धान को लगा घुन
16-Feb-2016 08:09 AM 1234824

धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में धान की खरीदी हमेशा से विवादों में रहती है। पिछले साल 36,000 हजार करोड़ रूपए के चावल घोटाले में घिरी रही डॉ. रमन सिंह सरकार के अफसरों पर इस साल धान खरीदी में 200 करोड़ रूपए से अधिक का घोटाला करने का आरोप लग चुका है। प्रदेश में हर साल धान खरीदी में हो रहे घोटाले इस बात के संकेत है कि धान खरीदी प्रक्रिया में ही ऐसा घुन लग गया है जिससे घोटाले पर घोटाले हो रहे हैं। कांग्रेस द्वारा उपपंजीयक सहकारी संस्थाएं मुख्यालय नया रायपुर ने पंजीयक सहकारी संस्थाएं को छत्तीसगढ़ के कुछ स्थानों पर हुए धान घोटाले की रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट में बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में 130 करोड़ से अधिक के धान घोटाले का जिक्र किया है। रिपोर्ट में स्पष्ट उल्लेख है कि इन घोटालों की जांच ही नहीं हुई। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मोहम्मद अकबर और प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल का आरोप है, पूरे मामले में भाजपा के लोग शामिल हैं। मामले की सीबीआई जांच कराई जाए। मोहम्मद अकबर ने बताया कि रिपोर्ट के अनुसार अब तक 129 करोड़ 86 लाख का घोटाला हुआ है। वहीं रायगढ़ में करीब 32 करोड़ का घोटाला सामने आया है। इसी तरह अन्य जिलों में भी घोटाले सामने आ रहे हैं।
प्रदेश में धान और चावल खरीदी में लगातार हो रहे घोटालों की मुख्य वजह भ्रष्ट अफसरों के हाथ में खरीदी की कमान होना बताया जा रहा है। कांग्रेस नेता मोहम्मद अकबर का दावा है कि खरीफ विपणन वर्ष 2014-15 में धान संग्रहण केंद्र देवरी, सूमा, आलेसर और खम्हरिया में धान की कमी के कारण 29 करोड़ 12 लाख, वर्ष 2012-13 एवं 2014-15 में कमी व डेमेज के कारण 31 करोड़, बलौदाबाजार में वर्ष 2014-15 में शुद्ध कमी एवं डेमेज के कारण 22 करोड़, भाटापारा में शुद्ध कमी एवं सुरक्षा की घोर लापरवाही के कारण वर्ष 2012-13 एवं 2013-14 में 45 करोड़ तथा कसडोल में वर्ष 2012-13 एवं 2013-14 में कमी एवं डेमेज के कारण 2 करोड़ 74 लाख की हानि हुई। इस तरह अब तक इन केंद्रों में 129 करोड़ 86 लाख रुपए की हानि हो चुकी है। इसमें 31 करोड़, 22 करोड़, 45 करोड़ 2.74 करोड़ इस तरह 100 करोड़ 74 करोड़, के घोटाले की तो जांच तक नहीं कराई गई। उन्होंने कहा, यह घटना सामान्य नहीं है। मोहम्मद अकबर ने बताया कि दो वर्षों के भीतर इन केंद्रों में 325170 क्विंटल धान डेमेज हुआ। इतनी बड़ी मात्रा में डेमेज हुआ धान मिलिंग योग्य नहीं है। यहां धान तौलने योग्य है और न ही बोरे को गिनने योग्य। संभावना है कि अच्छे धान के बदले अमानक धान को रखवाया गया। धान के स्कंधों में भारी अफरातफरी सहित बारदानों कैप, कवर्स आदि के स्कंधों में भी असाधारण कमियां हैं। इसके कारण विपणन संघ को करोड़ों की हानि हो रही है।
अब तक इस मामले में दो समिति प्रबंधक महेंद्र कुमार बरेठ और रामानुज ठाकुर के खिलाफ एफआईआर हुई है और दोनों फरार हैं। बाकी लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। भूपेश बघेल ने कहा, यह पूरा सर्कल बना हुआ है। इसमें अधिकारी, कर्मचारी से लेकर परिवहन के ठेकेदार से लेकर भाजपा के लोग शामिल हैं। उपपंजीयक सहकारी संस्थाएं मुख्यालय नया रायपुर ने पंजीयक सहकारी संस्थाएं को जो रिपोर्ट सौंपी है, उसमें बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में 130 करोड़ से अधिक के धान घोटाले का जिक्र है। रिपोर्ट में स्पष्ट उल्लेख है कि इन घोटालों की जांच ही नहीं हुई।
उल्लेखनीय है कि करीब दो महीने पहले मोहम्मद अकबर ने बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में करीब 30 करोड़ का धान घोटाला उजागर किया था। इस मामले में फंसे संबंधित अधिकारियों से वसूली के निर्देश पंजीयक सहकारी संस्थाएं ने जारी कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार रायगढ़ जिले में 32 करोड़ 17 लाख का धान घोटाला हो चुका है। इसमें यह बताया गया है कि धान संग्रहण केन्द्र लोहर सिंह में वर्ष 2012-13, 2013-14 व 2014-15 में धान एवं बारदाना में 11 करोड़ 61 लाख रुपए का नुकसान हुआ। रिपोर्ट में धान संग्रहण केन्द्र लोहर सिंह के संग्रहण केन्द्र प्रभारी एवं जिला विपणन अधिकारी आरएस लहमोर को जिम्मेदार ठहराया गया है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि धान संग्रहण हरदी (हवाई पट्टी) सारंगढ़ में वर्ष 2013-14 में कुल 20 करोड़ 56 लाख रुपए के धान की कमी कर क्षति पहुंचाई गई है। इसके लिए धान संग्रहण केन्द्र प्रभारी रामेश्वर पाठक को जिम्मेदार ठहराया गया है।
सरकार दोषियों को बचा रही
कांग्रेस नेता अकबर ने इस घोटाले में सत्तापक्ष के लोगों के शामिल होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि करोडों का धान घोटाला करने वाले सत्ता पक्ष के लोगों को रमन सरकार बचाने में लगी है, जिसके कारण सैकड़ों करोड़ का नुकसान हो रहा है। उल्लेखनीय है कि मोहम्मद अकबर ने इससे पहले बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के धान संग्रहण केंद्रों में 30 करोड़ का घोटाला उजागर किया था। उन्होंने कहा है कि एक के बाद एक जिलों में करोड़ों रुपए के धान घोटाले सामने आ रहे हैं। घोटालेबाजों के हौसले बुलंद हैं क्योंकि किसी भी जिले में घोटाले की वसूली के लिए सरकार ने जानबूझकर ध्यान नहीं दिया । सरकार स्तर पर घोटालेबाजों को संरक्षण के कारण जांच अधिकारी अपने आपको बचाते हुए धान संग्रहण केन्द्र या जिला विपणन अधिकारी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
-रायपुर से संजय शुक्ला के साथ टीपी सिंह

FIRST NAME LAST NAME MOBILE with Country Code EMAIL
SUBJECT/QUESTION/MESSAGE
© 2025 - All Rights Reserved - Akshnews | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^