04-Jun-2016 08:36 AM
1234846
महाराष्ट्र के 29,000 से ज्यादा गांवों में सूखा पड़ा है। लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं, तड़प रहे हैं। सरकार बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देश पर कागजों पर सूखा राहत चला रही है। लेकिन इसका फायदा जनता को नहीं मिल रहा है। उधर आलम यह है कि महाराष्ट्र के मंत्रियो के बंगलों पर हजारों लीटर पानी रोजाना नालियों में बहाया जा रहा है वह भी मुफ्त के भाव में।
दरअसल, एक तरफ प्रदेश में जल संकट गहराने के बाद से जल स्रोतों पर धारा 144 लगा दी गई है और लोगों को पानी बढ़े दाम पर मुहैया कराया जा रहा है वहीं मंत्रियों पर पानी के लाखों रूपए बकाया हैं फिर भी उन्हें 24 घंटे पानी दिया जा रहा है। आरटीआई से इसका खुलासा होने के बाद प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया है। मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों ने तो सूखे को पर्यटन का जरिया बना लिया है। सरकार के मंत्री हेलीकॉप्टर से सूखा प्रभावित क्षेत्रों में जा रहे हैं जहां हजारो लीटर पानी बहाकर उनके लिए हेलीपैड बनवाया जा रहा है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस कहते हैं कि सरकार हर प्रदेशवासी को पानी मुहैया कराने की नीति पर काम कर रही है। पानी की बर्बादी को रोकने अब भूमिगत पानी लाइन से सिंचाई के लिए खेतों को पानी दिया जाएगा। इसके लिए राज्य मंत्रिमंडल ने पाइप लाइन के माध्यम से सिंचाई वितरण प्रणाली नीति के मसौदे को मंजूरी दे दी है। लेकिन मंत्रियों पर बकाया पानी के बिलों के संबंध में कोई भी कुछ कहने को तैयार नहीं है।
उल्लेखनीय है कि अभी हाल ही में मलबार हिल स्थित 20 मंत्रियों के बंगलों में पानी के बिल की बकाया राशि का खुलासा आरटीआई में हुआ है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस के वर्षा और तोरणा बंगले की 29 मई 2016 तक की बकाया राशि 1 लाख 9 हजार 30 रुपए बतायी गयी है, जबकि मुख्यमंत्री और सभी मंत्रियों के बंगलों का बकाया कुल राशि 17 लाख 46 हजार 429 रुपये है, जो की 29 अप्रैल 2016 तक बकाया थी, जिसे राज्य सरकार द्वारा बीएमसी को भरना है। राज्यपाल विद्यासागर राव का मौजूदा सरकारी आवास राजभवन 50 एकड़ में फैला है। यहां 3 लाख 74 हजार लीटर रोजाना पानी लगता है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस के बंगले में 44 हजार 435 लीटर पानी इस्तेमाल होता है। पानी के 4 मीटर यहां शुरू है, जिसमें एक बंद है। मुख्यमंत्री के पास में एक और आवास है जहां 3 हजार 846 लीटर पानी इस्तेमाल होता है। 29 मई तक कुल 1 लाख 9 हजार 30 रुपये पानी की बकाया राशि है। प्रकाश मेहता गृह निर्माण मंत्री के आवास पर 15 हजार 624 लीटर पानी इस्तेमाल होता है। यहां की बकाया राशि 97 हजार 306 रुपये है। सुभाष देसाई (उद्योगमंत्री) के बंगले पर 17 हजार 180 लीटर पानी इस्तेमाल होता है और उन पर 85 हजार 507 रुपये बकाया राशि है।
एकनाथ शिंदे (एमएसआरडीसी मंत्री) के बंगले पर 15 हजार 213 लीटर खर्च होता है और उन पर बकाया राशि 80 हजार 527 रुपये है। राजकुमार बडोले (सामाजिक न्यायमंत्री) के निवास पर पानी का इस्तेमाल 12 हजार 602 लीटर है। बकाया राशि 45 हजार 94 रुपये है। चंद्रशेखर बावनकुले (ऊर्जामंत्री) के आवास पर पानी का इस्तेमाल 22 हजार 334 लीटर। बंगले की बकाया राशि 2 लाख 64 हजार 900 रुपये है। गिरीश बापट (खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री) के आवास पर 5 हजार 701 लीटर पानी की खपत होती है और बकाया राशि 18432 रुपये है। इनके एक अन्य बंगले पर पानी का इस्तेमाल 19 हजार 526 लीटर होता है और 79 हजार 765 रुपये पानी का बकाया है। पंकजा मुंडे (महिला बाल विकास-ग्रामविकास) के आवास पर 11 हजार 93 लीटर पानी खर्च होता है और 14 हजार 12 रुपये बकाया है।
सुधीर मुनगंटीवार (अर्थ मंत्री) 8 हजार 263 लीटर पानी का इस्तेमाल करते है। इनके दूसरे बंगले का 64 हजार 39 रुपये बकाया है। एकनाथ खडसे (राजस्व मंत्री) 20 हजार 756 लीटर पानी इस्तेमाल करते हैं और बकाया 1 लाख 36 हजार 359 रुपए है। दिवाकर रावते (परिवहन मंत्री) 18 हजार 884 लीटर पानी इस्तेमाल करते हैं। बकाया 1 लाख 12 हजार 164 रुपए है। विष्णू सावरा (आदिवासी विकास मंत्री) 25 हजार 230 लीटर पानी का इस्तेमाल करते हैं। बकाया 1 लाख 7 हजार 672 है। विनोद तावडे (शिक्षामंत्री) 1 हजार 646 लीटर पानी खर्चते हैं और 1 लाख 44 हजार 441 रुपए बकाया है। रामदास कदम (पर्यावरण मंत्री) के बंगले पर 8 हजार 72 रुपए बकाया है। यानी एक तरफ प्रदेश की जनता बाल्टी भर पानी के लिए संग्राम कर रही है वहीं दूसरी तरफ मंत्री सूखे में भी पानी-पानी हो रहे हैं।
-मुंबई से बिन्दु ऋतेन्द्र माथुर