सिंहस्थ में वनस्पतियों के जल से संत करेंगे स्नान
02-Dec-2015 08:04 AM 1234777

सिंहस्थ में आने वाले साधु-संत और लाखों श्रद्धालु वनस्पतियों के जल से स्नान करेंगे। प्रशासन ने शिप्रा को शुद्ध और प्रवाहमान बनाए रखने के लिए वेद शास्त्र व आयुर्वेद के साथ-साथ वनस्पतियों का सहारा लेने का निर्णय लिया है। इससे न सिर्फ शिप्रा शुद्ध रहेगी, बल्कि स्नान करने वालों को किसी तरह की बीमारी होने का भय भी नहीं रहेगा। शिप्रा शुद्ध और प्रवाहमान बनी रहे, इसके लिए वेद शास्त्र आयुर्वेद का सहारा लिया जाएगा। ऐसे कई पौधे व वनस्पति हैं, जिनकी जड़ व पत्तों से पानी शुद्ध हो जाता है। वन विभाग ने ऐसे पौधों को शिप्रा शुद्धीकरण में प्रयोग करने का प्रस्ताव बनाकर प्रशासन को सुझाव दिया है। इसमें अपामार्ग (चिरचिड़ा), नागरबोथा (मुश्ता),बच (बचा), हर्रा (हरण), बकुपा, रेडग्रास (घास प्रजाति) के पौधों का प्रयोग किया जाएगा। साथ ही कुछ जलीय जंतुओं को भी नदी में छोड़ा जाएगा, जो पानी से गंदगी को नष्ट कर देते हैं। मृगल मछली नदी की गहराई में काम करती है। इसके ऊपर रोहू प्रजाति की मछली और कतला ऊपरी सतह पर सफाई का काम करती है। कछुए भी सफाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। नदी में ऑक्सीजन नियंत्रण के लिए भी कई वनस्पति व जीव हैं। प्रस्ताव में इसके लिए शैवाल को शामिल किया गया है, जो पानी शुद्धिकरण के साथ ऑक्सीजन को नियंत्रित करती है।
संत समाज ने भी वन विभाग के इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। संतों के मुताबिक प्रशासन नदी को साफ रखने के लिए ओजोनेशन प्लांट पर फिजूलखर्ची कर रहा है। मां शिप्रा के शुद्धिकरण में वेद शास्त्र, आयुर्वेद पद्धति व वनस्पति से बेहतर कुछ हो नहीं सकता है। नगर निगम ने सिंहस्थ अवधि (दो माह) के लिए शिप्रा सफाई का 9 करोड़ रुपए का आजोनेशन प्लांट का प्रस्ताव तैयार किया है। शुरू से ही इस प्रस्ताव का विरोध हुआ, लेकिन अधिकारियों ने सब दरकिनार कर दिया। निगम ने टेंडर निकालकर इस पर काम भी शुरू कर दिया है। इधर वैदिक पद्धति से 2 लाख रुपए में स्थाई काम हो रहा है। हालांकि इस प्रयोग से पहले एक बार शिप्रा नदी से गाद हटाना पड़ेगी।
महंत सुदामानंद (लाल बाबा) का कहना है भारतीय आयुर्वेद व वेद शास्त्र में आपामार्ग, हरण सहित अन्य वनस्पति से जल शुद्धि संभव है। अधिकारी मूल काम को छोड़ स्मार्ट बनने की कोशिश कर रहे हैं। सभी को मिलकर जल शुद्धिकरण पर ध्यान देने की आवश्यकता है। मुख्य वन संरक्षक पीसी दुबे ने बताया कि आयुर्वेद व अन्य वनस्पति के साथ कई जीवों के माध्यम से नदी को शुद्ध किया जा सकता है। यह पूरी प्रक्रिया विज्ञान, आयुर्वेद पर आधारित व प्रमाणित है। इसके लिए एक प्रस्ताव तैयार कर निगम को सौंपा है।
प्रदूषण पर रोक से बनेगा ग्रीन सिंहस्थ
सिंहस्थ में कम से कम प्रदूषण हो, इसके लिए ज्यादा से ज्यादा तकनीक का उपयोग किया जाएगा। संभागायुक्त डॉ.  पस्तोर का मानना है कि यह ग्रीन और क्लीन सिंहस्थ है, और यह परिकल्पना सिंहस्थ के प्रदूषण मुक्त आयोजन से ही पूरी होगी। उन्होंने अधिकारियों को कचरा व गंदगी के साथ ही ध्वनि प्रदूषण रोकने की कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसके चलते आश्रम-अखाड़ों में लगने वाले साउंड सिस्टम की मॉनिटरिंग की जाएगी। सुरक्षा की दृष्टि से सिंहस्थ के दौरान भृर्तहरि गुफा में प्रवेश बंद रहेगा। हालांकि मंदिर के दर्शन किए जा सकेंगे।
जनता तय करेगी सिंहस्थ की एजेंसियां पास या फेल
भले ही सिंहस्थ की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हों, लेकिन इसका असल परिणाम वह जनता और साधु-संत तय करेंगे, जो सेवाओं का उपभोग करने वाले हैं। इसके बाद ही कंज्यूमर सेटिस्फेक्शन कार्ड पर उपभोक्ता जितने अंक देंगे, उस आधार पर तय होगा कि उक्त सेवा बेहतर थी या खराब। यही नहीं कार्ड के आधार पर ही ठेकेदार का भुगतान और विभाग या एजेंसियों के कार्यों का आकलन होगा। सिंहस्थ तैयारियों को लेकर संभागायुक्त रवींद्र दिन-रात लगे हुए हैं। कार्यों की गुणवता के आकलन के लि पस्तोर ने निर्देश दिए कंज्यूमर सेटिस्फेक्शन कार्ड बनवाए जाएं। कार्ड में उपभोक्ता जिनते नंबर देंगे, उस आधार पर ठेकेदार का भुगतान किया जाएगा। उन्होंने बताया अब एक व्यक्ति के आधार पर सुविधाओं का आकलन किया जाए। मसलन एक व्यक्ति को कितना पानी लगेगा, कितने लोगों में कितने सुविधाघर की जरूरत होगी, एक आश्रम में कितना कचरा निकलेगा, कितने कंटेनर रखने पड़ेंगे, कंटेनर खाली करने की फिक्वेंसी क्या होगी, एक सड़क की सफाई के लिए कितने कर्मचारी लगाना होंगे, जैसी बातों के आधार पर व्यवस्था तय की जाए। संभागायुक्त पस्तोर व आईजी वी. मधुकुमार ने मेले के दौरान ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए निर्धारित डेसीबल से अधिक तेज ध्वनि में साउंड सिस्टम नहीं चलाए जाने के निर्देश दिए।
-उज्जैन से श्याम सिंह सिकरवार

FIRST NAME LAST NAME MOBILE with Country Code EMAIL
SUBJECT/QUESTION/MESSAGE
© 2025 - All Rights Reserved - Akshnews | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^