04-Jun-2016 09:55 AM
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गुप्त फाइलों का अपना तिलिस्म होता है। शायद हिलेरी क्लिंटन भी इससे खूब वाकिफ हैं। तभी उन्होंने अमेरिका में इस साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले एक दिलचस्प शिगूफा छोड़ा है। डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति उम्मीदवार की दौड़ में सबसे आगे चल रहीं हिलेरी ने कहा है कि अगर वे राष्ट्रपति चुनी गईं तो अमेरिका की सबसे सीक्रेट माने जाने वाली जगह एरिया-51 से जुड़ी कई फाइलों को सार्वजनिक कर देंगी। वैसे, ये पहली बार नहीं है कि हिलेरी एरिया-51 पर बात कर रही हैं।
हम सभी को मालूम है कि सुभाष चंद्र बोस और उनसे जुड़ी गुप्त फाइलों को लेकर भारत में कितनी बातें हुई और कई वर्षों तक होती रहीं। इस पर खूब राजनीति हुई। आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला। अभी पश्चिम बंगाल चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने जब नेताजी से जुड़ी कई गुप्त फाइलें रिलीज की तो ममता बनर्जी भी पीछे नहीं रहीं। अब इन फाइलों से निकला क्या और इससे नेताजी के बारे में सारी जानकारी हासिल हो पाई या नहीं, ये लाख टके का सवाल है।
खैर, हम यहां बात अमेरिका की कर रहे हैं। अमेरिका का एरिया-51 पिछले कई वर्षों से अमेरिकी राजनीति, वहां के लोगों और दुनिया के लिए चर्चा का विषय रहा है।
क्या है एरिया-51
दुनिया की नजर में यूं तो ये अमेरिका के वायु सेना का एक बेस है जो नवाडा प्रांत के एक बेहद निर्जन क्षेत्र में बनाया गया है। लेकिन इसके बारे में माना जाता है कि वहां एलियन और यूएफओ से जुड़े रिसर्च होते हैं। वहां एलियन और यूएफओ से जुड़ी कई गुप्त फाइलें छिपा कर रखी गई हैं। ऐसा भी माना जाता है कि संभवत: अमेरिका ने वहां कुछ एलियन्स को पकड़ रखा है और उन पर रिसर्च कर रहा है।
करीब तीन साल पहले 2013 में एरिया-51 से जुड़ी इन बातों को और बल मिला जब सीआईए ने कुछ पुरानी फाइलें सार्वजनिक की। तब अमेरिका ने पहली बार माना था कि एरिया-51 नाम का कोई बेस भी है। सार्वजनिक हुई उन फाइलों में जिक्र है कि कैसे साल 1950 के मध्य में तात्कालिक राष्ट्रपति ड्वाइट हाइजेनावर के आदेश के बाद एक ऐसा जोन बनाने की शुरुआत हुई जहां उडऩतस्तरी और एलियन से जुड़ी बातों पर रिसर्च किया जा सके।
कोई प्रमाण नहीं
इन कहानियों का कोई प्रमाण नहीं है। अब ये सच हैं या केवल अफवाहें, ये तो अमेरिकी सरकार ही बता सकती है। वैसे, अगर ये बातें झूठी ही हैं तो क्या बेहतर नहीं है कि
अमेरिकी सरकार एरिया-51 को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दें। क्योंकि जो अफवाहें फैली हैं, उसका एक कारण अमेरिकी सरकारों द्वारा इन बातों को हमेशा इग्नोर करना भी रहा है। आप देखिए, ये वीडियो। एक इंटरव्यू में कैसे हिलेरी एरिया-51 से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने की बात कर रही हैं। फिर बिल क्लिंटन और बराक ओबामा के इंटरव्यू के भी अंश हैं, और दोनों अलग-अलग बातें कह रहे हैं।
अब एरिया-51 में वाकई कोई एलियन है या ये महज अफवाह है? कम से कम एलियन और स्नह्र में दिलचस्पी रखने वाले तो यही चाहेंगे कि हिलेरी ये चुनाव जीत जाएं।
एरिया-51 से जुड़े कुछ चौंकाने वाले तथ्य
-ऐसा नहीं है कि एरिया-51 को लेकर केवल एलियन और यूएफओ पर रिसर्च की ही बात होती रही है। कई और भी अजीबोगरीब कहानियां है। कहा जाता है कि अमेरिका यहां गुप्त तौर पर कई प्रकार के रिसर्च कर रहा है। मसलन, अमेरिकी वैज्ञानिक यहां मौसम को कंट्रोल करने के सिस्टम पर काम कर रहे है। साथ ही एक समय से दूसरे समय में यात्रा करने की तकनीक के इजाद पर भी अमेरिका यहां गुप्त रूप से काम कर रहा है।
टेलिपोर्टेशन टेक्नोलॉजी मतलब गायब होकर एक जगह से दूसरी जगह पहुंच जाने की तकनीक पर भी प्रयोग हो रहे हैं। एक कहानी ये भी है कि अमेरिकी सरकार और एलियन्स की साठगांठ हो चुकी है और दोनों गुप्त रूप से यहां प्रयोग करते हैं। एलियन और इंसानों को लेकर जेनेटिक इंजिनियरिंग पर भी यहां काम हो रहा है। कहा तो ये भी जाता है कि जब नासा ने 1969 में चांद पर उतरने का जो दावा किया था, वो झूठ था। नासा और अमेरिकी सेना ने नील आर्मस्ट्रॉग के चांद पर उतरने को बड़ी चलाकी से यहीं फिल्माया था। वो शीत युद्ध का दौर था जब अमेरिका और सोवियत संघ में कड़ी प्रतिस्पर्धा थी।
-अक्स ब्यूरो