भ्रष्टों पर नकेल
03-Mar-2016 09:12 AM 1234816

राजस्थान में अफसरों की कार्यशैली से सरकार की छवि बिगडऩे लगी है। प्रदेश में लगातार घोटाले हो रहे हैं, अफसरों पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं लेकिन किसी के खिलाफ काई कार्रवाई नहीं हो रही है। इससे अफसरशाही निरंकुश होती जा रही है। मंत्रियों, विधायकों और कार्यकर्ताओं से लगातार मिल रही शिकायतों के बाद अब मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भ्रष्ट अफसरों पर नकेल कसने की तैयारी की है। इसके लिए उन्होंने प्रादेशिक जांच एजेंसियों में दर्ज शिकायतों के अलावा विभागों से उनके अफसरों की कुंडली मांगी है। बताते हैं कि मुख्यमंत्री के पास शिकायत पहुंची है कि प्रदेश के कई अफसर अपनी अचलसंपत्ति का ब्यौरा नहीं दे रहे हैं जिनमें से अधिकांश वे हैं जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत की गई है।
अचल संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक करने की आखिरी तिथि 31 जनवरी को खत्म हो गई, लेकिन राजस्थान कैडर के 160 आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसरों ने अपनी प्रापर्टी की सूचना सरकार को नहीं दी। इनमें 53 आईएएस, 50 आईएफएस, 57 आईपीएस शामिल हैं। इतना ही नहीं राज्य सेवा के 18 हजार से अधिक अफसर-कर्मचारियों ने भी संपत्ति से संबंधित किसी प्रकार की सूचना कार्मिक विभाग को नहीं दी। इनमें राजस्थान प्रशासनिक सेवा के 528, राजस्थान पुलिस सेवा के 406, राजस्थान सचिवालय सेवा के 122 अफसर शामिल हैं। केंद्र और राज्य सरकार के आदेश के बाद प्रदेश के 200 आईएएस, 70 आईएफएस और 132 आईपीएस अफसरों ने अचल संपत्ति का रिकार्ड जमा करा दिया है। लेकिन संपत्ति का खुलासा नहीं करने वालों ने आखिरी तिथि खत्म होने के एक माह बाद भी कार्मिक विभाग से कोई संपर्क नहीं किया। इससे सरकार का इन अफसरों और कर्मचारियों पर संदेह और बढ़ गया है और सरकार इनके खिलाफ कार्रवाई करने की योजना बना रही है। प्रदेश भाजपा के एक पदाधिकारी कहते हैं कि भ्रष्ट अफसरों की सम्पत्ति से स्कूल-अस्पताल चलाने का कानून हो या सरकारी दफ्तरों में जनता को काम की गारंटी दिलाने वाला, इन सहित प्रदेश के पांच कानून गजट में जारी होने के बावजूद कागजी ही बने हुए हैं। विधानसभा और राज्यपाल की मंजूरी के बाद कानून बनने का गजट जारी हो चुका है और उसकी सूचना दोनों जगह पहुंच भी गई है। मगर इनके इस्तेमाल का श्री गणेश नहीं हुआ है। इनमें से चार कानून कांग्रेस सरकार के समय के हैं, जबकि एक करीब चार माह पुराना है। इनमें मौजूदा सरकार द्वारा तंग करने वाली मुकदमेबाजी को रोकने के लिए आनन-फानन में लाया गया कानून भी शामिल है। इन कानूनों के वास्तविकता में लागू नहीं होने के लिए नौकरशाही जिम्मेदार है। वजह यह है कि किसी कानून को नियम बनने का इंतजार है तो किसी के लिए सरकारी प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। ऐसे में इसकी क्या गारंटी है कि सरकार भ्रष्ट अफसरों पर नकेल कस सकेगी।
जनता यह पूरी तरह से मान चुकी है कि हमारी नौकरशाही ईमानहीन, कर्तव्यहीन, अक्षम होती है। राजनीतिज्ञ भी इन्हीं नौकरशाहों पर दांव लगाते हैं। हमारी भ्रष्ट नौकरशाही को संरक्षण प्राप्त होता है, आम जनता को लूटने के लिए उनके हौसले सातवें आसमान पर होते हैं। राजस्थान में एक आईएएस अधिकारी कैसे नियमों का घोर उल्लंधन कर करोड़ों की रिश्वत लेकर खान आवंटित की थी, यह भी जनता के सामने जगजाहिर है। मोदी सरकार का गृह सचिव कैसे एक भ्रष्टाचारी को सीबीआई जांच से मुक्ति दिलाने के लिए पद का दुरुपयोग किया था, यह भी एक गंभीर चर्चा का विषय रहा है।

