31-Mar-2016 10:10 AM
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धीरे-धीरे सिंहस्थ पर तप, ध्यान, साधना व आराधना का रंग चढऩे लगा है। देश-विदेश से आए साधु-संत अपने महामंडलेश्वर और पीठाधीश्वरों के सानिध्य में बैठकर घंटों तप साधना करने में लीन हैं। इनके कैम्प में कोई आए या कोई जाए,

इससे इन्हें कोई सरोकार नहीं, ये अपनी तप-साधना में ही मगन रहते हैं।
विदेशी भक्तों की अटूट भक्ति
भक्ति के मामले में जितने लोग भारत में सक्रिय हैं, उतने ही विदेशों में भी हैं। सिंहस्थ महाकुंभ के लिए पायलट बाबा के कैम्प में रशियन से आई विदेशी युवतियां घंटों तक साधना-आराधना कर रही हैं। इनकी साधना इतनी अटूट होती है कि कैम्प में होने वाला शोरगुल भी इनका ध्यान नहीं भटका सकता।
सिंहस्थ में पायलट बाबा की शिष्या जापान की केको आइकावा इस बार समाधि नहीं लगाएंगी। समाधि का कार्यक्रम निरस्त कर दिया गया है। पिछले सिंहस्थ में योगमाता आइकावा की समाधि सुर्खियों में रही थी। हालांकि वे सिंहस्थ में शामिल होंगी। बडऩगर रोड पर महायोगी पायलट बाबा का शिविर लगा है। यहां अभी से विदेशी भक्तों का जमावड़ा लग गया है। बाबा ने बताया सिंहस्थ मेले में हिस्सा लेने के लिए केको आइकावा आएंगी। बाबा ने बताया कि शिविर में चार विदेशियों को महामंडलेश्वर की उपाधि भी दी जाएगी। इनमें नेपाल के पूर्व पीएम की बेटी भी शामिल हैं। बाबा चार अप्रैल को दस दिवसीय यूरोप के दौरे पर भी जा रहे हैं।
आकर्षण का केंद्र विदेशी भक्त
शिविर में इन दिनों दो दर्जन से अधिक रशियन युवक-युवतियां ध्यान योग कर रहे हैं। भारतीय वेशभूषा और सनातन परंपरा का निर्वाह करती युवतियों को देखने के लिए स्थानीय लोग भी पहुंच रहे हैं। बाबा कहते हैं विदेशी भक्त भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा से काफी प्रेम करते हैं। शिविर में पूरी तरह से सात्विकता के साथ नियम संयम से रहते हैं। ब्रह्म मुहूर्त में उठना और पूजन करना उनकी दिनचर्या में शामिल है।
स्टाइलिश हेट
ये हैं श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़े के दिगंबर संतोषगिरि। ये अखाड़े में अपनी अलग ही लाइफ स्टाइल के लिए जाने जाते हैं। सिर पर जूट की टोपी पहने गर्मी में सिंहस्थ का आनंद लेते हैं।
स्टाइलिश गॉगल
ये हैं दिगंबर नागा बाबा, जूना अखाड़े में इनकी कमर पर हमेशा शस्त्र देखा जा सकता है। स्टाइलिश गॉगल पहनना उनकी पहली पंसद है।
सिंहस्थ में आए अजब-गजब बाबा...
जूना अखाड़े के धर्मध्वजा कार्यक्रम में भूखी माता स्थित छावनी स्थल पर अजब-गजब नागा बाबा देखने को मिले। कोई रुद्राक्ष की माला से शृंगारित था तो कोई अपनी सेल्फी लेने में व्यस्त। तपती गर्मी में कुछ बाबा ध्वजारोहण होने के बाद चिलम पी रहे थे, तो कोई अलग ही स्टाइल में अपनी पहचान यहां छोड़ रहे थे।
रुद्राक्ष से शृंगारित
ये हैं प्रभुगिरि महाराज। जूना अखाड़े की 14 मणि के प्रभुगिरि इलाहाबाद कुंभ से ही 11 हजार रुद्राक्ष की ऐसी आकर्षक पोशाक पहने हुए हैं।
तपती धूप और कंडों की धूनी
प्राचीन समय में जिस प्रकार हमारे ऋषि-मुनि वर्षों तक साधना में लीन रहा करते थे, ठीक उसी प्रकार आज के युग में भी वैसी ही साधना करने वालों की कोई कमी नहीं है। सिंहस्थ क्षेत्र में इन दिनों तपती धूप में घंटों बैठे रहना, अपने आपमें ही अचंभित करने वाला है, इतना ही नहीं इस साधु ने तेज धूप के अलावा आसपास कंडों की धूनी भी लगा रखी है।
-उज्जैन से श्यामसिंह सिकरवार