्जिकल स्ट्राइक का श्रेय लेते हुए लखनऊ, आगरा और मुजफ्फरनगर में पोस्टर लगाए जिसमें मोदी सरकार को बधाई दी गई है। इन पोस्टरों में पीएम मोदी के साथ भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, गृहमंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की तस्वीर भी लगाई गई है। साथ ही पोस्टर में लिखा गया है पाकिस्तान को सबक सिखाने की हुई शुरुआत। यही नहीं अगले साल कई राज्यों में होने वाले चुनाव को देखते हुए भाजपा ने भारतीय सेना द्वारा पाक अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक को चुनावी हथियार बनाते दिख रही है। वहीं शिवसेना ने भी वाराणसी में ऐसे पोस्टर लगाए हैं जिसमें पीएम मोदी को भगवान राम के रूप में दिखाया गया है और नवाज शरीफ को रावण के रूप में दिखाया गया है। इसके साथ ही अरविंद केजरीवाल को मेघनाथ के रूप में पाकिस्तान का समर्थक दिखाया गया है। बता दें कि सर्जीकल स्ट्राइक को लेकर देश में सियासी घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस नेताओं ने तो सीधे तौर पर सर्जिकल स्ट्राइक पर ही सवाल उठाते हुए सबूत देने की मांग की है। वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी से पाकिस्तान के दुष्प्रचार का करारा जवाब देने की मांग की है, जिसे लेकर भाजपा उन पर हमलावर है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रियों और भाजपा नेताओं से सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर छाती ठोकने से बचने के लिए कहा लेकिन इसके चंद रोज बाद रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का यूपी में इस उपलब्धि के लिए सार्वजनिक सम्मान किया गया। अब ये साफ हो गया है कि भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में की गई सर्जिकल स्ट्राइक आगामी चुनावों में भाजपा के लिए एक अहम राजनीतिक मुद्दा होगी। अभी तक विपक्षी पार्टियां नरेंद्र मोदी सरकार और भाजपा पर सर्जिकल स्ट्राइक के राजनीतिक इस्तेमाल का आरोप लगा रही थीं लेकिन 7 अक्टूबर को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के जवानों के खून की दलाली वाले बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने साफ किया कि उनकी पार्टी इस मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाएगी। शाह ने कहा, हम इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहते लेकिन इस मुद्दे को लेकर जनता के सामने जरूर जाएंगे क्योंकि सेना की हौंसला अफजाई करना हर जिम्मेदार राजनीतिक पार्टी का दायित्व है और ये जो सर्जिकल स्ट्राइक हुई है उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की, सरकार की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की जो नीति है उसकी भी उद्घोषणा होती है, इसका भी परिचय मिलता है। अगले साल उत्तर प्रदेश, पंजाब और गुजरात समेत पांच राज्यों में विधान सभा चुनाव हैं। शाह ने जिस तरह राजनीति नहीं करने लेकिन मुद्दे को जनता के बीच लेकर जाने की घोषणा की है उससे साफ हो गया है कि भाजपा आगामी चुनावों में अपनी पुरानी दोहरी रणनीति अपनाएगी। पिछले लोकसभा चुनाव में राजनीतिक विश्लेषकों में इस बात को लेकर काफी माथापच्ची हुई थी कि भाजपा और मोदी चुनाव प्रचार के दौरान विकास की राजनीति पर जोर देने के कारण बहुमत मिला था या सांप्रदायिक ध्रुवीकरण में सफलता हासिल करने की वजह से। लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी के तत्कालीन पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी जनता के बीच विकास और भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते रहे लेकिन भाजपा के स्थानीय नेता सांप्रदायिकता को हवा देते रहे। भाजपा की इस दोहरी रणनीति की काट विपक्षी दल नहीं निकाल पाए। जब यूपी में सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़े पोस्टरों और बयानों के बाबत शाह से पूछा गया तो उन्होंने कहा, तहसील अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष ने पोस्टर लगा दिया तो उसे मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी नरेंद्र मोदी से जानी जाती है, राजनाथ सिंह, अरुण जेटली और सुषमा स्वराज से जानी जाती है। भाजपा के किसी भी बड़े नेता ने बयान नहीं दिया है। जाहिर है कि भाजपा के अगली पंक्ति के नेता इस तरह के बयानों से बच रहे हैं। कुछ वैसे ही जैसे लोक सभा चुनावों के पहले और बाद दूसरी और तीसरी कतार के भाजपा नेता मोदी विरोधियों को पाकिस्तान भेजते रहे और रामजादे-हरामजादे के बीच फर्क बताते रहे और पहली कतार के बड़े नेता विकास और भ्रष्टाचार से जुड़े जुमले उछालते रहे। नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद