16-Mar-2016 08:04 AM
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मप्र में पिछले बारह साल से सत्ता से कासो दूर हो चुकी कांग्रेस को शायद अब दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, श्रीनिवास तिवारी, सुरेश पचौरी, सत्यव्रत चतुर्वेदी जैसे दिग्गज नेताओं पर से भरोसा उठ गया है। दरअसल, इन नेताओं में प्रदेश

भाजपा सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान के चक्रव्यूह को तोडऩा तो दूर उसे समझने में भी अभी तक कोई सफलता नहीं पाई है। ऐसे में कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने मध्यप्रदेश में सत्ता पाने के लिए अब पूरी तरह से युवाओं पर दांव लगाने का फैसला लिया है।
दरअसल प्रदेश में पार्टी के कई बड़े चेहरे हैं, इसके बाद भी चुनाव में कांग्रेस का ग्राफ लगातार नीचे जा रहा है। इन नेताओं की वजह से प्रदेश में पार्टी कार्यकर्ता गुटों में बंटे हुए हैं जिसके चलते अधिकांश नेता जनता में अप्रभावी हो गए हैं। जिसके चलते कांग्रेस अलाकमान ने ढाई साल बाद होने वाले चुनाव के मद्देनजर युवाओं को फ्रंटलाइन पर रखने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। इसकी जिम्मेदारी युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजा बरार को सौंपी गई है।
संगठन से जुड़े सूत्रों की मानें तो यूथ कांग्रेस को और अधिक सक्रिय बनाने सीधे जनता से जोडऩे की योजना बनाई गई है, जिसके लिए यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजा बरार को जिम्मेदारी सौंपी गई है और उन्हें लगातार मध्यप्रदेश में सक्रिय रहने को कहा गया है। पिछले छह माह से बरार आठ बार मप्र आ चुके हैं। बरार कहते हैं कि मध्यप्रदेश यूथ कांग्रेस काफी सक्रिय संगठन है, जिसके सहारे मध्यप्रदेश की भ्रष्ट सरकार की पोल खोली जाएगी। राज्य के अगले चुनाव तक यूथ कांग्रेस जनता के बीच सरकार की पोल खोल कर रख देंगे।
चुनाव प्रक्रिया थमी
यूथ कांगे्रस के संगठनात्मक चुनाव की जो प्रक्रिया है उसके तहत मध्यप्रदेश में अगर चुनाव कराए जाते हंै तो कम से कम 15 महीने बाद चुनाव हो सकते हैं। दरअसल लोकसभा चुनाव के बाद यूथ कांगे्रस के चुनाव प्रक्रिया लगभग थम सी गई थी, इसमें अभी 25 अन्य राज्यों के चुनाव के बाद मध्यप्रदेश का समय आएगा। एक साथ तीन या चार राज्यों के चुनाव कराए जाते हैं तो मध्यप्रदेश का 8वां नंबर होगा। चुनाव कराने में कम से कम 2 महीने का समय लगता है ऐसे में 15 महीने का समय लग सकता है।
उधर प्रदेश में पार्टी नेतृत्व के प्रति बढ़ रहे असंतोष एवं अपनी कुर्सी पर खतरा भांपते हुए अरुण यादव जल्द ही कार्यकारिणी का विस्तार करने की तैयारी कर रहे हैं, जिसमें पार्टी के सभी बड़े नेताओं के समर्थकों को समायोजित कर असंतोष को थामने का प्रयास किया जाएगा। दरअसल जिस तरह से बीते कुछ दिनों में वरिष्ठ नेता कमलनाथ को प्रदेश की कमान सौंपे जाने की मांग उठ रही है, उसके बाद यादव कार्यकारिणी के विस्तार को लेकर सक्रिय नजर आने लगे हैं। हाल ही में विधानसभा में कार्यवाहक नेता प्रतिपक्ष बाला बच्चन ने भी श्री नाथ को प्रदेश की कमान सौंपी जाने की मांग सार्वजनिक रूप से की है जिसका समर्थन अधिकांश पार्टी विधायकों ने भी किया।
बाला बच्चन का कहना है कि कमलनाथ ने समर्थन किया है। बाला बच्चन का कहना है कि कमलनाथ के नेतृत्व मेें ही कांगे्रस मध्यप्रदेश में अगला चुनाव जीत सकेगी। बाला बच्चन की यह मांग सार्वजनिक होते ही कांगे्रस के विधायकों एवं कमलनाथ समर्थकों ने कमलनाथ को प्रदेश कांगे्रस की बागडोर सौंपे जाने की तेज मुहिम चला दी है, जिस कारण कांगे्रस नेताओं में सक्रियता बढऩे लगी है। अपने खिलाफ बढ़ रहे असंतोष को भांपते हुए प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव भी सक्रिया हो गए हैं और वे दिल्ली पहुंच गए हैं, जहां उन्होंने प्रदेश के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह, कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा है। सूत्रों के अनुसार वरिष्ठ नेताओं से चर्चा में अरुण यादव ने अपनी कार्यकारिणी के विस्तार के संकेत दिए हैं। उन्होंने तीनों वरिष्ठ नेताओं से पदाधिकारी बनाए जाने वाले समर्थकों के नाम भी मांगे हैं। इस संबंध में यादव प्रदेश प्रभारी राष्ट्रीय महामंत्री मोहन प्रकाश से भी चर्चा कर सकते हैं। अरुण यादव द्वारा बनाई गई टीम को लेकर प्रदेश के कांग्रेसजनों में असंतोष छा रहा है, बीच में कार्यकारिणी के विस्तार की चर्चा भी शुरू हुई थी, लेकिन अरुण यादव ने अपनी टीम के विस्तार में रुचि नहीं ली। अब अपने खिलाफ बढ़ रहे असंतोष को रोकने के लिए अरुण यादव ने अपनी टीम का विस्तार करने की पहल शुरू की है।
कार्ययोजना बनाई जाएगी
पार्टी के एक पदाधिकारी के अनुसार जल्द ही यूथ कांग्रेस को एक कार्ययोजना सौंपी जाएगी जिसमें उन्हें राजधानी से लेकर बूथ स्तर तक अपनी पहुंच कैसे बनानी है और उसे अगले विधानसभा तक कैसे जारी रखना है इसकी रूपरेखा होगी। राज्य सरकार की वायदा खिलाफी, भ्रष्टाचार, बिगड़ी कानून व्यवस्था को लेकर यूथ कांग्रेसी मुखर होंगे और वे छोटे-छोटे गांवों तक पहुंच कर लोगों के सामने सरकार की पोल खोलेंगे। विशेषकर युवाओं को बेरोजगारी और किसान की बदहाल स्थिति उनके मुख्य हथियार रहेंगे। बताया जाता है कि पार्टी के युवा विधायकों के लिए जल्द ही दिल्ली में प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाएगा जिसमें बताया जाएगा कि वे सदन में सरकार को कैसे घेर सकते हैं। सदन की लड़ाई को सड़क तक यूथ कांगे्रस ले जाएंगे, जो ब्लाक स्तर से लेकर राजधानी में समय-समय पर प्रदर्शन और आंदोलन करेंगे।
-भोपाल से अरविंद नारद