आईएएस जिन्होंने नहीं की संपत्ति सार्वजनिक
अजीतसिंह, अजिताभ शर्मा, अमरीश कुमार, अनिल चपलोत, अरविंद पोसवाल, अशफाक हुसैन, आशीष गुप्ता, अशोक सिंघवी, अविचल चतुर्वेदी, बाबू लाल कोठारी, बीके मीणा, भंवर लाल, भारती दीक्षित, भास्कर आत्माराम, डीएन सरन, गौरव अग्रवाल, जी प्रदीप, हंसादेव सिंह, हनुमंत सिंह भाटी, हुलिन लाल गुइटे, हिमांशु गुप्ता, केसी वर्मा, लोक बंधु, लोकनाथ सोनी, मधुसूदन शर्मा, मनोज शर्मा, मोडूदान देथा, मो. हनीफ, एनएस मदन, नम्रता, नीलाभ सक्सेना, निक्या गोहिन, ओम प्रकाश मीणा, पी रमेश, रश्मि, प्रवीन गुप्ता, पीसी किशन, प्रियव्रत पंडेया, संजय दीक्षित, सत्यप्रकाश बसवाला, सुभ्रा सिंह, सोमनाथ मिश्रा, एसएस यादव, सुधीर कुमार शर्मा,श्रीहा गुहा, सूरज भान जैमन, एसके सोलंकी, एसके ओला, विक्रम जिंदल, वीएस चौहान, श्रवण कुमार, वीएम शर्मा, यादवेंद्र माथुर।
आईपीएस जिन्होंने नहीं की संपत्ति सार्वजनिक
पुन्नाच्वामी,अजय पाल लांबा, अमनदीप सिंह कपूर, आनंद श्रीवास्तव, अनिल जैन, अंशुमान भोमिया, भूपेंद्र साहू, भुवन भूषण यादव, बिनीता ठाकुर, चुना राम जाट, दीपक भार्गव, दीपक कुमार, देवाशीष देव, धर्मेंद्र सिंह, दिनेश एमएन, डोन के जोश, इंदु कुमार भूषण, केबी वंदना, कालू राम रावत, कल्याण मल मीणा, किशन सहाय मीणा, केके शर्मा, मदन गोपाल मेघवाल, महमूद आलम तारिक, ममता गुप्ता , मनीष अग्रवाल -2, मनीष अग्रवाल, मोनिका, नवज्योती गोगोई, नितिन दीप, ओम प्रकाश, पी रामजी, पूजा यादव, प्रदीप मोहन शर्मा, प्रीति जैन, प्रेम प्रकाश टांक, राहुल केतकी, राजीव पचार, आरपी गोयल, रणधीर सिंह, डा.रवि, रवि दत्त गौड़, रुपिंद्र सिंह, संजय स्रोत्रीय, एस खान, सत्यनारायण जैन, सत्यवीर सिंह, सत्यप्रिया सिंह, सतेंद्र कुमार, शरत कविराज, शिवराज मीणा, स्मिता श्रीवास्तव, एस बिश्वास, तेजस्वनी गौतम, तेजराज सिंह खरोडिय़ा, टी गुइटे, यूएल छावल।
-जयपुर से आर.के. बिन्नानी

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