06-Jul-2016 07:31 AM
1234767
मध्यप्रदेश के विकास का लोहा अब भारत ही नहीं बल्कि विदेश भी मानने लगा है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की चीन यात्रा के दौरान वहां की कई कंपनियों ने मप्र में निवेश की इच्छा जताई है। साथ ही चीनियों ने मप्र के विकास माडल को भरपूर सराहा। मुख्यमंत्री कहते हैं कि मप्र को लेकर चीन में समझ बढ़ी है। अभी तक तमिलनाडु और गुजरात जैसे औद्योगिक रूप से अग्रिणी राज्यों का नाम था। अब मप्र को भी निवेश के लिए सर्वाधिक उपयुक्त राज्य के रूप में पहचाना जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि भारत के विदेश मंत्रालय और इंटरनेशनल डिपार्टमेंट सेंटर कमेटी, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के बीच एक्सचेंज प्रोग्राम के अंतर्गत मुख्यमंत्री के साथ उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया और 11 सदस्यों का शिष्ट-मंडल चीन यात्रा पर गया था। इस दौरान चीन के बिजनेसमैन भारत में कारोबार को लेकर काफी उत्साहित देखे गए। प्रदेश में चीन की विंड पॉवर सेक्टर, मोबाइल और फूड प्रोसेसिंग की कंपनियों ने निवेश की इच्छा जाहिर की है। चीन की विंड पॉवर सेक्टर की कंपनी सैनी मप्र में करीब 4600 करोड़ रुपए के निवेश को तैयार है। साथ ही मोबाइल कंपनी ओप्पो व फूड प्रोसेसिंग कंपनियां भी प्रदेश में निवेश की इच्छुक हैं और वे 22-23 नवंबर को इंदौर में होने वाली ग्लोबल इनवेस्टर सबमिट के पहले मप्र का दौरा करेंगी। उन्होंने आशा जताई कि दोनों पक्षों के बीच सकारात्मक बातचीत हुई है।
एक्सचेंज प्रोग्राम का उद्देश्य विकास के लिए चीन और भारत के बीच भागीदारी को बढ़ाना है। इस अवसर का लाभ लेते हुए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में उपलब्ध अवसरों और सुविधाओं से चीन के व्यवसाइयों और निवेशकों को अवगत करवाया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने चीन के नेताओं और अधिकारियों से मुलाकात करके निवेशकों को इसी वर्ष इन्दौर में होने वाली ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट के लिए आमंत्रित भी किया।
यही नहीं अब सरकार अपनी चीन यात्रा को सफल बनाने में जुट गई है। चीनी कंपनियों के लिए प्रदेश में अलग से लैंड बैंक बनाया जाएगा। चीनी कंपनियों के प्रदेश में भारी-भरकम निवेश की इच्छा जताने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उद्योग विभाग के अधिकारियों को जमीन चिन्हित करने को कहा है। बीते दिनों मुख्यमंत्री की चीन यात्रा के दौरान कई कंपनियों के प्रमुखों से उनकी चर्चा हुई है। एक कंपनी के साथ एमओयू साइन करने के अलावा अन्य कंपनियों ने भी प्रदेश में निवेश की इच्छा जताई। चीनी कंपनियों ने नवीनीकृत ऊर्जा क्षेत्र में 5700 करोड़ रुपए निवेश की सहमति दी है। कंपनियों के लिए सरकार अलग से चाइना इंडस्ट्रीयल पार्क बनाने के साथ करीब 10 हजार एकड़ जमीन लैंडबैंक के लिए आरक्षित रखने के निर्देश दिए हैं। पूरे प्रदेश के अलग-अलग शहरों से लगे औद्योगिक क्षेत्र में यह जमीन चिन्हित की जाएगी। चीनी कंपनियों को ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के लिए बुलाया गया है। समिट में चीनी उद्योगपतियों का प्रतिनिधि मंडल शामिल होने आ रहा है। समिट से पहले लैंड बैंक तैयार कर रखने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें इंदौर के अलावा ग्वालियर, भोपाल और मेघनगर के आसपास की जमीनें लैंड बैंक का हिस्सा होंगी।
-रजनीकांत पारे