18-Jan-2016 07:04 AM
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जिस उज्जैन-फतेहाबाद मीटर गेज ट्रैक पर चलने वाली छोटी ट्रेनों ने 2004 के सिंहस्थ में आने वाली भीड़ को व्यवस्थित रूप से यात्रा करावाई थी, वह ट्रेक इस बार बंद कर दिया गया है। इस ट्रेक को ब्रॉडगेज में परिवर्तित करने के लिए

स्थानीय नेताओं, लोगों के अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी गुहार लगाई लेकिन रेल प्रशासन इसके लिए फिलहाल तैयार नहीं है। पश्चिम रेलवे के जीएम जीसी अग्रवाल का कहना है कि सिंहस्थ के दौरान इसे बनाना संभव नहीं है इसलिए सिंहस्थ के बाद ही इसका निर्माण किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि रेलवे ने 2013 में इस लाइन का सर्वे करवाया था और करीब 108 करोड़ का खर्चा बताया था। इसमें से रेलवे ने आधी रकम मप्र सरकार से मांगी थी।
उधर स्थानीय लोगों का कहना है कि उज्जैन-फतेहाबाद मीटर गेज रेल मार्ग गत 60 वर्षों से अधिक पुराना है उसे पिछले दो वर्ष पूर्व रेलवे ने बंद कर दिया है। इस मार्ग के बंद होने से उज्जैन नगर के साथ ही ग्र्रामीण क्षेत्र के रहवासियों की इंदौर व रतलाम की ओर जाने की सुविधा समाप्त हो गई। यह मार्ग मात्र 20 किलोमीटर का है। उज्जैन में अप्रैल 2016 में सिंहस्थ महापर्व है। यदि इस मार्ग का गेज परिवर्तन हो जाता है तो सिंहस्थ में आने वाले यात्रियों को सुविधा होगी। इस मार्ग से रेलवे को एक वैकल्पिक मार्ग इन्दौर व रतलाम के लिए जाएगा। इस मार्ग से उज्जैन इंदौर की दूरी मात्र 50 किलोमीटर है। जबकि देवास होकर दूरी 85 किलोमीटर है। उज्जैन फतेहाबाद इंदौर पैसेंजर ट्रेन का किराया 12 रुपए प्रति यात्री है। जबकि बस का किराया 55 प्रति यात्री है। इस मार्ग से इंदौर मात्र एक घंटे में पहुंचा जा सकता है। जबकि देवास हो कर समय एक घंटा 40 मिनट लगता है। इंदौर से उज्जैन होकर भोपाल मक्सी की ओर जाने वाली गाडिय़ों को इंजन बदलने की आवश्यकता नहीं होगी। जिससे समय बचेगा। इस लाइन पर अति प्राचीन चिन्तामण गणेश मंदिर है और इसी नाम से रेलवे स्टेशन भी है। मंदिर में दर्शन करने के लिए पहले सैंकड़ों लोग इस मार्ग से आते थे। तीर्थ यात्रियों की वजह से अनेक लोगों को रोजगार मिला था जो कि बंद हो गया है। इस मार्ग के चालू हो जाने से यात्रियों को सुविधाएं होगी व रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उज्जैन-इंदौर-देवास के बीच सर्किल ट्रेन चलाई जा सकेगी। जिससे इन नगरों व इनसे जुड़े ग्रामीण क्षेत्रों को सुविधा मिलेगी एवं ग्रामीण क्षेत्र का विकास हो सकेगा।
रेलवे को पता नहीं कौन है मप्र का मुख्य सचिव
मध्यप्रदेश के प्रति रेलवे कितना तत्पर है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि रेलवे के अधिकारियों को पता ही नहीं है कि मध्यप्रदेश का मुख्य सचिव कौन है। उज्जैन-फतेहाबाद रेल लाइन को ब्रॉडगेज में बदलने के लिए रेल मंत्रालय के अतिरिक्त सदस्य (कार्य) लाज कुमार ने 27.7.2015 को मध्यप्रदेश शासन को जो पत्र लिखा है वह पत्र मुख्य सचिव अवनि वैश्य को प्रेषित किया गया है। जबकि वर्तमान में एंटोनी डिसा मुख्य सचिव है। इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि मध्यप्रदेश के जनप्रतिनिधियों ने उज्जैन-फतेहाबाद रेल लाइन को ब्रॉडगेज में बदलने की मांग की है। इस कार्य के लिए करीब 108 करोड़ रुपए खर्च होने हैैं। अगर राज्य सरकार इस खर्च की आधी रकम देने को तैयार है तो रेलवे यह काम कर सकती है।
रेलवे की तैयारी आधी-अधूरी
सिंहस्थ को लेकर मध्यप्रदेश सरकार के सभी विभाग तेजी से काम कर रहे हैं। लेकिन रेलवे के लगभग सारे प्रोजेक्ट अटके पड़े हैं। पांच जनवरी को कार्यों की समीक्षा करने इंदौर पहुंचे पश्चिम रेलवे के जीएम जीसी अग्रवाल को लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन की नाराजगी का सामना करना पड़ा। स्पीकर ने उन्हें साफ कह दिया काम समय पर पूर्ण नहीं कर सकते तो प्रोजेक्ट बंद कर दो। महाजन ने कहा कि सिंहस्थ में आने वाले यात्रियों परेशानी हुई तो आप समझिएगा। महाजन ने कहा जिस रफ्तार से काम चल रहे हैं, उसकी उम्मीद नहीं थी। फंड की कमी हो तो बताओ, मैं मदद करूंगी। जब महाजन ने पूछा कि फतेहाबाद-उज्जैन की लाइन के लिए रेलवे क्यों नहीं तैयार है। इस पर जीएम ने कहा राज्य सरकार को रेशो देना चाहिए।
अक्स ब्यूरो