02-Nov-2015 07:41 AM
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राजस्थान के खान महाघूसकांड को लेकर सवालों में आई वहां की भाजपा सरकार का मामला अभी ठंडा ही नहीं हुआ है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की ही सरकार कुछ इसी तरह के आरोपों में घिरती नजर

आ रही है। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने राज्य सरकार पर कोल ब्लॉक की नीलामी लेने वाली कम्पनियों को अध्यादेश लाकर तीन हजार करोड़ रूपए की अनुचित रूप से छूट देने का आरोप लगाया है। राज्य सरकार ने कोल ब्लॉक नीलामी में कोयला खदानें प्राप्त करने वाली कंपनियों को स्टांप ड्यूटी में छूट प्रदान करने के लिये अध्यादेश लाकर खदान आवंटन नियमों में संशोधन किया है।
भाजपा सरकार ने अपनी चहेती कोल ब्लॉक लेने वाली निजी कंपनियों बालको, हिंडाल्को और मोनेट को कोल खनन पट्टे में स्टांप ड्यूटी छूट प्रदान करने के साथ इसमें लगने वाले स्टांप ड्यूटी की गणना के तरीके में बदलाव कर 3000 करोड़ से अधिक का लाभ पहुंचाया है। उल्लेखनीय है कि जब केन्द्र में यूपीए सरकार के दौरान कोल घोटाला हुआ था उस समय भी उसके छींटे मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह पर पड़े थे। लेकिन वह जैसे-तैसे दब गया। अब एक बार फिर से कोल ब्लाक आवंटन के घेरे में सरकार आई है। आरोप है कि अभी तक खनन पट्टे में नीलामी के मूल्य और रॉयल्टी के आधार पर स्टांप ड्यूटी लगाया जाता था, अब भाजपा सरकार निकलने वाले कोयले पर मिलने वाली रायल्टी के आधार पर स्टांप ड्यूटी लगाने वाली है। नीलामी मूल्य को स्टांप ड्यूटी से मुक्त कर दिया गया है। इस बदलाव के कारण कोल ब्लॉक प्राप्त करने वाली मोनेट, हिंडाल्को, बाल्को जैसी निजी कंपनियों को 3000 करोड़ रूपए से अधिक का फायदा स्टांप ड्यूटी के रूप में होने वाला है। यह 3000 करोड़ यदि स्टांप ड्यूटी के मिलते तो इस पैसों से भाजपा सरकार किसानों के धान के बोनस की बकाया राशि दे सकती थी।
बघेल ने आरोप लगाते हुए बताया कि रमन सरकार ने किसानों के खिलाफ फैसला लिया है और बालकों, हिंडाल्को, मोनेट के पक्ष में फैसला लेकर जनता के खजाने को नुकसान पहुंचाया है। चोटिया कोल ब्लॉक प्राप्त करने वाली बालको कंपनी को सरकार के अध्यादेश लाने से 516 करोड़ रूपए का फायदा होगा। उसे अब 521 करोड़ की जगह मात्र छह करोड़ 96 लाख रूपए स्टाम्प ड्यूटी पटाना होगा। सरकार के द्वारा इन उद्योगों को छूट देने का यह अध्यादेश प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का भी सीधा उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि कोल ब्लॉक नीलामी के पहले ये कंपनियां और नीलामी में हिस्सा लेने वाली दूसरी कंपनियां भी भली भांति स्टांप ड्यूटी की इस जिम्मेदारी से वाकिफ थी, नीलामी हो जाने के बाद इन कंपनियों को स्टांप ड्यूटी में 3000 करोड़ की छूट देना सीधे-सीधे राज्य के खजाने को नुकसान पहुंचाने की आपराधिक साजिश है। दूसरी ओर भाजपा के प्रवक्ता और विधायक शिवरतन शर्मा ने कांग्रेस के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा विभिन्न प्रदेशों के कोल ब्लॉकों का आवंटन नीलामी के द्वारा किया गया है और नीलामी से चयनित आवंटती को कोयला मंत्रालय द्वारा वेस्टिंग ऑर्डर जारी किये गये हैं।
राज्य सरकार के द्वारा इन वेस्टिंग आदेशों के परिपालन में खनिपट्टा जारी किये गये हैं। उन्होंने कहा कि इन खनिज पट्टों का लीज डीड का निष्पादन किया जाता है, जिसमें स्टाम्प ड्यूटी लगती है। स्टाम्प ड्यूटी की गणना भारतीय स्टाम्प एक्ट के तहत की जाती है। राज्य सरकार ने इस संबंध में महाधिवक्ता से अभिमत लिया जिसके अनुसार खनिपट्टा में स्टाम्प ड्यूटी की गणना केवल रॉयल्टी के आधार पर की जानी है। इसी विधिक अभिमत के परिपालन में कानून में अधिक सुस्पष्टता लाने के उद्देश्य से स्टाम्प एक्ट में संशोधन किया। अब कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर सरकार को पूरी तरह घेरने की तैयारी कर चुकी है। कांग्रेस पदाधिकारियों का कहना है कि प्रदेश में लगातार घोटाले हो रहे हैं, लेकिन सरकार में थोड़ी भी नैतिकता नहीं है।
कांग्रेस का ये है गणित
कांग्रेस के अनुमान के मुताबिक चोटिया कोल ब्लाक प्राप्त करने वाली बालको कंपनी को सरकार के अध्यादेश लाने से 516 करोड़ रूपए का फायदा होगा। उसे अब 521 करोड़ की जगह मात्र छह करोड़ 96 लाख रूपए स्टाम्प ड्यूटी पटाना होगा। भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को निराधार बताया है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और विधायक शिवरतन शर्मा का कहना है कि केन्द्र सरकार द्वारा विभिन्न प्रदेशों के कोल ब्लाकों का आवंटन नीलामी के द्वारा किया गया है। साथ ही नीलामी से चयनित आवंटी को कोयला मंत्रालय द्वारा वेस्टिंग आर्डर जारी किये गये है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय स्टाम्प एक्ट पूरे देश में लागू है। अन्य राज्यों में जहां कोयला खदानें नीलामी से आवंटित की गई है, वहां भी स्टाम्प ड्यूटी की गणना रायल्टी के आधार पर ही की गई है। नीलामी की राशि को स्टाम्प ड्यूटी की गणना में किसी प्रदेश में नहीं जोड़ा गया है।
-टीपी सिंह के साथ संजय शुक्ला