कार्यों का मूल्यांकन होगा बाहर
17-Feb-2016 06:20 AM 1234790

ध्यप्रदेश में विकास को गति देने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान निरंतर प्रयास में लगे रहते हैं, लेकिन विभागीय मंत्रियों और अफसरों की नाफरमानी के कारण योजनाएं अधर में लटकी रहती हैं। उसके बाद जब मुख्यमंत्री विभागीय समीक्षा करते हैं तो मंत्री और अफसर मुख्यमंत्री को खुश करने के लिए आंकड़ों को इस तरह परोस देते हैं जिससे लगता है कि विभाग में सब कुछ बेहतर चल रहा है। जबकि जमीनी हकीकत इसके विपरीत होती है। इसको देखते हुए मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी विभागों को निर्देश दिया गया है कि अब वे अपने कार्यों का मूल्यांकन बाहरी एजेंसी से कराएं।
दरअसल अभी हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विभागीय समीक्षा का सिलसिला शुरू किया तो उन्होंने सामान्य प्रशासन विभाग की समीक्षा के दौरान ऐसे कई निर्देश दिए जो आगामी दिनों में प्रदेश के विकास और लोगों की सहूलियतों के लिए मील का पत्थर साबित हो सकते हैं। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार सरकार के कामकाज मेें कसावट लाने एवं उसमें सुधार के लिए जल्द ही प्रशासनिक सुधार आयोग का गठन किया जाएगा। आयोग द्वारा विभागों के काम काज का अध्ययन कर एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसके आधार पर सरकार प्रशासनिक संरचना में बदलाव करते हुए अन्य जरूरी कदम उठाएगी। सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री लालसिंह आर्य, मुख्य सचिव एंटोनी डिसा, प्रमुख सचिव एमके वाष्र्णेय, प्रमुख सचिव इकबाल सिंह बैस की उपस्थिति में हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि कई नियम-कायदे और कामकाज के तरीकों में लगातार बदलाव हो रहा हैं। प्रशासनिक व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए, जिससे लोगों को सहूलियत हो। इसके लिए प्रशासनिक सुधार आयोग का गठन किया जाए, जो सभी पक्षों का अध्ययन करने के बाद रिपोर्ट सौंपे। आधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय प्रशासनिक सुधार आयोग की सिफारिशों के अनुसार राज्य में सुधार किए जाते हैं पर मुख्यमंत्री ने राज्य का अलग से आयोग बनाने के निर्देश दिए। बैकलॉग के पदों को भरने के लिए चलाए विशेष अभियान पर संतोष जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बार-बार तारीख बढ़ाने की नौबात नहीं आनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि शासकीय खरीदी में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के उद्यमियों से 30 प्रतिशत खरीदी करने की व्यवस्था यथावत रहेगी। इसका सभी विभाग कड़ाई से पालन सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि इन वर्गों के बेकलॉग पदों की भर्ती के लिये आनलाइन परीक्षाओं आदि की व्यवस्था की जाये। विशेष पिछड़ी जनजाति के युवाओं की भर्ती के लिये जिला मुख्यालयों पर शिविर लगाये जाये। नि:शक्तजनों के आरक्षित पदों पर सभी तरह के नि:शक्तजनों की भर्ती सुनिश्चित की जाये।
तबादला आवेदन ऑनलाइन लेंगे
राज्य सेवा के अफसरों के तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन बुलाए जाएंगे। अभी ये व्यवस्था लागू नहीं है। तबादले के इच्छुक अधिकारियों को निर्धारित प्रपत्र में आवेदन देना होता हैं। इसी तरह अब जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और निगम आयुक्त के पदों के लिए अधिकारियों का इम्पेनलमेंट किया जाएगा। जैसे ही खाली होंगे, इन अधिकारियों में से ही पदस्थापना की जाएगी। मुख्यमंत्री ने चुनिंदा सेवाओं की होम डिलीवरी नहीं होने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार के संकल्प में होम डिलीवरी की बात थी। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि साधिकार अभियान के तहत शिविर लगाकर प्रमाण-पत्र आदि देने का काम किया जा रहा है पर मुख्यमंत्री इसे सहमत नहीं हुए। उन्होंने कहा कि घर जाकर सेवाएं देने की बात इसमें नहीं हैं।
