कहां से आए 25,600 करोड़
17-Sep-2016 06:23 AM 1234809
योग गुरु के रूप में बाबा रामदेव को पूरी दुनिया जानती है। आयुर्वेदिक उत्पादों के लिए देश में दूसरा नाम पतंजलि है। कई लोग यह भी जानते हैं कि इस पतंजलि का कारोबारी संचालन आचार्य बालकृष्ण के हाथ में है यानी वे ही पतंजलि ट्रस्ट और कंपनी के कारोबारी मुखिया हैं। जो अब देश के 26वें सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं। हुरुन इंडिया रिच लिस्ट के मुताबिक 25,600 करोड़ रुपए की निजी संपत्ति वाले 44 वर्षीय आचार्य बालकृष्ण के नेतृत्व में इस भारतीय एफएमसीजी कंपनी ने बाजार का एक बड़ा हिस्सा अपने कब्जे में ले लिया है। लेकिन, यह किसी को विश्वास नहीं हो रहा है कि बालकृष्ण देश के 26वें सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं क्योंकि उनकी निजी संपत्ति का आंकड़ा मेल नहीं खाता, जो कि 25,600 करोड़ रुपए है। खबर इसलिए भी चौंकाने वाली है, क्योंकि बाबा रामदेव साफ-साफ कहते रहे हैं कि पतंजलि उनके लिए मुनाफा कमाने वाली कंपनी नहीं है। तो क्या मुनाफा कमाने का काम आचार्य बालकृष्ण करते हैं की नहीं। यह भी सच नहीं है। तो फिर सच क्या है। दस साल पहले 13 जनवरी 2006 को पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की शुरुआत हुई। तब इस होल्डिंग कंपनी के अधीन कई और कंपनियों ने काम करना शुरू किया। आज 94 फीसदी कारोबार पर नियंत्रण भले आचार्य बालकृष्ण का है। लेकिन इन कंपनियों और पतंजलि ट्रस्ट की कमाई किसी एक व्यक्ति या व्यक्तियों के खाते में नहीं जाती। चूंकि, रिलायंस की तरह पतंजलि कोई लिस्टेड कंपनी नहीं है, इसलिए मुकेश अंबानी की तरह बालकृष्ण के शेयर्स की कीमत का आंकलन कर उनकी संपत्ति का अंदाज नहीं लगाया जा सकता है। फिर आखिर ये 25,600 करोड़ रुपए का आंकड़ा कहां से आया। आचार्य बालकृष्ण कहते हैं कि इस गणना के आधार के बारे में तो मुझे नहीं पता, लेकिन इतना जरूर पता है कि मेरा रहन-सहन सफेद धोती-कुर्ता और बाबा रामदेव का रहन-सहन गेरुआ वस्त्रों तक सीमित है। भारतीय विरासत का ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार हो, यही सबसे बड़ी महत्वाकांक्षा है। आचार्य बालकृष्ण को टीवी पर आयुर्वेद के महत्व और रोगों के उपचार की सलाह देते देखा जा सकता है। वे आईफोन का इस्तेमाल जरूर करते हैं, लेकिन कंप्यूटर का नहीं। बालकृष्ण का जन्मदिन पतंजलि परिवार जड़ी-बूटी दिवसÓ के रूप में मनाता है। बेहद साधारण से दिखने वाले बालकृष्ण को हो सकता है कि आप जल्द फोब्र्स के अमीरों के साथ भी देखें! इससे बालकृष्ण और पतंजलि ब्रांड, दोनों का फायदा है। हालांकि, यह बात भी स्पष्ट हो चुकी है कि सिर्फ योग या जड़ी बूटी तक बाबा रामदेव और बालकृष्ण संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने तमाम कॉर्पोरेट्स को, विभिन्न क्षेत्रों में टक्कर देने की रणनीति बना डाली, जो अब धीरे-धीरे अपना आकार बढ़ा रही है। इस कंपनी ने जिन उत्पादों का ज्यादा कारोबार किया था, उसमें दंतकांति, बालों का तेल केशकांति, गाय का देशी घी, बिस्कुट, शहद, च्यवनप्राश, हर्बल नहाने का साबुन और कुछ अन्य उत्पाद शामिल हैं। यह बात अपने आप में आश्चर्यचकित करती है कि पतंजलि आयुर्वेद में अकेले दंतकांति (दन्तमंजन) का कारोबार ही 425 करोड़ रुपए और केशकांति (केश तेल) का कारोबार 325 करोड़ रुपए का है। लेकिन इन सबके बावजूद कोई यह विश्वास करने को तैयार नहीं है कि साधारण से दिखने वाले बाबा रामदेव और बालकृष्ण का कारोबार इतना बढ़ जाएगा कि वे देश के रईसों में गिने जाने लगेंगे। बजाज और गोदरेज को भी पछाड़ा योगाचार्य ने मल्टीनेशनल कंपनियों की नींद उड़ाने वाली बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण देश के सबसे अमीरों की सूची में शामिल हो गए हैं। उन्होंने नामी कारोबारी बजाज ऑटो के राहुल बजाज, गोदरेज इंडस्ट्री के आदि गोदरेज, पीरामल के अजय पीरामल और एस्सार के रवि रूईया को पीछे छोड़ दिया है। 25,600 करोड़ की आय के साथ बालकृष्ण देश के 26वें सबसे अमीर शख्सियत बन गए हैं। कंपनी में 94 फीसदी हिस्सा पतंजलि का टर्नओवर 5 हजार करोड़ रुपए है। 2017 का टर्नओवर 10 हजार करोड़ तक पहुंचने की संभावना है। पतंजलि में आचार्य बालकृष्ण का 94 फीसदी हिस्सा है। वे कंपनी से वेतन नहीं लेते। कंपनी 8-10 फीसदी मुनाफे के मार्जिन पर कारोबार करती है। मुनाफा दोबारा रिसर्च और क्षमता विस्तार में लगता दिया जाता है। लेकिन, पतंजलि ने एक साथ कई कैटेगरी जैसे टूथपेस्ट, बिस्किट, सौंदर्य प्रसाधन के प्रोडक्ट लॉन्च कर दिए। कंपनी अब टेक्सटाइल सेगमेंट में उतर रही है। कंपनी इस साल के अंत तक या अगले साल की शुरुआत में स्वदेशी जींस लॉन्च करने वाली है। -धर्मेंंद्र सिंह कथूरिया
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