02-Jan-2016 07:57 AM
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मध्य प्रदेश कांग्रेस में करीब बारह साल बाद थोड़ी सी रवानी दिख रही है। यानी कांग्रेस अपने पुराने फार्म की और लौट रही है। पार्टी के तेवर को देखते हुए आलाकमान ने भी अपनी रणनीति में बदलाव किया है और अभी तक खराब प्रदर्शन

करने वाले पदाधिकारियों की कुर्सी छीनने की नीति बना ली है। इसके तहत नए साल में एक-एक पदाधिकारी के परफार्मेंस की समीक्षा की जाएगी और पुवर परफार्मेंस वाले पदाधिकारियों से महत्वपूर्ण जिम्मेदारी वापसी ली जाएगी। यानी जो पदाधिकारी या कार्यकर्ता अभी तक पूरी तनमयता से काम कर रहे हैं उन्हें बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी। इसके लिए प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने सभी जिलाध्यक्षों और पदाधिकारियों की रिपोर्ट तैयार करने को कहा है।
बताया जा रहा है कि 4 और 5 दिसंबर को होने वाली समीक्षा बैठक में जिला प्रभारियों से जिला अध्यक्षों के प्रदर्शन को लेकर अलग से रिपोर्ट मांगी गई है। बैठक की तैयारियों को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने भोपाल में संगठन महामंत्री चंद्रिका प्रसाद द्विवेदी, कोषाध्यक्ष विनोद डागा, महामंत्री अजय चौरे, सविता दीवान और मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा के साथ बैठक की। तय किया गया कि बैठक में संगठनात्मक कामों में लापरवाही बरतने वाले पदाधिकारियों के खिलाफ अब सख्ती दिखाई जाएगी। प्रदर्शन के आधार पर ही जिला प्रभारियों के कामकाज का आकलन होगा। जो पदाधिकारी, जिलों का दौरा करने में कमी रखेंगे, उनकी छुट्टी भी कर दी जाएगी। प्रदेश मुख्यालय में पदाधिकारियों के बैठने का समय भी तय होगा, ताकि प्रदेश के दूरस्थ इलाकों से आने वाले कार्यकर्ताओं की सम्मान के साथ सुनवाई हो सके। संगठन महामंत्री द्विवेदी ने बताया कि अब वक्त कड़े निर्णय करने का आ गया है। काम करने वालों को मौका मिलेगा।
सूत्रों के मुताबिक टीकमगढ़ के ब्रजभान यादव, पन्ना की दिव्यारानी, कटनी के विजय पटेल और चंदा सिंह गौर, रायसेन मुमताज खान, रीवा बृंदा प्रसाद और अब्दुल शाहिद मिस्त्री के साथ छतरपुर के मनोज त्रिवेदी की निष्क्रियता को लेकर संगठन को रिपोर्ट मिली है। इनको लेकर संगठन फैसला कर सकता है। इसके अलावा कुछ जिलाध्यक्ष और हैं, जिन्होंने संगठन द्वारा सौंपे पिछले लक्ष्यों को पूरा नहीं किया है। अरुण यादव सितम्बर से करीब डेढ़ दर्जन जिला अध्यक्षों को हटाने का प्रयास कर रहे है, लेकिन पार्टी के दिग्गिज नेता ऐसा नहीं चाहते है। यादव ने जिला अध्यक्ष बदलने के लिए ही भोपाल, इंदौर, अनूपपुर के जिला अध्यक्षों को प्रदेश कांग्रेस कमेटी में लिया था। इसके अलावा वे जबलपुर, विदिशा, सीहोर, राजगढ, उज्जैन, ग्वालियर जिलों के भी अध्यक्ष बदलना चाहते थे। दिग्गिज नेताओं के हस्तक्षेप के कारण वे अब तक इन जिलों के अध्यक्ष नहीं बदल सके हैं। लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है कि नए साल में संगठन को धारदार बनाने के लिए सक्रिय पदाधिकारियों को कमान सौंपी जाएगी।
यानी प्रदेश कांग्रेस नए साल में पूरा जोर संगठन को सक्रिय करने पर लगाएगी। इसकी शुरुआत 4 और 5 जनवरी को प्रदेश स्तरीय समीक्षा बैठक से होगी। इसमें प्रदेश पदाधिकारियों के साथ जिला अध्यक्षों का रिपोर्टकार्ड तैयार किया जाएगा। संगठन के पैमाने पर खरा नहीं उतरने वाले पदाधिकारियों की छुट्टी भी हो सकती है। संगठन ने सभी पदाधिकारियों से दस बिन्दुओं पर रिपोर्ट लेकर आने के निर्देश दिए हैं। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव मौजूद रहेंगे। प्रभारी संगठन महामंत्री चंद्रिका प्रसाद द्विवेदी ने बताया कि दो दिवसीय बैठक में जिला अध्यक्षों की रिपोर्ट प्रभारी प्रदेश पदाकारियों देंगे। वहीं, प्रदेश पदाधिकारियों को अपने कामकाज का ब्योरा भी देना होगा। संगठन को मजबूत करने के बाद अरुण यादव प्रदेश भर का दौरा करेंगे। इसके लिए उन्होंने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। प्रदेश अध्यक्ष की मंशा है कि वे इस दौरान पूरे प्रदेश में कांग्रेस के घर बैठे नेताओं को सक्रिय करें ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी भाजपा को चुनौती दे सके।
राष्ट्रीय नेताओं तक जाएगी रिपोर्ट
जिला अध्यक्षों की प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर पीसीसी हर जिला अध्यक्ष की समीक्षा कर उसकी रिपोर्ट तैयार करेगी। इस रिपोर्ट को राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी मोहन प्रकाश के अलावा कांग्रेस के दिग्गज नेता पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित एआईसीसी के कुछ अन्य पदाधिकारियों को भी दी जाएगी। इस रिपोर्ट के आधार पर कई जिलों के अध्यक्षों की पद से छुट्टी कर दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस संगठन स्तर पर अपने आपको मजबूत करने में जुट गई है। कांग्रेस ने नए साल में जिला अध्यक्षों की छुट्टी करने का नया तरीका तलाश कर लिया है। जिला अध्यक्ष परफॉरमेंस के आधार पर ही अपना पद बचा सकते हैं। दरअसल जिला अध्यक्षों को बदलने से पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने जनवरी के पहले सप्ताह में बैठक बुलाई है। इस बैठक में जिला अध्यक्षों के साथ ही जिला प्रभारी भी मौजूद रहेंगे।
-भोपाल से अरविंद नारद