फाइल ट्रेकिंग सिस्टम बनेगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि अकसर मंत्रालय में फाइलें लंबित होने के मामले सामने आते हैं। इसे दूर करने विभागों में फाइल ट्रेकिंग सिस्टम लागू किया जाए। अनुभाग स्तर से प्रमुख सचिव तक को इसमें जोड़ा जाए। अनियमिताओं को रोकने विभागों में आंतरिक सतर्कता व्यवस्था को लागू किया जाए। रिश्वत या कोर्ट से सजा प्राप्त कर्मचारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए। मंत्रालय में अनावश्यक तौर पर आने वालों पर पाबंदी लगाई जाए। साथ ही यह भी देखा जाए कि लोगों को पास बनवाने में कोई परेशानी न हो। परामर्शदात्री समिति की बैठक समय पर की जाए। विभागों के कामकाज का मूल्यांकन बाहरी संस्थाओं से कराने की व्यवस्था लागू की जाए ताकि खामियों के बारे में पता लग सके।
विक्टिम वेलफेयर बोर्ड बनेगा
मुख्यमंत्री ने गृहमंत्री बाबूलाल गौर और डीजीपी सुरेन्द्र सिंह की उपस्थिति में गृह विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रदेश में विक्टिम वेलफेयर बोर्ड को अच्छे से बनाकर चलाया जाए ताकि अपराध से पीडि़तों के लिए वह अच्छे से काम करें और सरकारी स्कीमों से राहत पहुंचाएं उन्होंने निर्देश दिए कि अपराध पीडि़त प्रतिकर योजना में संशोधन कर उसे सरल बनाया जाए। खासकर जीवन हानि के मामले में ऐसी व्यवस्था की जाए जिससे तत्काल सुविधा मुहैया कराई जा सके। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने होमगार्ड बल के कल्याण के लिए नई नीति बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने बाढ़ राहत में काम करने वाले बल को 15 दिवस का अतिरिक्त वेतन देने के निर्देश दिए। जेल विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने जेलों की सुदृढ़ता पर विशेष ध्यान व सुधारात्मक कार्यों को बढ़ावा देने की बात पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जेलों को और सुदृढ़ बनाया जाए। इससे खतरनाक कैदियों के भागने की गुंजाइश नहीं रहे। साथ ही उन पर सख्त निगरानी रखें। मुख्यमंत्री ने प्रोबेशन एक्ट में जरूरी संशोधन की भी सहमति दी। ये भी तय हुआ कि बंदियों द्वारा जेलों में तैयार की गई सामग्रियों को कान्हा ब्रांड के नाम से बाजार में ब्रिकी के लिए उतारा जाएगा।
ओव्हरलोडिंग की शिकायत व्हाटसअप पर करें
मुख्यमंत्री ने परिवहन मंत्री भूपेन्द्र सिंह और प्रमुख सचिव एसएन मिश्रा की उपस्थिति में परिवहन विभाग की समीक्षा करते हुए यात्री वाहनों के निरंतर निरीक्षण का अभियान चलाने के निर्देश देते हुए कहा कि नशे में वाहन चलाने वाले चालकों के लायसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि वाहनों का प्रदूषण स्तर और उनकी फिटनेस की भी निरंतर जांच होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन यात्री बसों में क्षमता से ज्यादा यात्री सफर करेंगे उन बसों की सूचना फोटो सहित वाट्सएप के माध्यम से या सोशल मीडिया के अन्य माध्यम से संबंधित अधिकारी को भेजने पर वाहन चालक और वाहन मालिक के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी। इसके लिये जल्दी ही नई व्यवस्था लागू होगी। इससे यात्रियों के सहयोग से बसों में ओव्हरलोडिंग पर नियंत्रण रखने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने बस स्टेण्ड पर निजी-सार्वजनिक क्षेत्र के सहयोग से प्रबंधन व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने लोक परिवहन अधोसंरचना प्राधिकरण की गतिविधियां शुरू करने के लिये प्रारंभिक रूप से 5 करोड़ की राशि देने के निर्देश दिये। बताया गया कि स्कूल बसों का कर (टेक्स) 120 रुपये प्रति सीट प्रतिवर्ष से घटाकर 12 रुपये कर दिया गया है। इससे प्रदेश में 15 हजार स्कूल बसों को लाभ हुआ है। वाहनों के पंजीयन, लायसेंस जारी करने की ऑनलाइन व्यवस्था की गई है।
अपराधियों को पकड़वाने वाले होंगे सम्मानित
गृह विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराधियों को पकड़वाने में पुलिस का सहयोग करने वाले लोगों का स्वतंत्रता दिवस पर सम्मान किया जाए।  मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेष प्रकार की आपराधिक गतिविधियों को शुरू में ही दृढ़ता से कुचला जाए। मुख्यमंत्री ने इस बात पर चिंता जाहिर की कि प्रदेश में बहुत जगह ऐसे परिवार भी हैं जो अपराधियों को संरक्षण देते हैं। ऐसे परिवारों के खिलाफ कैसे कार्रवाई की जाए यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने इस अवसर पर यह भी कहा कि ऐसे अधिकारियों को भी चिन्हित किया जाए जो आपराधिक लॉबी से जुड़ जाते हैं और उनको सहयोग प्रदान करते हैं। पहचान के बाद ऐसे अधिकारियों को तत्काल फील्ड से हटाया जाए।
विकास दूबे

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