16-Feb-2016 08:42 AM
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देश में लगातार दो साल से सूखे की स्थिति के बीच केंद्र सरकार ने एक नई फसल बीमा योजना को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के जरिये अब किसान कम प्रीमियम देकर फसल बीमा का पूरा लाभ उठा सकते हैं। यह 
बहु-प्रतीक्षित योजना इस साल खरीफ सत्र से लागू होगी। नई योजना मौजूदा राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एनएआईएस) और परिवर्तित एनएआईएस की जगह लेगी। इनमें कुछ खामियां थीं, जिसे इस योजना के जरिये दूर करने की कोशिश सरकार ने की है। फसल बीमा को व्यापक बनाते हुए इसमें खेत में फसलों की बुवाई से लेकर खलिहान तक को समेट लिया गया है। भारतीय कृषि बीमा कंपनी लिमिटेड के साथ निजी बीमा कंपनियां इस योजना का कार्यान्वयन करेंगी।
नई फसल बीमा योजना में सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें अधिकांश तथ्य वही हैं जो भोपाल में मई 2015 में आयोजित कार्यशाला में सामने आई थी। उस कार्यशाला में देशभर के कृषि विशेषज्ञ आए थे। सबसे बड़ी बात यह है कि इस बीमा योजना की नीति तैयार करने के दौरान प्रधानमंत्री ने केवल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को आमंत्रित ही किया था।
नई फसल बीमा योजना में अनाज एवं तिलहन फसलों के बीमा के लिए अधिकतम दो प्रतिशत प्रीमियम रखा गया है। बागवानी व कपास की फसलों के लिए अधिकतम पांच प्रतिशत प्रीमियम रखा गया है। रबी के अनाज एवं तिलहन फसलों के लिए डेढ़ प्रतिशत, जबकि खरीफ के अनाज तथा तिलहन के लिए दो प्रतिशत प्रीमियम राशि देनी होगी। बाकी प्रीमियम केंद्र और राज्य सरकारें बराबर-बराबर देंगी। कम से कम 25 प्रतिशत क्लेम राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में आएगी। शेष राशि भी 90 दिनों के भीतर मिल जाएगी। अभी कर्ज लेने वाले किसानों के लिए फसल बीमा लेना जरूरी है। नई योजना सभी किसानों के लिए होगी। इतना ही नहीं प्राकृतिक आपदा की वजह से बुवाई न होने पर भी किसानों को बीमा राशि मिलेगी। फसल कटने के 14 दिन तक अगर फसल खेत में है और कोई आपदा आती है तो नुकसान होने पर बीमा का लाभ मिलेगा। नई फसल बीमा योजना से दावा किया रहा है कि जोखिम वाली खेती पूरी तरह सुरक्षित हो जाएगी। योजना से देश के कम से कम आधे इलाके की फसलों को कवरेज मिलने की उम्मीद है। इसका ज्यादा फायदा पूर्वी उत्तर प्रदेश, बुंदेलखंड, विदर्भ, मराठवाड़ा और तटीय क्षेत्रों के किसानों को मिलेगा। इसके अलावा अभी तक सरकारी सब्सिडी की ऊपरी सीमा तय होती थी। इसके चलते किसानों के नुकसान की पूरी भरपाई नहीं हो पाती थी। इन बीमा योजना में पूरी बीमित राशि किसानों को दी जाएगी। इसके कारण सरकार ने फसल बीमा को मौजूदा 23 फीसदी रकबे से बढ़ाकर 50 फीसदी तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है। स्कीम जून से शुरू होने वाले खरीफ से लागू होगी।
योजना पर इस साल 17,600 करोड़ रु. खर्च का अनुमान है। केंद्र ने 8,800 करोड़ रु. मंजूरी किए हैं। इतनी ही रकम राज्य सरकारें देंगी। अभी कर्ज लेने वाले किसानों के लिए फसल बीमा लेना जरूरी है। नई योजना सभी किसानों के लिए होगी। पूरे राज्य में कोई एक ही बीमा कंपनी स्कीम लागू करेगी। नई स्कीम में फसल तैयार होने के बाद भी नुकसान की भरपाई होगी। अभी तक सरकारी सब्सिडी की ऊपरी सीमा तय होती थी। नुकसान की पूरी भरपाई नहीं होती थी। नई स्कीम में पूरी बीमित राशि दी जाएगी।
-ज्योत्सना अनूप यादव