क्या हिट होगा केजरी फॉर्मूला!
15-Dec-2015 10:06 AM 1234778

प्रदूषण नियंत्रण के लिए प्राइवेट गाडिय़ों को महीने में 15 दिन ही चलाने देने के जिस फॉर्मले को दिल्ली सरकार अचूक अस्त्र मानकर चल रही है उसके लागू होने से पहले ही कड़ी आलोचना हो रही है और कहा जा रहा है कि केजरिवाल सरकार का यह फॉर्मूला फ्लॉप हो सकता है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली में प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने और हाई कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल द्वारा सरकार की खिंचाई किए जाने के बाद नींद से जागी दिल्ली सरकार ने कई ताबड़तोड़ फैसले लिए। प्रदूषण को नियंत्रण में लाने की कोशिशों के तहत केजरीवाल सरकार के जिस एक फैसले पर सबसे ज्यादा बहस छिड़ी है वह है, 1 जनवरी 2016 से दिल्ली में प्राइवेट गाडिय़ों (कार, बाइक) को महीने में 15 दिन ही चलने की इजाजत मिलना।
यानी कि दिल्ली में कार और बाइक चलाने वाले हर दिन के बजाय एक दिन छोड़कर अपनी गाडिय़ां चला पाएंगे। इसके लिए सम-विषम वाला फॉर्मूला अपनाया गया है। यानी एक दिन 1,3,5,7,9 यानी विषम नंबर (ऑड नंबर) और दूसरे दिन 0,2,4,6,8 यानी सम संख्या (इवन नंबर) के नंबर प्लेट वाली गाडिय़ों को ही सड़कों पर चलने की इजाजत होगी। सरकार ने भले ही अपने इस प्रयास को प्रदूषण नियंत्रण के लिए जरूरी करार दिया हो लेकिन इस कदम की कड़ी आलोचना शुरू हो गई है। लोगों ने इस फॉर्मूले की सफलता पर ही सवाल उठा दिए हैं और प्रदूषण नियंत्रण के लिए इसे फौरी सरकारी प्रयास करार देते हुए इसकी गंभीरता पर सवाल उठाए हैं। लोगों की यह नाराजगी या सवाल बेवजह बिल्कुल भी नहीं हैं क्योंकि दिल्ली सरकार का सम-विषम संख्या वाला फॉर्मूला नया नहीं है और पश्चिमी देश इसे वर्षों पहले ही अपना चुके हैं और उन्हें इस तरह के प्रयासों में कोई खास सफलता नहीं मिली। दूसरी बात सरकार ने एकदम अचानक से ही यह फैसला ले लिया और सरकार के पास कार और बाइक छोड़कर सड़कों पर उतरे लोगों को यातायात की सुविधा उपलब्ध कराने और अचानक ही इन लाखों लोगों की भीड़ के आने से पहले से ही दिक्कतों का सामना करने वाले डेली पैसेंजर्स की परेशानियां बढऩे जैसी चिंताओं का समाधान करने का कोई निश्चित फॉर्मूला नहीं है। साथ ही भले ही सरकार पुलिस, ट्रांसपोर्ट विभाग और दिल्ली मेट्रो से इस पर चर्चा करके लोगों को किसी भी तरह की परेशानी से बचाने की बात कर रही हो लेकिन हकीकत तो ये है कि खुद ट्रांसपोर्ट विभाग और ट्रैफिक पुलिस इस नियम को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं और खुद ही इसे कैसे लागू करना है, इस बात को लेकर सुनिश्चित नहीं है। इस नियम के आलोचक यह भी तर्क दे रहे हैं कि अमीर लोग जिनके पास तीन-चार गाडिय़ां है उन्हें इस नियम से ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा बल्कि मध्यम वर्गीय आदमी जिनके पास एक ही कार है, वह इस नियम से ज्यादा प्रभावित होंगे। तो अमीर लोग जो ज्यादा कार प्रयोग करते हैं उन पर रोक लगा पाना मुश्किल होगा। साथ ही लोग इस नियम की काट खोजने के लिए ऑड या इवन दोनों ही नंबर वाली गाडिय़ों अपने पास रखने की कोशिश करने लगेंगे, जिससे गाडिय़ों की संख्या और बढ़ेगी और साथ ही प्रदूषण का खतरा भी।
दुनिया के कई देशों में पहले ही फेल हो चुका है यह फॉर्मूला: दिल्ली सरकार गाडिय़ों को एक दिन के अंतराल पर चलाने का जो फॉर्मूला लेकर आई है वह दुनिया के कई बड़े देशों में पहले ही फेल चुका है। आइए डालें एक नजर। इस तरह का फॉर्मूल अपनाने वाला मैक्सिको पहला देश था। 1986 में मैक्सिको सिटी में नंबर प्लेट के अनुसार गाडिय़ों को हफ्ते में एक दिन न चलाने का नियम बनाया गया। इसके पीछे प्रदूषण को घटाने के साथ-साथ लोगों द्वारा पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रयोग बढ़ाने की सोच थी। शुरुआत में तो प्रदूषण घटा लेकिन 11 महीने बाद ही प्रदूषण का स्तर पहले से भी ज्यादा हो गया। वजह लोगों ने ज्यादा गाडिय़ां खरीदना शुरू कर दीं। जिससे सम-विषम संख्या वाले नियम को मात दी जा सके और वे रोक वाले दिन भी गाडिय़ों का प्रयोग कर सकें। साथ ही लोगों ने बजाय के पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रयोग करने के टैक्सियों का ज्यादा प्रयोग करना शुरू कर दिया। नतीजा, प्रदूषण पहले से भी ज्यादा खतरनाक स्तर पर पहुंच गया।

दिल्ली में डीजल कार भी बैन
दिल्ली में अब किसी भी नई डीजल गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा। नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल ने यह रोक लगाते हुए राज्य और केंद्र सरकार को भी निर्देश दिया है कि वे अपने विभागों के लिए डीजल गाडिय़ां न खरीदें। इसके साथ ही 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाडिय़ों पर रोक लगा दी गई है। एनजीटी प्रमुख न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा, एनजीटी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में वाहन से होने वाले प्रदूषण का गंभीर योगदान देखते हुए यह अहम है कि सरकार को एक गंभीर नजरिया अपनाना और फैसला लेना चाहिए कि क्या दिल्ली में किसी डीजल वाहन, नए या पुराने, का पंजीकरण होना चाहिए।

-दिल्ली से रेणु आगाल

FIRST NAME LAST NAME MOBILE with Country Code EMAIL
SUBJECT/QUESTION/MESSAGE
© 2025 - All Rights Reserved - Akshnews | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^