नगर निगम ने गिरवी रख दिए फुटपाथ
02-Jan-2016 06:52 AM 1234782

झीलों के शहर भोपाल को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए  3437 करोड़ का प्रोजेक्ट बनाकर केंद्र सरकार को सौंपा गया है। लेकिन इससे शहर स्मार्ट हो जाएगा यह कहना बेमानी साबित होगा क्योंकि आज शहर बूचडख़ाने की तरह नजर आ रहा है। यानी पूरे शहर में फुटपाथों पर अतिक्रमण और सड़कों पर आवारा जानवरों का कब्जा है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि नगर निगम के माननीयों ने पूरे शहर के फुटपाथों को माफिया के हाथ गिरवी रख दिया है। इस बात में सच्चाई भी नजर आ रही है। क्योंकि जब भी नगर निगम का अमला फुटपाथों पर चल रहे अवैध कारोबार को हटाने पहुंचता है वहां छुटभैय्या नेता या पार्षद आ धमकते हैं और अमले को खाली हाथ लौटना पड़ता है।
शहर का कोई भी हिस्सा ऐसा नहीं है जहां फुटपाथों पर अवैध धंधा न चल रहा हो। पीरगेट से लेकर मोती मस्जिद तक और चौक से लेकर आजाद मार्केट होते हुए मंगलवारा से भारत टॉकीज चौराहे तक। इसी तरह न्यू मार्केट में चारों तरफ फुटपाथ के बाद आधी सड़क तक अतिक्रमणकारी हाथठेले और स्टॉलों का परमानेंट कब्जा हो गया है। आलम यह है कि आधी से कम बची सड़क से सैकड़ों वाहन गुजरते हैं, जिससे दिनभर जाम लगा रहता है। आए दिन एक्सीडेंट और बेवजह के झगड़े हो रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार भोपाल की सड़कों पर दस हजार से ज्यादा हाथठेले और स्टॉल रहते हैं। इससे जाम लगने से लेकर एक्सीडेंट तक हो रहे हैं। अधिकतर हाथठेले किराए पर चल रहे हैं, जिसके बदले 200 रुपए रोज दुकान लगाने वाला देता है। इसके साथ ही अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई से बचने के लिए 200 से 300 रुपए तक देने पड़ते हैं। बाकी करीब 200 रुपए इलाके के पूर्व पार्षद, मजहबी संगठनों के नेताओं से लेकर पुलिस को भी देना पड़ते हैं। इसके बदले बीच सड़क पर दुकान लगाने पर संरक्षण मिलता है। अगर कभी कार्रवाई हुई भी तो जुर्माना देकर ठेला फिर से मिल जाता है।
जेके रोड के ठेला व्यापारियों का कहना है कि हम कई महीनों से इस स्थान पर फलों का ठेला लगा रहे हैं। नगर निगम से शुल्क वसूली करने वाले रोज आते हैं। कभी 10 रुपए की रसीद देते हैं तो कभी नहीं देते। इसी स्थान पर लगभग 15 से 20 ठेले लगते हैं। रचना नगर के लोगों का कहना है कि फुटपाथ तो छोडि़ए हाथ ठेलों पर बाजार लगाने वाले पूरी सड़क पर ही कब्जा कर लेते हैं। नगर निगम के अतिक्रमण हटाने वाले ही इन लोगों से मिले रहते हैं। वे अवैध वसूली कर ठेले फिर से छोड़ देते हैं।

रविवार को सड़कें और फुटपाथ बन जाते हैं बाजार
भोपाल टॉकीज चौराहे से डीआईजी बंगला चौराहा तक हर रविवार को सड़कें और फुटपाथ बाजार बन जाते हैं। नतीजे में यहां पर दिनभर जाम लगा रहता है और वाहनों के राहगीरों से टकराने पर गाली-गलौज और झगड़ा होना, आम नजारे हैं। यहां पर पुराना और सस्ता सामान मिलता है, जिसमें चोरी का माल भी शामिल रहता है। करीब डेढ़ से दो हजार हाथठेले और जमीन पर दुकानें लगाई जाती हैं। इनसे हफ्ता वसूली के बदले नगर निगम का अतिक्रमण विरोधी अमला नजरअंदाज करता है। नगर निगम के कर्ताधर्ता राजस्व को बढ़ाने के लिए फुटपाथ और सड़क पर बाजार लगवा रहे हैं। इसके लिए बाकायदा दैनिक तहबाजारी का 10 रुपए शुल्क काटा जा रहा है। निगम के इस रवैए के कारण आम जनता का सड़क पर वाहन चलाना और फुटपाथ पर पैदल चलना दूभर हो गया है।   गवर्नमेंट प्रिटिंग प्रेस के किनारे तो पूरा सब्जी बाजार ही लगने लगा है, जिस कारण ट्रैफिक जाम रहता है।
यहां लगते हैं अवैध बाजार
भोपाल टॉकीज चौराहा, डीआईजी बंगला रोड़, करोंद बैरसिया रोड़, फिरदौस पार्क, पुतली घर शाहजहांनाबाद, भारत टॉकीज रोड़, हमीदिया रोड़, अशोका गार्डन, जे.के.रोड़, भेल परेड मैदान, आनंद नगर, सुभाष रेलवे फाटक के सामने, नीलम पार्क के सामने जहांगीराबाद, महावीर नगर ई-1 अरेरा कॉलोनी, विट्टन मार्केट के पास, 10 नगर मार्केट, 11 सौ क्वाटर, गुलमोहर, डाकघर के सामने अरेरा हिल्स, एमपी नगर जोन-1, 2, राज्य मंत्रालय सतपुड़ा-विध्यांचल भवनों के सामने, बेतवा अपार्टमेंट के सामने रोशनपुरा चौराहा, रंगमहल सिनेमा चौराहा, कमला नेहरु स्कूल के पास, कम्यूनिटी हॉल टीटी नगर, स्वर्ण जयंती पार्क कोलार रोड़, सर्वधर्म कोलार रोड, नेहरु नगर चौराहा, गांधी नगर और बैरागढ़ आदि।
-बृजेश साहू

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