भी असहिष्णुता, राष्ट्रवाद, जेएनयू, रोहित वेमुला, मोहम्मद अखलाक, गोरक्षा और बीफ के मुद्दे पर भाजपा के तहसील-जिला-प्रदेश स्तर के नेता भड़काऊ बयान देते रहे और बड़े नेता अधिकतम चुप ही रहे। बोले भी तो देर से डैमेज कंट्रोल मोड में। उधर संघ प्रमुख मोहन भागवत भी सर्जिकल स्ट्राइक के लिए मोदी का महिमा मंडन कर यह संकेत दे दिया है कि भाजपा अब आगामी कुछ चुनाव तो इसी मुद्दे पर लड़ेगी। नरेन्द्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद लगातार तीसरी बार भागवत के विजयदशमी सम्बोधन का सरकारी चैनल दूरदर्शन द्वारा लाइव टेलीकास्ट किया गया। वर्ष 2014 का भाषण एक नई आशाÓ (मोदी सरकार के सत्ता में आने से) व भारत की विविधता का जश्न मनाने की जरूरत व उसे सम्मान देने के बारे में था। और 2015 का भाषण मुसलमानों की बढ़ती आबादी व डॉक्टर अम्बेडकर के बारे में। भागवत का 2016 का भाषण न केवल कश्मीर बल्कि पाक अधिकृत कश्मीर पर भारत के प्रभुत्व पर जोर देने, सर्जिकल स्ट्राइक्स की रोशनी में भारतीय सशस्त्र सेनाओं की प्रशंसा करने और नई शिक्षा नीति के बारे में टीएसआर कमेटी की रिपोर्ट के पुनरावलोकन पर केंद्रित था। भागवत कश्मीर के बारे में भी बोले। उन्होंने कहा कि दुनिया में हर कोई जानता है कि कश्मीर में अलगाववादी तत्वों को सीमा पार की ताकतों (पाकिस्तान की ओर संकेत) से मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि न केवल कश्मीर बल्कि इस बात पर भी जोर देने की जरूरत है कि पाक अधिकृत कश्मीर भी हमारा है। मीरपुर, मुजफ्फराबाद और गिलगिट-बाल्टिस्तान समेत पूरा कश्मीर हमारा है। यानी भागवत ने मोदी की बातों का समर्थन कर यह दर्शा दिया है की सरकार बेहतर काम कर रही है। भाजपा के नए दांव से गर्माई सियासत किसी ने सही कहा है कि राजनीति में आपका इंट्रेस्ट हो न हो, लेकिन राजनीति का इंट्रेस्ट आप में हमेशा रहता है। यह बात पूर्व भाजपा नेता दयाशंकर सिंह की ओर से बसपा सुप्रीमो मायावती पर अश्लील टिप्पणी करने के मामले पर सटीक बैठती है। याद होगा कि उस मामले में सियासत तब और गर्म हो गई जब बीएसपी के लोगों ने दयाशंकर की पत्नी और बेटी के लिए भी वैसी ही भाषा का प्रयोग कर बदला लिया था। उसके बाद दयाशंकर की पत्नी स्वाति सिंह ने भी बीएसपी नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और फिर शुरू हुआ एक नया घटनाक्रम, जिसने यूपी में भाजपा को एक नई संजीवनी प्रदान कर दी और दयाशंकर सिंह की टिप्पणी से बैकफुट पर आई पार्टी को स्वाति सिंह (दयाशंकर सिंह की पत्नी) के रूप में सूबे में एक नया चेहरा मिल गया। बहरहाल, इस पूरे मामले के राजनीतिकरण के बाद अब बीजेपी ने इसका फायदा लेते हुए दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह को उत्तर प्रदेश महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। खास बात यह है कि स्वाति सिंह उस समय सुर्खियों में आई थी, जब उन्होंने मायावती को उनके खिलाफ चुनाव लडऩे की चुनौती दी थी और कहा था कि मायावती यूपी में किसी भी सामान्य सीट से चुनाव लड़ें, वो खुद उनके खिलाफ चुनाव लड़ेगी। उन्होंने उस समय कहा था कि चुनाव लडऩे से ज्यादा महत्वपूर्ण मुद्दा मां और बेटी के सम्मान की लड़ाई है। चुनाव अगले साल होंगे, इसलिए हर कोई यही सवाल पूछ रहा है कि चुनाव की बात से मेरी लड़ाई कमजोर होगी, इसलिए इस बारे में कोई बात नहीं करें। आपको बता दें कि स्वाति सिंह यूपी की सियासत के लिए कभी जाना पहचाना चेहरा नहीं रहीं, लेकिन आज वो प्रदेश सबसे चर्चित हस्तियों में शुमार हैं। शायद इसी का परिणाम है कि पार्टी द्वारा उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। मोदी राम, नवाज रावण भारतीय सेना ने अभी तक मारे गए आतंकियों से जुड़ा कोई आंकड़ा जारी नहीं किया है। विभिन्न मीडिया रिपोर्टों में 10 से लेकर 50 आतंकवादियों के मारे जाने की बात कही गई है लेकिन भाजपा के कार्यक्रम में रक्षा मंत्री की मौजूदगी में 200 आतंकियों को मार गिराने का दावा किया गया। यूपी में पीएम मोदी को राम और नवाज शरीफ को रावण बताने वाले पोस्टर देखे गए। अब विधान चुनावों के नजदीक आते-आते किस तरह के दावे किए जाएंगे और किस तरह के पोस्टर दिखेंगे ये आने वाला वक्त ही बताएगा। शाह ने साफ कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक उपलब्धि सेना की है, राजनीतिक इच्छाशक्ति पीएम नरेंद्र मोदी की है। यानी विभिन्न मुद्दों पर यू-टर्न और जुमलेबाजी को लेकर घिरी मोदी सरकार सर्जिकल स्ट्राइक के बहाने खुद को देश को अपमान से बचाने वाली सरकार के रूप में पेश करेगी। -विशाल गर्ग
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