100 करोड़ की वक्फ संपत्ति पर रसूखदारों का कब्जा
01-Aug-2016 09:35 AM 1234892
सूबे में फैली अरबों की वक्फ प्रॉपर्टी को रसूखदारों द्वारा कैसे हड़पा जा रहा है इसका नजारा बुरहानपुर में सामने आया है। छानबीन में इसका खुलासा होते ही हड़कंप मच गया है। उधर वक्फ बोर्ड की शिकायत के बाद भी रसूखदारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है। इससे नाराज लोगों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दरअसल बुरहानपुर में वक्फ बोर्ड की हजारों एकड़ जमीन है। जिस पर रसूखदारों की नजरें लगी रहती हैं। वर्तमान समय में जो मामला सामने आया है उसने करीब पांच सौ एकड़ जमीन कब्जाने की बात सामने आई है। जिसका बाजार मूल्य कम से कम 100 करोड़ रुपए है।  इन जमीनों को रसूखदारों के कब्जे से निकालने के लिए वक्फ बोर्ड ने कई प्रयास किए लेकिन उनके रसूख के आगे सब फेल हो गए। ऐसे ही एक रसूखदार अमित मिश्रा ने खसरा क्रमांक 172/2 की डेढ़ एकड़ जमीन पर कब्जा जमाया है। मिश्रा प्रदेश सरकार की मंत्री अर्चना चिटनीस के भाई हैं। इसी से इनका रसूख समझा जा सकता है। बताया जाता है कि मिश्रा ने वक्फ बोर्ड की इस जमीन को बड़े ही शातिराना ढंग से हड़पा है। बुरहानपुर कलेक्टर को की गई एक शिकायत में बताया गया है कि मिश्रा ने वक्फ बोर्ड की उक्त जमीन को हड़पने के लिए सबसे पहले तहसीलदार के यहां से उसे तबस्सुम बक्श और निकहत बक्श के नाम कराई गई। उसके बाद अमित मिश्रा ने उक्त जमीन को मिश्रा इंटरप्राइजेज के नाम से खरीद कर उसकी रजिस्ट्री करा ली। यही नहीं उन्होंने उक्त जमीन पर एक बड़ी बिल्डिंग तान दी और ईंट का भट्ठा भी चला रहे हैं। जब स्थानीय लोगों ने वक्फ बोर्ड को उसकी जमीन पर कब्जे की सूचना दी तो वक्फ बोर्ड ने 13 मार्च 2016 को धारा 52ए का उल्लेख करते हुए अमित मिश्रा को पत्र लिखा की वे उक्त जमीन को खाली कर दें, क्योंकि उक्त जमीन वक्फ की है और वक्फ की जमीन न खरीदी जा सकती है और न ही उसकी रजिस्ट्री हो सकती है। जब मिश्रा ने बोर्ड की बात नहीं मानी तो बोर्ड ने बुरहानपुर कलेक्टर को पत्र जारी कर इस मामले में कार्रवाई करने की बात कही। लेकिन कलेक्टर भी रसूखदारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सके। वक्फ की जमीन को कब्जेधारियों से छुड़ाने के लिए मोहम्मद सलीम ने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में गुहार लगाई है। मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कलेक्टर को निर्देशित किया है कि वे चार हफ्ते के अंदर इस मामले में अपना निर्णय दे। इस मामले में कलेक्टर आइरिन सिंथिया जेपी कहती हैं कि हम नियमानुसार सभी मामलों की पड़ताल करवा रहे हैं। दरअसल, पूरे प्रदेश में वक्फ की संपत्ति को सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर हड़पा जा रहा है। बुरहानपुर में तो यह काम धड़ल्ले से किया जा रहा है। अगर यह कहा जाए की प्रदेश में सबसे अधिक वक्फ की संपत्ति हड़पी जा रही है तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।  जिले में वक्फ संपत्तियों को लेकर राजस्व अभिलेखों में प्रविष्टियां कराई जा रही है। इसमें जमीन मालिक के कॉलम में मप्र शासन लिखा जा रहा है। इस संबंध में मप्र वक्फ बोर्ड अध्यक्ष ने अफसरों से शिकायत की गई है। तत्कालीन तहसीलदार द्वारा वक्फ संपत्तियों के राजस्व अभिलेख में हेर-फेर करने, वक्फ संपत्ति विलोपित कर उनमें निजी व्यक्तियों के नाम लिखने से वक्फ संपत्तियों को बेचने की शिकायतें लगातार आ रही हैं। मामले में 15 जुलाई को वक्फ बोर्ड मुख्य कार्यपालन अधिकारी एसके फारूकी ने कलेक्टर को जांच कर कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। राजस्व अभिलेखों में प्रविष्टियां कराई जा रही है। इसमें जमीन मप्र शासन के नाम की जा रही है। कब्रिस्तान पर कब्जा बुरहानपुर के एमार्गिद में तोता, मैना की कब्रिस्तान के सामने वक्फ की जमीन पर भू-माफियाओं ने कब्जा कर लिया है। यहां की कब्रों और प्राचीन मसजिद को तोड़कर जमीन को समतल कर दिया है। मामले में कलेक्टर जेपी आइरिन सिंथिया और एसपी अनिलसिंह कुशवाह से शिकायत की गई है।  बताया जा रहा है  किइसमें से कुछ जमीन किसानों को खेती के लिए पट्टे पर दी गई है। इस क्षेत्र में कुछ मुस्लिमजन और कथित नेताओं ने जमीन खरीद ली है। बची सरकारी और वक्फ बोर्ड की जमीन पर कब्जा कर लिया है। यहां की पुरानी मसजिद और कब्रें तोड़ दी हैं। -भोपाल से अजयधीर
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