31-Mar-2016 09:47 AM
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दोबारा भाजपा अध्यक्ष बनने के बाद अमित शाह अभी तक अपनी टीम का गठन नहीं कर पाए हैं। इस कारण मध्यप्रदेश सहित कई राज्यों की कार्यकारिणी का गठन अधर में लटका हुआ है। जहां तक मध्यप्रदेश का सवाल है तो यहां प्रदेश

अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने अपनी टीम का गठन करने की पूरी तैयारी कर ली है। बस उनकी नजर राष्ट्रीय कार्यकारिणी पर है। उधर प्रदेश के कई नेता राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल होने के लिए संघ और संगठन के दमदार नेताओं के यहां परिक्रमा करने में जुट गए हैं। हालांकि शाह ने 19-20 मार्च को अपनी पुरानी टीम के साथ ही कार्यसमिति की बैठक की। लेकिन बैठक के बाद नई कार्यकारिणी के गठन की संभावना बढ़ गई है। नई टीम में जगह पाने के लिए मध्यप्रदेश के नेता भी सक्रिय हैं। इनमें प्रदेश मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर राष्ट्रीय महामंत्री बनाए गए कैलाश विजयवर्गीय का स्थान तय माना जा रहा है। सांसद अनिल दवे, प्रहलाद पटेल एवं राकेश सिंह के नाम भी चर्चा है।
पार्टी के सूत्रों का कहना है कि फिलहाल अमित शाह भी नई टीम को लेकर असमंजस में हैं। ऐसे में लगता है कि नई कार्यकारिणी पांच राज्यों के चुनाव के बाद ही गठित की जाएगी। ऐसा माना जा रहा है कि नई टीम में उत्तरप्रदेश, गुजरात और उड़ीसा के नेताओं को ज्यादा तवज्जो दी जाएगी क्योंकि इन राज्यों में आगामी दिनों में पार्टी को चुनाव का सामना करना है। नई टीम में मप्र से अनिल दवे, प्रहलाद पटेल एवं राकेश सिंह के नामों की चर्चा चल रही है। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा एवं फग्गन सिंह कुलस्ते के नामों पर असमंजस बना हुआ है। आदिवासी एवं महिला के रूप में पूर्व सांसद अनुसुइया उइके का नाम भी है। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में मध्यप्रदेश का दबदबा हमेशा ही बना रहा है। अभी मप्र से पदाधिकारियों के रूप में उपाध्यक्ष प्रभात झा, महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय, सह संगठन महामंत्री सौदान सिंह एवं राष्ट्रीय मंत्री के रूप में ज्योति धुर्वे का नाम है। अनुसूचित जनजाति मोर्चा अध्यक्ष फग्गन सिंह कुलस्ते हैं। कार्यसमिति सदस्यों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, थावरच चंद गेहलोत एवं सुषमा स्वराज, पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में सुंदरलाल पटवा, कैलाश जोशी एवं बाबूलाल गौर का नाम है। इनके अलावा सांसद अनिल दवे, राकेश सिंह, प्रहलाद पटेल एवं जयभान सिंह पवैया का नाम भी है।
अब देखना यह है कि शाह अपनी टीम का गठन कब तक करते हैं। शाह की टीम में शामिल होने के लिए हाथ-पांव मार रहे नेताओं का भी भविष्य अभी अंधेरे में है। अगर केन्द्रीय कार्यकारिणी के गठन में देरी होती है तो प्रदेश कार्यकारिणी भी लटकने की उम्मीद है। ऐसे में हाशिए पर चल रहे कई नेताओं को मेन लाइन में आने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।
हालांकि खबर है कि दिल्ली में भाजपा की दो दिनी राष्ट्रीय कार्यसमिति के बाद मध्यप्रदेश में नंदकुमार सिंह चौहान की नई टीम को लेकर कवायद शुरू हो गई है। बदले हुए माहौल और दिल्ली एजेंडा के अनुसार भाजपा का फोकस अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग की ओर बढ़ गया है। इसलिए उनकी कार्यसमिति में इन वर्गों के नए चेहरों और सक्रिय नेताओं को तवज्जो दी जाएगी। सिंहस्थ के पहले चौहान की नई टीम घोषित किए जाने के संकेत हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने अपनी पुरानी टीम के साथ दो दिन तक नए एजेंडा पर विचार-विमर्श के बाद सभी राज्यों को संदेश दे दिया है। यही वजह है कि दिल्ली बैठक के लिए ही मप्र में कार्यसमिति का गठन रोका गया था। भाजपा ने राष्ट्रीय स्तर पर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग को रिझाने के लिए नए सिरे से मुहिम शुरू कर दी है। यही वजह है कि दिल्ली की लाइन पर ही मप्र में अजजा वर्ग के लिए सबरी महाकुंभ एवं मैहर में संत रविदास जयंती का भव्य समारोह आयोजित किया गया था। आंबेडकर महाकुंभ अब बाबा भीमराव आंबेडकर की 125 वीं जयंती के उपलक्ष्य में 14 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में आंबेडकर महाकुंभ के भव्य आयोजन की तैयारियां जारी हैं। एक महीने तक प्रदेश के हर जिलों में इसके तहत कार्यक्रम चलेंगे, पार्टी की नजर दलित एवं आदिवासी समाज को कांग्रेस एवं बसपा के पाले से अपने पक्ष में लाने की योजना बनाई गई है। इन पर है नजर पार्टी सूत्रों का कहना है कि आंबेडकर जयंती के बाद से कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे, इसलिए उसके पहले ही पदाधिकारियों को जवाबदारी सौंप दी जाएगी। प्रदेश में अहिरवार समाज (बुंदेलखंड), बलाई-बाल्मीकि (मालवा) एवं जाटव, खटीक एवं कोरी समाज ग्वालियर-चंबल में बहुतायत में हैं। इनमें खटीक एवं कोरी समाज पर भाजपा की पकड़ ज्यादा है, जबकि अहिरवार व जाटव समाज कांग्रेस-बसपा के ज्यादा निकट हैं। इसलिए भाजपा अब इन्हें लुभाने में जुट गई है। भाजपा के अजजा वर्ग के नेताओं में फग्गन सिंह कुलस्ते, ज्योति धुर्वे, अनुसुइया उइके, निर्मला भूरिया, ओमप्रकाश धुर्वे, रामलाल रौतेल, रंजना बघेल, संपतिया उइके एवं नागर सिंह चौहान के नाम प्रमुख रूप से लिए जा रहे हैं। अजा वर्ग में सत्यनारायण जटिया, अशोक अर्गल, वीरेंद्र कुमार, हरीशंकर खटीक, ओमप्रकाश खटीक एवं मनोहर ऊंटवाल के नाम हैं। कुलस्ते एवं ज्योति धुर्वे अभी राष्ट्रीय टीम की जवाबदारी संभाल रहे हैं।
-भोपाल से अजयधीर