कांग्रेस की सरकार तय है...!
17-Sep-2016 07:16 AM 1234805
सत्ता सुख भोगने की आदी कांग्रेस मध्यप्रदेश में पिछले 12 साल से अधिक समय से सत्ता से दूर है। ऐसे में सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि कांग्रेसी ऐसे में किस तरह की बेचैनी महसूस करते होंगे। लेकिन पार्टी के दिग्गज नेताओं में एकता नहीं होने के कारण कांग्रेस भाजपा का मुकाबला नहीं कर पा रही है। लेकिन देर से ही सही अब दिग्गज नेताओं ने ठान लिया है कि आगामी विधानसभा चुनाव में हर हाल में भाजपा से सत्ता छीननी है। इसके लिए दिग्गजों ने युवाओं का हौंसला बढ़ाना शुरू कर दिया है कि 2018 में कांग्रेस की सरकार बननी तय है। बस हौंसला बनाकर रखें। यही नहीं पार्टी के दिग्गज नेता कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया युवाओं को चुनाव घुट्टी भी पिला रहे हैं। इसी क्रम में भाराछासं के 250 पदाधिकारियों ने दिल्ली में प्रदेश के आला नेताओं से वन टू वन चर्चा की है। नेताओं ने कहा है कि कांग्रेस एकजुट हो गई है, सारे विवाद खत्म हैं और बूथ स्तर पर कांग्रेस को मजबूत करने की आवश्यकता है। दरअसल भाराछासं के प्रदेश अध्यक्ष विपिन वानखेड़े के नेतृत्व में दिल्ली पहुंचे पदाधिकारियों से प्रदेश के नेताओं ने वन टू वन बातचीत की है। पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ ने इन्हें अपने बंगले पर बुलाया। एक घंटे तक सीधी बातचीत की और पदाधिकारियों को सुना तथा अपनी बात भी कही। यह भी जानना चाहा कि प्रदेश में दिक्कत कहां से किस तरह की आ रही है, कांग्रेस को किस तरह मजबूत किया जा सकता है, लगातार सरकार में रहने के बाद भाजपा से भी लोगों और उनके ही कार्यकर्ताओं में नाराजगी है, इन सबको हमें भुनाना है। कमलनाथ ने कहा कि मैं मानता हूं कि पहले हम नेताओं के बीच मतभेद थे, लेकिन अब कोई मतभेद नहीं बचा है। हमने सारे मतभेद सुलझा लिये हैं। अब हम सब एक हैं और पूरी ताकत के साथ अगले चुनाव में सरकार बनाने के लिए हमें जुटना है। उन्होंने कहा कि यह सत्य है कि अगले चुनाव में सरकार कांग्रेस की ही बनेगी। जबलपुर क्षेत्र से आए एक नाथ समर्थक ने यह भी कहा कि आप आगे आएं और प्रदेश का नेतृत्व संभालें, इस पर कमलनाथ केवल मुस्करा दिए। उन्होंने पदाधिकारियों से कहा कि प्रदेश में शिवराजसिंह चौहान की सरकार हर मोर्चे पर असफल हो रही है। किसानों को लेकर बड़े-बड़े दावे करने वाले किसानों के हमदर्द मुख्यमंत्री असफल हो गए हैं। पूरे प्रदेश का किसान दुखी है और ऐसे मौके पर कांग्रेस को किसानों के साथ खड़े होकर उन्हें ताकत देना चाहिए। नाथ के बाद अगले दिन कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने भाराछासं के पदाधिकारियों को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के दफ्तर में चर्चा के लिए बुलाया और सीधी बात की। दिग्विजयसिंह ने कहा कि भाजपा फर्जी वोटों के सहारे सत्ता हासिल करती है, उन्होंने इन्दौर का उदाहरण देते हुए चौंकाने वाला आंकड़ा दिया व कहा कि अकेले इन्दौर में साढ़े 4 लाख फर्जी वोटर हंै, मेरे पास इसके आंकड़े भी उपलब्ध हंै। इसी तरह की फर्जी सदस्यता पूरे प्रदेश में है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को ताकत के साथ इन फर्जी वोटरों को हटवाने के अभियान में जुडऩा पड़ेगा, तभी हम चुनाव में जीत सकते हैं, वरना सारी मेहनत हमारी बेकार हो जाएगी। दिग्विजय सिंह ने कहा कि मप्र में भी कांग्रेस नेताओं की समन्वय समिति बनेगी, इसमें मोर्चा संगठनों के प्रदेश अध्यक्ष  बनाए जाएंगे, मैं जहां-जहां का प्रभारी हूं, वहां-वहां इस तरह की समन्वय समितियां बनाने का काम शुरू हो गया है, कर्नाटक में समन्वय समिति बन भी गई है, मप्र में भी जल्दी ही समन्वय समिति बन जाएगी। उन्होंने कहा कि अभी भाजपा के राज में हमारे साथियों पर जो फर्जी मुकदमे लग रहे हैं, वे सरकार आने पर वापस ले लिये जाएंगे। इस बार सरकार नहीं बनी तो मुश्किल हो जाएगी भाराछासं के पदाधिकारियों से पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी 2018 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने का दावा किया। ंिसंधिया के निवास पर उनसे मुलाकात के लिए एनएसयूआई के प्रदेश पदाधिकारी पहुंचे तो सिंधिया नेता के बजाय युवाओं के बीच उनकी ही शैली में ऑरेंज टीशर्ट और लोअर पहनकर पहुंचे। सिंधिया को इस गेटअप में देखकर पदाधिकारियों ने तालियां बजाकर उनका स्वागत किया। सिंधिया ने बहुत आत्मीयता के साथ पदाधिकारियों से बात की और कहा कि मध्यप्रदेश में हमें हर हाल में अगली बार सरकार बनाना ही है, यदि चौथी बार हम सरकार बनाने कामयाब नहीं हुए तो बहुत मुश्किल खड़ी हो जाएगी, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है, लेकिन अब प्रदेश में जिस तरह का महौल बन रहा है, उससे लगता है कि जनता भाजपा, उसकी सरकार, उनकी नीतियों से तंग आ गई है और भजापा के कुशासन से छुटकारा चाहती है। सिंधिया ने कहा कि पार्टी के भीतर अनुशासन बहुत जरूरी है। हमें अनुशासन लाते हुए सरकार बनाना है। इस दौरान एक पदाधिकारी ने कहा कि हम आपको फॉलो करना चाहते हैं, मगर आपसे मिल नहीं पाते। इस पर सिंधिया ने कहा कि मैं भी आपसे मिलना चाहता हूं। जितनी समस्याएं आपके साथ हैं, उतनी ही समस्याएं मेरे साथ भी हैं, लेकिन मैं आपसे कहता हूं कि आप और हम एक-दूसरे से मिलते रहें, इसका कोई न कोई प्रबंध जरूर करेंगे। मेरे दरवाजे हमेशा कार्यकर्ता के लिए खुले हैं। -भोपाल से अरविंद नारद
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