01-Aug-2016 08:33 AM
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मप्र विधानसभा के मानसून सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक जिस तरह नौकरशाही के रवैए से आहत थे, उससे संघ खफा है। यही कारण है की सत्र समाप्ति के अगले ही दिन 30 जुलाई को संघ के क्षेत्र प्रचारक अरुण जैन ने मुख्यमंंत्री शिवराज सिंह चौहान, संगठन महामंत्री सुहास भगत और पार्टी अध्यक्ष नंदकुमार चौहान को तलब कर उनके साथ मैराथन बैठक की और हिदायत दी की नौकरशाही पर नकेल कसों वर्ना सारी मेहनत को ये नाश कर देंगे। बताया जाता है कि संघ और भाजपा सरकार से इस बात पर भी नाराज दिखे कि आखिर मुख्यमंत्री ने विधानसभा सत्र के दौरान विधायक दल की बैठक क्यों नहीं बुलाई।
करीब 10 घंटे चली मैराथन बैठक में क्षेत्र प्रचारक अरुण जैन ने मुख्यमंत्री को हिदायत दी है कि प्रदेश में नौकरशाहों की करतूतों से न केवल सरकार की छवि खराब हो रही है, बल्कि विधायक और कार्यकर्ताओं में भी रोष है। संघ ने निर्देश दिया है कि कुछ भी करो पर कार्यकर्ताओं की सुनो। अफसरों को नियम में बांधे, ये किसी के नहीं होते। जिसकी सरकार होती है उसके हो जाते हैं। अफसरों की अपेक्षा, पार्टी पदाधिकारियों पर भरोसा किया जाए। सरकार की योजनाओं के प्रचार में पार्टी कार्यकर्ता को शामिल करें। दलित और आदिवासियों तक योजनाएं पहुंचाएं। प्रदेश में धर्मपरिवर्तन के मुद्दे उठते हैं, इससे छवि बिगड़ती है।
बताया जाता है कि संघ ने भाजपा नेताओं को जमीनी रिपोर्ट दिखाते हुए कहा है कि प्रदेश में पार्टी का जनाधार खिसक रहा है। तीन नगरीय निकायों की हार पार्टी के लिए अलार्म है। शहडोल-नेपानगर उपचुनाव के साथ मिशन 2018 को लेकर संभलने की जरूरत है। अरुण जैन से संघ का संदेश देते हुए कहा कि भविष्य के लिए दलित, आदिवासी को साथ लेकर चलना जरूरी है। इसलिए सरकारी कामकाज में भी इसका असर दिखे। संघ पदाधिकारियों ने एक सत्ता और संगठन के नेताओं को सिंहस्थ का एक उदाहरण देते हुए कहा कि सिंहस्थ में सामाजिक समरसता को लेकर जो रणनीति बनाई थी, लेकिन उसे जिस ढंग से मीडिया में प्रचारित किया गया था, उससे ऐनवक्त पर रणनीति को बदलना पड़ा।
उधर, संघ से मिली हिदायत के बाद 31 जुलाई को रीवा में आयोजित प्रशिक्षण वर्ग में संगठन महामंत्री सुहास भगत ने मंत्रियों और विधायकों को हिदायत दी है कि वे स्टाफ को शिष्टाचार समझाएं। उन्हें बताएं कि कार्यकर्ताओं से कैसे पेश आना चाहिए। उन्होंने कहा, यहां पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। लेकिन इससे अधिक मंत्री व विधायकों के स्टाफ के लिए प्रशिक्षण की जरुरत है। कार्यकर्ताओं को सम्मान देना सीखें। क्योंकि कार्यकर्ताओं के दम पर ही आज पार्टी ने यह मुकाम हासिल किया है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि संगठन की पूरे मन से सेवा करिए, जितना यह व्यापक होगा, सत्ता का विस्तार भी उसी गति से होगा। जो कार्यकर्ता संगठन में भागीदारी निभाएगा उसके लिए सत्ता का मार्ग प्रशस्त होगा। पार्टी जनसेवा का भाव लेकर काम करती है, इस कारण पहले जनसेवा करें। कार्यकर्ताओं के व्यवहार को लेकर उन्होंने चिंता जाहिर की और कहा कि आम लोगों से हमारा कार्यकर्ता जैसा व्यवहार करता है, उसी से पार्टी की छवि बनती है। अब देखना यह है कि संघ और पार्टी की सीख के बाद सरकार क्या करती है।
सरकार और संगठन में समन्वय नहीं
संघ ने चिंता जताई है कि मप्र में लगातार चौथी बार सरकार बनाने की तैयारी में जुटी भाजपा और सरकार के बीच समन्वय नजर आ रहा है। इस कारण विकास के दावों पर मायूसी भारी पड़ रही है। आलम यह है कि सरकार अपना अलग राग अलाप रही है और संगठन अलग। वहीं विधायक अलग-थलग पड़ गए है। संघ ने सरकार को चेताया है कि यही हालात रहे तो मिशन 2018 जीतना मुश्किल हो जाएगा। साथ ही कहा कि पिछले कुछ सालों में मूल कार्यकर्ता दूर हो गया है। यदि कार्यकर्ताओं की इसी तरह अनदेखी होती गई तो अगले चुनावों के परिणाम प्रतिकूल हो सकते हैं। बैठक में सामाजिक समरसता, संगठनात्मक योजना, अनुसूचित जाति, जनजाति, नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र को लेकर मंथन किया गया। बैठक में क्षेत्रीय प्रचारक एक लिस्ट लेकर बैठे थे, जिसमें सत्ता-संगठन की कार्यप्रणाली को लेकर पूरा ब्यौरा था।
-भोपाल से रजनीकांत