15-Dec-2015 10:35 AM
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कभी किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि जिस संपत्ति को बनाने के लिए अंडरवल्र्ड डॉन दाऊद इब्राहीम ने जान जोखिम में डालकर अवैध धंधा किया, कईयों की जान ली उसकी एक दिन नीलामी हो जाएगी। जिस दाऊद के नाम से लोग अपनी

संपत्ति और अपना कारोबार छोड़ देते थे, उसी की संपत्तियों की नीलामी में लोगों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। नीलामी 9 दिसंबर को दक्षिण मुंबई के होटल डिप्लोमेट में हुई। एक निजी कंपनी ने यह नीलामी स्मगलर्स एंड फॉरेन एक्सचेंज मैनीपुलेटर्स एक्ट के तहत की। 16 सालों में दाऊद की संपत्ति की ये चौथी बार नीलामी थी। नीलामी में दिल्ली जायका होटल और माटुंगा स्थित दाऊद का घर समेत सात संपत्तियां शामिल थीं। इसमें 15 साल पुरानी एक ग्रीन कलर की ॥4ह्वठ्ठस्रड्डद्ब ्रष्ष्द्गठ्ठह्ल स्द्गस्रड्डठ्ठ कार भी थी, जो तकरीबन कबाड़ हो चुकी है। खरीदने वाले स्वामी चक्रपाणि इसे डी-कंपनी का पुतला रखकर जलाना चाहते हैं। दाऊद की तीसरी बड़ी संपत्ति थी माटुंगा में महावीर बिल्डिंग में बना 32.77 वर्ग मीटर का कमरा। विवादित होने से इसका सिर्फ किराएदार रखने का अधिकार नीलाम हुआ है। यह मिलन शाह संघवी नाम के व्यक्ति को मिला है। इसके अलावा दमन के काद्या में दाऊद के 4 खेत भी नीलाम हुए हैं। इनमें से 2 खेत मुकेश शाह ने 20.25 लाख रु. में खरीदे हैं। बाकी दो खेत जयदीप दोलसानिया और सूरत के राजबहादुर शर्मा ने खरीदे हैं। दाउद की संपत्तियों की नीलामी से जहां आतंक के मुंह पर जोरदार तमाचा जड़ा गया है, वहीं देश के खिलाफ काम करने वालों को संदेश दिया गया है।
करीब दो दशक पहले तक मुंबई में आतंक का खौफ पैदा करने वाला अंडरवल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम और उसके साथी आज भी ऐश-ओ-आराम की जिंदगी जी रहे हैं। डॉन दाऊद इब्राहीम के लोग यानी डी कंपनी के लोगों ने अनगिनत लोगों को मौत के घाट उतार खौफ का माहौल पैदा किया और फिर लोगों ने जमकर उगाही की। इस खौफ के खेल का आलम यह है कि बॉलीवुड अभी तक डी कंपनी के नाम से अभी भी कांपता है। बॉलीवुड में डी कंपनी का प्रभाव अभी भी कायम है क्योंकि 2015 में भी बॉलीवुड के कई अभिनेताओं, निर्माता और डिस्ट्रीब्यूटरों ने डी कंपनी को कमाई का एक हिस्सा दिया है।
डी कंपनी अपने तमाम कामों को जिस सुव्यवस्थित ढंग से अंजाम तक पहुंचाती है वह किसी बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी के काम जैसा होता है। दाऊद ने आतंक से जितना पैसा बनाया है उसका निवेश भी एक बड़ी कंपनी की रणनीति की तर्ज पर किया। बताया जा रहा है कि दुबई में दाऊद ने करीब 3200 हेक्टेयर इलाके में प्लॉट, गगनचुंबी इमारतों के फ्लोर और ऑफस खरीदे। दाऊद ने अपनी अधिकांश इमारतों और दुकानों को किराए पर दे रखा है जिससे सालाना 30 मिलियन दिरहम यानी 54 करोड़ रुपए सालाना की आय होती है। डी कंपनी के पास अपना कानूनी विभाग भी है जो कानूनी समस्याओं को देखता है। डी कंपनी एक और खतरनाक काम है ब्लैक मनी को व्हाइट मनी में बदलना।
यह बात की किसी से छुपी नहीं है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट बॉलीवुड के निर्माता, अभिनेता और निर्माताओं पर पैनी नजर रखता है, क्योंकि विभाग की जांच में कुछ अनियमितताएं सामने आई हैं जिसमें हवाला के जरिए बाहर (दुबई) पैसे भेजने का मामला सामने आया था। फिल्मी चमक दमक में काम करने वाले लोग पर्दे के पीछे से आयकर बचाने के लिए हवाला के जरिए पैसों को बाहर भेजते हैं। कुछ फिल्म निर्माताओं और अभिनेताओं के लिंक डी कंपनी से हैं ऐसे में लाजमी कि उनके काले धन को जायज धन में बदला जाए। 2011 में विकिलीक्स के जरिए लीक हुई कुछ सूचनाओं के हवाले से कहा गया है कि फिल्म इंडस्ट्री के लोग अंडरवल्ड के लोग, गैंगेस्टर्स और राजनेता गलत तरीके से अर्जित किए गए धन को मनी लाउंडरिंग के जरिए वैध धन में बदलने का काम करते हैं। इसके लिए फिल्म इंडस्ट्री को हवाला के जरिए फंडिंग की जाती है। इसे बाद में जायज धन के रूप में पेश किया जाता है।
मुंबई में फल-फूल रही है डी कंपनी
1993 में हुए मुंबई सीरियल धमकों के बाद दाऊद तो भारत छोड़कर भाग गया था लेकिन मुंबई में उसके गुर्गे अभी भी फल फूल रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार मुंबई में डी कंपनी के लोगों ने बिल्डिंग बनाने में पैसा लगाया है। मुंबई की सबसे ज्यादा घनी बस्ती भिंडी बाजार है। यहां की गलियां इतनी संकरी हैं कि लोगों का पैदल निकलना भी मुश्किल है। लेकिन यहां कई मंजिला इमारतें की भरमार मिल जाएगी। इस इलाके में कई ऐसे प्रोजेक्ट हैं जिनमें सरकार के खुफिया विभाग को डी कंपनी का पैसा लगा होने की सूचना है।
-अक्स ब्यूरो