04-Apr-2013 08:53 AM
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शारजाह से जब पाकिस्तान के लिए विमान में मुशर्रफ सवार हुए तो हर किसी के मन में ये आशंका थी कि वे कभी भी अपने प्लेन का रुख मोड़ सकते हैं। पायलट ने भी विमान का ईंधन आवश्यकता से

कहीं अधिक भरा रखा था। पायलट को आशंका थी कि शायद उसे चंडीगढ़ के विमानतल पर विमान उतारना पड़ सकता है। रास्ते में भी पायलेट के मन में भी यही कश्मकश चल रही थी। परिस्थिति कुछ वैसी ही थी जैसी की वर्ष 1998 में श्रीलंका से वापसी के वक्त प्लेन पर सवार मुशर्रफ के सामने थी उस वक्त प्लेन से ही मुशर्रफ ने सेना को आदेश देकर देश में सत्ता परिवर्तन करवा दिया था और उसके बाद एक दशक से भी ज्यादा समय तक पाकिस्तान तानाशाही शासन के अधीन रहा। लेकिन इस बार मुशर्रफ पाकिस्तान में तानाशाही स्थापित नहीं करने जा रहे थे। बल्कि उनका मिशन था लोकतंत्र। मुशर्रफ ने पूरे आत्मविश्वास के साथ चार वर्ष के बाद पाकिस्तान की सरजमीं पर कदम रखा। अपने देश की धरती को चूमा और घोषणा की कि वे 4 मई को होने वाले आम चुनाव में अपनी पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगे।
69 वर्षीय पूर्व तानाशाह ने कहा है कि वह 11 मई के चुनाव में खड़े होने के लिए किसी भी खतरे का सामना करने को तैयार हैं। मुशर्रफ ने अपने पार्टी समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, मैं घोषणा के अनुसार घर जा रहा हूं। मैं किसी चीज से डरता नहीं हूं, फिर चाहे यह आतंकवादियों की ओर से हत्या की धमकी हो या पहुंचने पर गिरफ्तारी।Ó दुबई के व्यस्त इलाके में अपने लग्जरी फ्लैट से हवाई अड्डे रवाना होने से पूर्व मुशर्रफ ने अपनी 94 वर्षीय मां को चूमा और उन्हें अलविदा कहा। पूर्व तानाशाह ने कहा है कि वह 11 मई के चुनाव में खड़े होने के लिए किसी भी खतरे का सामना करने को तैयार हैं। बाद में मुशर्रफ ने खुद की एक और तस्वीर पोस्ट की और लिखा, मैं अपने घर के सफर के लिए विमान की अपनी सीट पर बैठ चुका हूं। उनके पाकिस्तान लौटने से घंटों पहले ही अधिकारियों ने कराची में सभा करने की मुशर्रफ को दी गई इजाजत को रद्द कर दिया था। यह सभा कायदे आजम मोहम्मद अली जिन्ना के मकबरे के निकट के मैदान में प्रस्तावित थी। प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने कहा है कि मुशर्रफ की वापसी के बाद उनको निशाना बनाने के लिए उसने आत्मघाती हमलावरों का एक दस्ता तैयार किया है। मुशर्रफ की घर वापसी के रास्ते को साफ करते हुए पाकिस्तान की तीन अदालतों ने कई मामलों में उन्हें गिरफ्तारी से पूर्व जमानत प्रदान कर दी थी। इनमें बलूच नेता अकबर बुगती और पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो हत्या मामला भी शामिल है, जिनमें उन्हें भगोड़ा अपराधी करार दिया गया है। इन मामलों में अभी भी आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि वह अपने खिलाफ दर्ज किए गए मामलों में मुकदमे का सामना करने से डरते नहीं हैं क्योंकि इनमें से अधिकतर असंवैधानिक हैं। मुशर्रफ ने वर्ष 1999 में सेना प्रमुख के तौर पर एक रक्तहीन तख्तापलट के जरिये सत्ता पर कब्जा जमाया था और अगस्त 2008 में पद छोडऩे के बाद देश छोड़कर चले गए थे। वर्ष 2009 के शुरुआती दिनों में स्व निर्वासन पर जाने से पूर्व मुशर्रफ ने कई बार घर लौटने की अपनी मंशा का ऐलान किया था। पिछले वर्ष गिरफ्तारी की धमकी मिलने के बाद उन्होंने स्वदेश लौटने की योजना स्थगित कर दी थी। राजनीतिक और सुरक्षा विश्लेषकों का मानना है कि कुछ सौदेबाजीÓÓ के बाद ही मुशर्रफ की वापसी संभव हुई है। संभव है कि इस सौदेबाजी में कुछ विदेशी सरकारों और सेना ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की हो।
मुशर्रफ का दावा है कि वही एक ऐसे शख्स है जो पाकिस्तान को मौजूदा हालात से उबार सकते हैं। तमाम सियासी पार्टियों पर भी वो तीखे हमले करते आए हैं। अब चुनावों से ठीक पहले भारत और पाक रिश्तों पर भी बयानबाजी कर पाकिस्तान की आवाम को अपने हक में मोडऩे की कोशिश कर रहे हैं। करीब 5 साल बाद वतन वापसी कर रहे मुशर्रफ ने चंद दिनों पहले ही साफ कर दिया था कि उनका एजेंडा पूरी तरह सियासी होगा। पाकिस्तान में 11 मई को चुनाव होने हैं।
ज्योत्सना अनूप यादव