सिंहस्थ में नजर आएगी मप्र की महिमा
03-Mar-2016 09:14 AM 1234766

इस बार देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं और शोध करने वाले सैलानियों को सिंहस्थ के दौरान पूरे मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक महिमा एक जगह नजर आएगी। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से प्रदेश की खूबियां लोग जान
सकेंगे। मेला क्षेत्र में चार स्थानों पर सांस्कृतिक मंच होंगे और दो चलित मंच भी श्रद्धालुओं
के बीच घूमेंगे। सिंहस्थ 2016 में प्रदेश
की कला, संस्कृति और परम्परा, महान विभूति और नदियों के बारे में देश-विदेश के
लोग परिचित हो सकेंगे। लोकचित्र भी प्रदर्शित किए जाएंगे।
राज्य सरकार ने इस बार संस्कृति विभाग को 15 करोड़ स्र्पए मंजूर किए हैं। विभाग ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति के लिए मेला प्रशासन दत्त अखाड़ा और अंकपात क्षेत्र में दो-दो स्थाई मंच बनवाएगा। दो चलित मंच भी रहेंगे, जिनके माध्यम से सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जा सकेंगी। ये मंच आधुनिक साधनों से युक्त होंगे। इनको जरूरत के मुताबिक ऊपर-नीचे सेट किया जा सकेगा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अलावा प्रदर्शनियां, कार्यशालाएं और कलाउत्सव आयोजित होंगें। संस्कृति प्रेमियों के लिए यह सिंहस्थ महत्वपूर्ण साबित होगा।
मंचों से ऐसी होंगी प्रस्तुतियां
-    भगवान श्रीकृष्ण, शिव, महाकवि कालिदास, सम्राट विक्रमादित्य, राजा भोज और संस्कृत साहित्य केंद्रित गतिविधियां।
- शास्त्रीय, उपशास्त्रीय नृत्य, गायन व वादन के कलाकारों व कला मंडलियों की प्रस्तुतियां।
- सिंहस्थ व मध्यप्रदेश के वैशिष्ट्य को रेखांकित करने वाली प्रस्तुतियां।
-    शैव, शाक्त, वैष्णव आख्यानों पर आधारित लीला प्रस्तुतियां।
- शिव महिमा, देवी का स्वरूप व माहात्म्य।
-    प्रदेश की पवित्र नदियां, नगर, चरित नायक के अवदान आधारित प्रस्तुतियां।
संगीत के जरिए सुनाई जाएगी सिंहस्थ गाथा
सिंहस्थ में कला और संगीत के जरिए मेला क्षेत्र में पूरे एक माह तक सिंहस्थ की गाथा गाई जाएगी। प्रदेश के संस्कृति विभाग की ओर से इसके लिए पहल की जा रही है, जिसमें सिंहस्थ अवधि में पूरे एक महीने तक शहर के अलावा देशभर के कई कलाकारों की प्रस्तुतियां मेला क्षेत्र में होंगी। उप मेला अधिकारी, सिंहस्थ एसएस रावत ने बताया मेला क्षेत्र में इसके लिए अलग-अलग स्थानों पर छह सांस्कृतिक मंच बनाने के लिए मेला प्रशासन द्वारा स्थान तय किए जा रहे हैं, जहां मंच बनाए जाएंगे। स्थाई के अलावा चलित मंचों पर भी प्रस्तुतियों के प्रयास संस्कृति विभाग की ओर से स्थाई मंच बनाकर पूरे एक माह तक कलाकारों की गायन, वादन और नृत्य की प्रस्तुतियां करवाई जाएंगी। दत्त अखाड़ा और अंकपात क्षेत्र में करीब दो-दो एकड़ जमीन इसके लिए ली जाएंगी, जिसमें स्थानीय कलाकारों के अलावा मप्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़ सहित अन्य प्रदेशों के कलाकार भी प्रस्तुतियां देंगे। स्थाई मंचों के अलावा चार मोबाइल मंचों पर भी प्रस्तुतियां कराने का प्रयास किया जा रहा है। किसी बड़े वाहन पर चलित मंच में कलाकार मेला क्षेत्र में घूमकर प्रस्तुति देंगे। हालांकि क्रॉउड मैनेजमेंट के चलते इसकी अनुमति पुलिस विभाग की ओर से अब तक नहीं मिली है। महापर्व को लेकर शहरवासियों में भी खासा उत्साह सिंहस्थ को लेकर शहरवासी अपने-अपने स्तर पर भी सिंहस्थ को लेकर आमंत्रण और प्रचार में जुटे हैं। शादी के आमंत्रण पत्रों पर सिंहस्थ का मोनो और इसकी अवधि संबंधी प्रचार की भी पहल शुरू हो गई है। फ्रीगंज, फव्वारा चौक, छत्रीचौक की दुकानों के बोर्ड में भी ग्रीन उज्जैन, क्लीन उज्जैन के संदेश के साथ सिंहस्थ का मोनो लगवाया है। अन्य लोग भी मौखिक संदेशों के अलावा सोशल मीडिया से परिचितों को सिंहस्थ के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। सिंहस्थ नाद नाट्य मंचन विशाला सांस्कृतिक एवं लोकहित समिति की ओर से सिंहस्थ नाद का विशेष नाट्य मंचन तैयार किया है। आलेख और निर्देशन विशाल कलंबकर ने किया है। उन्होंने बताया एक घंटा 10 मिनट की प्रस्तुति में 40 कलाकार पुराणों में उल्लेखित सिंहस्थ की संपूर्ण गाथा का नाट्य मंचन करते हैं। अत्याधुनिक लाइट-साउंड इफेक्ट्स के साथ मंच के परिदृश्य में बड़ी एलईडी का उपयोग कर दृश्यों को सजीवता देने का प्रयास भी इसमें किया है। अभा कालिदास समारोह और विक्रमोत्सव में तीन प्रस्तुतियां हो चुकी हैं।

सिंहस्थ के लिए इसे और भव्य बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। सिंहस्थ आमंत्रण नृत्य नाटिका प्रतिभा संगीता कला संस्थान की कलाकारों ने आमंत्रण सिंहस्थ पर आधारित एक विशेष नृत्य नाटिका तैयार की है। नृत्य नाटिका की निर्देशक पद्मजा रघुवंशी ने बताया 12 मिनट की इस नृत्य नाटिका में 15 कलाकारों ने पुराणों के आधार पर सिंहस्थ कथा, समुद्र मंथन, देव-दानव युद्ध आदि का सारांशित समावेश किया है। प्रस्तुति में कलाकार सिंहस्थ गाथा के साथ सिंहस्थ का आमंत्रण भी देते हैं। देशभर में इस नृत्य नाटिका की 32 प्रस्तुतियां हो चुकी हैं। रघुवंशी के अनुसार सिंहस्थ में नाटिका की अवधि आधे घंटे करने की तैयारी चल रही है।
-उज्जैन से श्यामसिंह सिकरवार

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