17-Sep-2016 07:07 AM
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गणेशोत्सव वैसे तो पूरे देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन महाराष्ट्र में इस त्योहार का एक अलग ही महत्व है। यह त्योहार यहां की संस्कृति में रचा बसा है। मान्यता है कि गणेशोत्सव 10 दिन का पर्व होता है, लेकिन महाराष्ट्र में इस पर्व को लोग अपनी श्रद्धा भक्ति और शक्ति के अनुसार मनाते हैं। यानी कोई इस पर्व को दो दिन, कोई चार दिन तो कोई सात दिन और अधिकांश 10 दिन तक मनाते हैं। यहां के लोगों का मानना है कि इस दौरान यदि श्रद्धा एवं विधि-विधान के साथ गणेश जी की पूजा किया जाए तो जीवन की समस्त बाधाओं का अन्त कर विघ्नहर्ता अपने भक्तों पर सौभाग्य, समृद्धि एवं सुखों की बारिश करते हैं। शायद यही कारण है कि महाराष्ट्र सौभाग्य और समृद्धि का प्रदेश बना हुआ है।
दस दिनों तक चलने वाला यह त्योहार हिन्दुओं की आस्था का एक ऐसा अद्भुत प्रमाण है जिसमें शिव-पार्वती नंदन श्री गणेश की प्रतिमा को घरों, मन्दिरों अथवा पंडालों में साज-श्रृंगार के साथ चतुर्थी को स्थापित किया जाता है। दस दिनों तक गणेश प्रतिमा का नित्य विधिपूर्वक पूजन किया जाता है और ग्यारहवें दिन इस प्रतिमा का बड़े धूम-धाम से विसर्जन कर दिया जाता है। गणेशोत्सव में प्रतिष्ठा से विसर्जन तक विधि-विधान से की जाने वाली पूजा एक विशेष अनुष्ठान की तरह होती है जिसमें वैदिक एवं पौराणिक मंत्रों से की जाने वाली पूजा दर्शनीय होती है। महाआरती और पुष्पांजलि का नजारा तो देखने योग्य होता है। मुंबई स्थित लालबाग के राजा का आकर्षण इस दौरान देखने लायक होता है। देश-विदेश से लोग लालबाग के राजा के दर्शन के लिए आते हैं।
मुंबई में गणेशोत्सव का जितना आनंद दस दिन की पूजा आराधना में मिलता है उतनी ही भव्यता गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन पर देखने को मिलती है। इस दिन भक्त भगवान गणेश जी को अगले साल के लिए फिर से निमंत्रित कर नम आंखों से विदाई देते हैं। महाराष्ट्र में चार प्रमुख जगहों पर गणेश विसर्जन आकर्षण का केंद्र रहता है। जिसमें पहला है गिरगांव चौपाटी। गिरगांव चौपाटी मुंबई के मरीन ड्राइव के नजदीक ही स्थित एक प्रसिद्ध बीच है। गणेश विसर्जन के लिए प्रमुख जगहों में से एक होने की वजह से, मुंबई और पुणे के कई भक्तगण अरब सागर में गणेश भगवान जी की प्रतिमा विसर्जित करने के लिए आते हैं। प्रात:काल से ही बीच की ओर कई जुलूस निकल पड़ते हैं। सारे रास्तों में भक्तों की भीड़ अपने गणेश जी की प्रतिमा के साथ होती है और लोग अपनी-अपनी प्रतिमा को विसर्जित करने के इंतजार में श्रद्धा भाव से खड़े रहते हैं। इन जुलूसों में आप नाचते गाते लोगों को देख, पटाखे फूटते देख, संगीत के भरपूर मजे ले सकते हैं जो इन जुलूसों का ही एक हिस्सा होते हैं।
दूसरा स्थान है पवई झील। यह मुंबई उपनगर में स्थित गणेश विसर्जन के लिए प्रसिद्ध जगहों में से एक है। इस जगह पर गिरगांव से थोड़ी कम भीड़ होती है पर श्रद्धा भाव में कोई कमी नहीं होती। यहां तक कि भक्तगण यहां की मिट्टी द्वारा ही भगवान की प्रतिमाएं बनाते हैं। वहीं मार्वे बीच भी आकर्षण का केन्द्र रहता है। मुंबई के प्रसिद्ध उपनगर मलाड में एक प्रसिद्ध पर्यटक केंद्र है। पर्यटकों के बीच लोकप्रिय होने के साथ-साथ यह बीच गणेश चतुर्थी में भगवान गणेश जी की मूर्ति के विसर्जन के लिए भी खूब प्रसिद्ध है। मुंबई का जुहू बीच गणेश चतुर्थी के जश्न के लिए भी खूब प्रसिद्ध है। बड़ी-बड़ी, रंग-बिरंगी भगवान गणेश जी की मूर्तियां इसी बीच में विसर्जित करने के लिए लाई जाती हैं, और भक्तों की भारी भीड़ अपने भगवान को अंतिम विदाई देने के लिए इन मूर्तियों के साथ-साथ, पीछे-पीछे जुलूस में शामिल हो आते हैं। यह जगह आमतौर पर काफी भीड़-भाड़ वाली जगह है पर गणेश चतुर्थी वाले त्यौहार के दिन यहाँ बजने वाले संगीत, लोगों की श्रद्धा, बड़ी-बड़ी, रंग-बिरंगी मूर्तियां, नाचते गाते लोग, लोगों का हर्षोल्लास इस जगह पर एक नया ही रंग घोल देते हैं।
धर्म के दायरों को तोड़ती गणेश चतुर्थीÓ
देश में विभिन्न जगहों और खासकर महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी काफी उत्साह और धूमधाम से मनाई जाती है। इस उत्साह को मनाने में हिंदुओं के साथ कई मुसलमान परिवार भी भाग लेते हैं। गणेश को विघ्नहर्ता माना गया है, जो सारे दुखों को दूर कर मानव का कल्याण करते हैं। विघ्नहर्ता का यह रूप धार्मिक आस्था से ऊपर उठकर सामाजिक आस्था व मान्यता का मामला अधिक बनता जा रहा है। फिल्म अभिनेता सलमान खान के घर में खासतौर पर गणेश उत्सव के दौरान बप्पा की मूर्ति स्थापित की जाती है। उनका पूरा परिवार इनकी पूजा और आरती में शामिल होता है। इसी तरह मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र में मुस्लिम और इसाई घरों में भी बप्पा की मूर्ति स्थापित की जाती है। फिल्म इंडस्ट्री के लिए तो बप्पा वरदान की तरह हैं।
-मुंबई से ऋतेन्द्र माथुर